हम कभी भी खुद से संतुष्ट नहीं रहते हैं, खासकर महिलाएं! किसी रोज़ हमें अपने बालों का रंग बदलना होता है, तो कभी त्वचा साफ करने के लिए हम किसी नये कारगर उपाय की खोज कर रहे होते हैं। अगर पतले हैं, तो ब्रेस्ट साइज़ की चिंता सताती है और अगर वज़न ज्यादा है तो परफेक्ट वेस्ट साइज़ में आने के लिए नये-नये डाइट प्लान अपनाने की कोशिश में हम व्यस्त रहते हैं।
परंतु इन सब से ऊपर अगर कुछ महत्वपूर्ण है, तो वो है खुद से प्यार करना! खुद में कमी न निकालकर अपने आकार-प्रकार को स्वीकार करना।
यही महत्वपूर्ण बात हमें सिखाता है इंटरनेशनल नो डाइट डे, जो हर वर्ष 6 मई को मनाया जाता है। मैरी एवंस द्वारा 1992 में शुरू किया गया यह दिवस शरीर की स्वीकृति का एक वार्षिक उत्सव है। जिसमें वसा स्वीकृति और शरीर के आकार की विविधता शामिल है। यह दिन किसी भी आकार में स्वास्थ्य पर ध्यान देने और एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के महत्व को समझाता है।
डाइटिंग के संभावित खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना
लोगों को बॉडी पॉजिटिविटी और खुद से प्यार करना सिखाना
स्वस्थ आहार-विहार का महत्व समझाना
खुद को बिना किसी गिल्ट के स्वीकार करना
यह दिवस कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखाता है, जिसे समझना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है, न कि किसी फैंसी डाइट को अपना या शेप में आने के लिए भारी एक्सरसाइज करना जो आपको कष्ट दे। अब इन सभी बातों का मतलब यह नहीं है कि आप सही आहार लेना बंद कर दें या व्यायाम करना छोड़ दें। बिल्कुल नहीं!
किसी भी नये डाइट प्लान को अपनाने से बेहतर है कि आप वही खाएं, जो आप हमेशा से खाते आ रहे हैं। किसी भी नये आहार को अडैप्ट करने में आपके शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। न चाहते हुए भी आपको स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।
हां.. माना कि आप वज़न कम करने की कोशिश कर रही हैं, तब भी पारंपरिक आहार आपके लिए सबसे सही है। बस संतुलित मात्रा में घर का बना खाना खाएं। आपका तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी!
खुद को स्वस्थ रखने के लिए हमेशा जिम या भारी ट्रेनिंग की ज़रुरत नहीं होती। एक साधारण व्यायाम या मॉर्निंग वॉक, नाचना, योगा करना आप कुछ भी चुन सकती हैं। ये सभी बेहद कारगर हैं। सेलिब्रिटी डायटीशियन रुजुता दिवेकर की मानें, तो एक्सरसाइज आपको करनी ही चाहिए और इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता। दिन में आधा घंटा या हर दूसरे दिन 60 मिनट।”
अगर आपने मैडिटेशन के बारें में सुना है और अभी तक सिर्फ इसलिए ट्राई नहीं कर पाए हैं कि यह कोई बड़ी साधना है! तो आप गलत हैं। ध्यान करने के लिए बस एक शांत वातावरण चुनिए। सीधे बैठकर आंखें बंद करके गहरी सांस लीजिए और खुद को महसूस कीजिए। जी हां.. यही ध्यान है, जब आप अपने मन की शांति में प्रवेश करते हैं और कुछ मिनट के लिए जीवन की भाग-दौड़ से ध्यान हटाते हैं। यकीन मानिए ये बेहद सरल है और आपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे सही है।
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