अगर आपको भी इंजेक्‍शन देखकर रोना आने लगता है? तो ये हो सकते हैं नीडल फोबिया के लक्षण

सुई से डर लगने का कारण कुछ भी हो सकता है। ये बचपन में किसी दर्दनाक घटना की याद से भी हो सकता है या किसी अपने को लंबे उपचार से गुजरते हुए देखने के कारण भी हो सकता है।
बच्‍चों ही नहीं बड़े-बड़ों को भी सूईं लगने से डर लगता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
बच्‍चों ही नहीं बड़े-बड़ों को भी सूईं लगने से डर लगता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 6 Jul 2021, 11:40 am IST
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दुनिया भर के कई देशों में COVID-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से, कुछ लोग शॉट लेने से हिचकिचा रहे हैं। फॉक्स ऑनलाइन फार्मेसी के डॉ डेबोरा ली के अनुसार इसका एक कारण ‘नीडल फोबिया’ या ट्रिपैनोफोबिया है, जो सुइयों से अत्यधिक डर के कारण होता है, ये एक मनोरोग स्थिति होती है।

पहचानिए नीडल फोबिया के लक्षण

ऐसे लोग जो सूईं से डर का अनुभव करते हैं। उनका रक्तचाप निम्न (वेसोवागल रिएक्शन) हो जाता है, जिससे उन्हें हल्का-हल्का महसूस होता है और सुइयों के बारे में सोचते समय वे बेहोश भी हो सकते हैं।

सुईं के संपर्क में आने से पहले या उस समय दिल की धड़कन का असंतुलित हो जाना भी इसका एक लक्षण हैं। सुईं लगने से कुछ दिन पहले अनिद्रा का अनुभव करना भी इसका एक लक्षण है।

सुईं से डरने का ये कारण भी हो सकता है

याहू यूके ने डॉ डेबोरा का हवाला देते हुए लिखा है कि नीडल फोबिया का कारण बचपन में एक दर्दनाक घटना से लेकर या अपने किसी प्रियजन को लंबे इलाज से गुजरते हुए देखना भी हो सकते हैं।

कोविड -19 वैक्सीन के ये दुष्प्रभाव वास्तव में बहुत हल्के हैं। चित्र : शटरस्टॉक
कोविड -19 वैक्सीन के ये दुष्प्रभाव वास्तव में बहुत हल्के हैं। चित्र : शटरस्टॉक

क्या कहता है मेटा-विश्लेषण

नीडल फोबिया की स्थिति लंबे समय से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या रही है। 2019 में कई देशों में किए गए एक मेटा-विश्लेषण में, लगभग 16 प्रतिशत वयस्क फ्लू शॉट्स से बचते हैं, क्योंकि वे सुइयों से डरते हैं।

नीडल फोबिया के बारे में क्लिनिकल साइकोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर मेघन मैकमुर्ट्री कहती हैं कि विभिन्न देशों में किए गए अध्ययनों के अनुसार, ये पाया गया है कि हर 10 में से एक व्यक्ति इतना भयभीत है कि वे टीकाकरण से पूरी तरह इनकार कर देते हैं।

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कनाडा के गुएलफ विश्वविद्यालय में काम करने वाली मेघन के अनुसार, प्रशासन द्वारा वैक्सीन की हिचक को कम करने के लिए कुछ प्रयास किए जा सकते हैं। प्रशासन जो उपाय कर सकता है, उनमें से एक ये है कि उन्हें नीडल फोबिया से पीड़ित लोगों से पूछना चाहिए कि उन्हें क्या समस्या होती है जिससे वैक्सीन लगाने में मदद मिले।

नीडल फोबिया में काउंसलिंग भी मददगार हो सकती है। चित्र- शटरस्‍टॉक
नीडल फोबिया में काउंसलिंग भी मददगार हो सकती है। चित्र- शटरस्‍टॉक

ये तीन हैक्‍स नीडल फोबिया से निपटने में कर सकते हैं आपकी मदद

TIME के अनुसार, आप इंजेक्शन लगाते समय दूर देख सकती हैं।
आप संगीत सुनने जैसी गतिविधियां कर सकती हैं।
कोरोना वायरस वैक्सीन शॉट प्राप्त करते समय अपना ध्यान कहीं और भटका सकती हैं।

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