इस अध्ययन के अनुसार घरेलू हिंसा के संपर्क में आने वाले शिशुओं का धीमा होता है मानसिक विकास

घरेलू हिंसा वाले घरों में पैदा होने वाले शिशुओं में अक्सर न्यूरोडेवलपमेंटल लैग के कारण स्कूल में खराब प्रदर्शन रहता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट, खाने में परेशानी और सोने के साथ-साथ तनाव और बीमारी सहित विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के लिए भी यह जोखिम होता है।
gharelu hinsa ke sampark mein aane waale shishu ka mansik vikaas dheema hota hai
घरेलू हिंसा के संपर्क में आने वाले शिशुओं का धीमा होता है मानसिक विकास। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 23 Sep 2021, 19:30 pm IST
  • 98

एक नए अध्ययन से पता चला है कि घरेलू हिंसा वाले घरों से आने वाले शिशुओं में अक्सर न्यूरोडेवलपमेंटल लैग (neurodevelopmental lags) के कारण स्कूल में खराब प्रदर्शन होता है और विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य मुद्दों के लिए भी यह एक जोखिम कारक है। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की बीमारी (gastrointestinal distress), खाने और सोने में परेशानी, साथ ही साथ तनाव और अन्य बीमारियां हो सकती है। 

इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘मेटर्नल एण्ड चाइल्ड हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित हुए थे।

1983 में समय से पहले प्रसव आने वाली एक  गर्भवती महिला का आकलन करते समय, लिंडा बुलॉक ने महिला पर चोट के निशान देखे। जब उसने पूछा कि क्या हुआ, तो महिला ने बुलॉक को बताया कि रसोई घर की सफाई करते समय रेफ्रिजरेटर उसके ऊपर गिर गया था।

बुलॉक ने कहा, “कुछ ठीक नहीं लग रहा था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि उस समय क्या कहना है। मैं आगे की प्रक्रिया में लग गई।” लिंडा बुलॉक अब यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी सिनक्लेयर स्कूल ऑफ नर्सिंग में प्रोफेसर एमेरिटा है।

bacho par ho sakta hai gharelu hinsa ka bura asar
बच्चों में हो सकती है घरेलू हिंसा का बुरा असर। चित्र : शटरस्टॉक

लिंडा बुलॉक ने कहा, “हमने उस महिला का लेबर रोक दिया और घर भेज दिया, लेकिन मैं यह निश्चय के साथ कह सकती हूं कि मैंने उसे एक अपमानजनक रिश्ते में वापस भेज दिया। इसने मेरे अंदर ऐसी महिलाओं की सहायता करने के लिए  मेरी रुचि को जगाया। उस समय हम नहीं जानते थे कि बच्चे पर हिंसा का क्या प्रभाव पड़ता है।”

बुलॉक ने ग्रामीण मिसौरी में डमेस्टिक वाइलेंस पेरीनेटल होम विज़िट (DOVE) कार्यक्रम को लागू करने में मदद की, जिसने सैकड़ों गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षा योजना और घरेलू हिंसा को कम किया।

इस योजना से यह पता चला कि गर्भावस्था के दौरान और बाद में दुर्व्यवहार करने वाली कई महिलाओं के नौ अलग-अलग रोमांटिक साथी थे। बुलॉक ने नवजात शिशुओं के न्यूरोडिवेलपमेंटल विकास की जांच करने के लिए एक अध्ययन किया।

अपने बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर नज़र रखें

अध्ययन को आगे बढ़ाते हुए, बुलॉक ने तीन, छह और बारह महीनों के शिशुओं के घर का प्रशिक्षण किया। उन्हे यह देख कर हैरानी हुई कि जिन बच्चों की मां का संबंध दुर्व्यवहार करने वाले केवल एक पुरुष साथी से है, उनके बच्चों का विकास कम है। वहीं दूसरी ओर कई पुरुष भागीदारों वाली महिलाओं के शिशुओं का विकास अच्छा है । इनमें से केवल कुछ पुरुष ही गाली-गलौज करते थे।

apne bacho par koi nakaratmak prabhaw na padne de
अपने बच्चों पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़ने दें। चित्र: शटरस्टॉक

बुलॉक ने कहा, “निष्कर्ष से यह पता चलता है कि कैसे अलग-अलग पिता विभिन्न तरीकों से बच्चे को पालने में मदद करते है। वे मां को अपने बच्चे के पालन-पोसन में मदद कर रहे हैं, चाहे वह भोजन,घर , बच्चे की देखभाल या वित्तीय रूप से लाभ प्रदान करना हो।”

बुलॉक ने कहां, “केवल एक साथी वाली महिला जिसका पति उनके साथ दुर्व्यवहार करता है, ने कोई शारीरिक या वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की। अपने बच्चे के जीवन में उसकी कोई सक्रिय भूमिका नहीं है। व्यस्त, अकेली माताओं के लिए यह मुश्किल हो सकता है कि वह हर रूप से अपने बच्चे का विकास कर पाए।” 

बुलॉक ने कहा कि घरेलू हिंसा वाले घरों के शिशुओं में अक्सर न्यूरोडेवलपमेंटल लैग (neurodevelopmental lags) के कारण स्कूल में खराब शैक्षणिक परिणाम होते हैं। यह  विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य मुद्दों के लिए भी एक जोखिम होता है, जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट (gastrointestinal distress), खाने और सोने में परेशानी, साथ ही साथ तनाव और बीमारी भी शामिल है। .

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

बुलॉक ने कहा, “जब नर्सें गर्भवती महिलाओं और उनके विकासशील बच्चों की जांच करने के लिए घरों का दौरा कर रही हैं, तो हम चाहते हैं कि उन्हें संभावित अंतरंग साथी हिंसा के चेतावनी संकेतों को पहचानने में प्रशिक्षित किया जाए।”

bachcho se khulkar bat karna zaruri hai
यह जरूरी है कि बच्चों से हर मुद्दे पर खुलकर बात करें। चित्र: शटरस्टॉक

“मैं अभी भी 1983 के बारे में सोचती हूं जब मैंने उस महिला को एक भयानक स्थिति में घर वापस भेज दिया था। उसके बाद से मैं यह सुनिश्चित करती हूं  कि अपनी नर्सों की मदद के साथ मैं वही गलती दुबारा ना करूं,” बुलॉक ने जारी रखते हुए कहा।

इस अध्ययन के लिए फन्डिंग राष्ट्रीय नर्सिंग अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रदान किया गया था। अध्ययन में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और वर्जीनिया विश्वविद्यालय भी सहयोगी के रूप में शामिल थे।

यह भी पढ़ें: World Alzheimer’s Day: आपके अकेलेपन के साथ बढ़ सकता है अल्जाइमर्स और डिमेंशिया का जोखिम

  • 98
लेखक के बारे में

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख