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मंकीपॉक्स ने दी भारत में दस्तक, यौन संपर्क से भी फैल सकता है यह वायरस

भारत के केरल राज्य में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज हुआ है। वहीं डबल्यूएचओ ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमर्जेंसी घोषित किया है, वहीं विशेषज्ञों की टिप्पणी और भी ज्यादा चिंता बढ़ा रही है।
चिकनपॉक्स भी मंकीपॉक्स जैसा दिखा सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
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65 देशों को अपना शिकार बनाने के लिए अब मंकीपॉक्स नें भारत (Monkeypox in India) में भी दस्तक दे दी है। केरल में एक 35 वर्षीय व्यक्ति जो तीन दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटा था, उसके इस बीमारी से पीड़ित होने की आज पुष्टि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है। लोगों की चिंता इस बात से भी बढ़ गई है कि मंकीपॉक्स का वायरस किसी अन्य यौन संचरित रोग (monkeypox transmission by sex) की तरह सेक्स के माध्यम से भी फैल सकता है।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स 

  1. विशेषज्ञों के मुताबिक वायरल संक्रमण, मंकीपॉक्स (Monkeypox) किसी संक्रमित व्यक्ति या संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से फैल सकता है।
  2. उनके शरीर के तरल पदार्थ या वायरस से दूषित किसी भी सामग्री के संपर्क में आने से भी इसके फैलने की संभावना है।
  3. अंतरंग शारीरिक संपर्क (Intimate Physical Contact) , जैसे चुंबन, गले लगाने और सेक्स के माध्यम से भी यह फैल रहा है।
  4. सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन (CDC) के अनुसार, यह वायरस फटी हुई त्वचा, श्वसन पथ, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है।
मंकी बी वायरस के मामले डराने वाले हैं। चित्र- शटरस्टॉक

आपको जानने चाहिए मंकीपॉक्स के लक्षण 

मंकीपॉक्स के लिए इंक्यूबेशन पीरियड लगभग 1-2 सप्ताह है। इसके प्रमुख लक्षणों में (Monkeypox Symptoms) बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इसमें कुछ दिनों बाद लिम्फ नोड में वृद्धि होना, जिसमें चेहरे पर पहले दाने विकसित होने लगते हैं और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं।

सीडीसी के अनुसार ट्रेवल कर रहे लोगों को कम से कम 3 सप्ताह तक खुद को हॉस्पिटल या किसी आईसोलेशन में रखना चाहिए। क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार इसके फैलने का तरीका बिल्कुल किसी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डीजीज (STI) के समान है।

यौन संक्रामक भी है मंकीपॉक्स 

संक्रामक रोग विशेषज्ञ और एचआईवी / एसटीडी के सलाहकार डॉ. ईश्वर गिलाडा ने ट्विटर के माध्यम से कहा है कि मंकीपॉक्स किसी भी अन्य यौन संचारित रोग की तरह है और यह कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे इमेर्जेंसी की तरह घोषित क्यों नहीं कर रहा है।

डॉ गिलाडा ने एएनआई को बताया “डब्ल्यूएचओ इसे घोषित नहीं कर रहा है क्योंकि यह उन लोगों के खिलाफ किसी तरह का भेदभाव पैदा करेगा जो वर्तमान में इससे संक्रमित हैं।” उनका यह बयान केरल में देश में पहला मामला सामने आने के बाद यह आया है।

पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुषों में तेज़ी से बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले

बता दें कि लगभग 99% मामले वर्तमान में ऐसे हैं जिनमें पुरुष किसी अन्य पुरुष के साथ यौन संबंध में है। ऐसे लगभग 80% मामले यूरोप, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हैं”।

मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने से भी फैल सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

विशेष रूप से, डॉ. गिलाडा के पुरुषों में सेक्स के कारण मंकीपॉक्स फैलने के बयान की पुष्टि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट से संबन्धित है जो इस साल मई में सामने आई थी। आज तक, 50 से अधिक देशों में इस बीमारी के कुल 10,000 से अधिक पुष्ट मामले हैं और उनमें से अधिकांश यूरोप में हो रहे हैं।

तो क्या मंकीपॉक्स यौन संपर्क से फैलता है?

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि यह बीमारी उन लोगों के बीच फैल सकती है जो साथ रहते हैं या सेक्सुअली एक्टिव हैं। इससे यह भी पता चलता है कि मंकीपॉक्स वाहक द्वारा संक्रमित वस्तुओं और कपड़ों (कपड़े, बिस्तर या तौलिये) को छूने सहित अंतरंग संपर्क से भी संक्रमण हो सकता है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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