World No Tobacco Day : तंबाकू की पत्तियों का खाने में कर रहीं प्रयोग, तो गर्भपात और दिल की बीमारी होने का बढ़ जाता है कई गुना जोखिम
तम्बाकू या टोबैको की पत्तियों को आमतौर पर काटा जाता है। फिर उसे सुखाया जाता है। इसे पाइप स्मोक या सिगरेट में नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि गांवों में तम्बाकू के पत्तों का व्यंजनों में भी उपयोग किया जाता है। जहां वे सूक्ष्म, कड़वी गर्मी प्रदान करते हैं। इन्हें चावल के साथ पकाया जाता है। जंगली फल और फूल और मछली, मांस को पकाने के लिए भी इसके धुंएं का इस्तेमाल किया जाता है। गांव में पारम्परिक चिकित्सा का प्रयोग करने वाले मानते हैं कि व्यस्क (Adolescents), गर्भवती महिलाओं (pregnant women) और दिल के मरीज (heart patients) को तम्बाकू के पत्ते वाली डिशेज नहीं (Tobacco dishes side effects) खानी चाहिए। स्वास्थ्य के लिए तंबाकू हानिकारक है, इसलिए इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day-31 May)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने लोगों में सार्वजनिक स्वास्थ्य, समुदाय और पर्यावरण को तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाना शुरू किया था। वार्षिक विश्व तंबाकू निषेध दिवस अभियान (31 मई) तंबाकू के उपयोग के हानिकारक और घातक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम है-हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं (We need food, not tobacco) ।
भोजन में तंबाकू के पत्तों का प्रयोग (Tobacco leaves dishes)
तम्बाकू के पत्ते खाद्य पदार्थ नहीं हैं। इसके बावजूद इनका उपयोग खाना बनाने में किया जाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. केशव चौहान के अनुसार, तम्बाकू के पत्ते विषाक्तता के तीव्र जोखिम से जुड़े हुए हैं। कटे हुए स्थान पर एंटीसेप्टिक के रूप में तम्बाकू के पत्ते लगाए जा सकते हैं। इससे खून बहना बंद हो सकता है।
चिंता और तनाव बढ़ाता है (Tobacco causes Anxiety and depression)
यह एक आम धारणा है कि तम्बाकू के पत्ते से स्मोकिंग करने पर आराम मिल सकता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार, तंबाक वास्तव में चिंता और तनाव को बढ़ाता है। समय के साथ धूम्रपान करने वालों में अवसाद विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। तम्बाकू का नशीला तत्व निकोटिन सुरक्षित नहीं है। चाहे इसे खाया जाए, छुआ जाए या सूंघा जाए। हल्के निकोटीन विषाक्तता के लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त जैसी पेट की समस्याएं शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में चक्कर आना, पसीना आना, सिरदर्द, अति सक्रियता या बेचैनी भी हो सकती है।
मिसकैरेज का जोखिम (Miscarriage from tobacco)
गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से अजन्मे बच्चे में टिश्यू क्षति हो सकती है। विशेष रूप से फेफड़े और मस्तिष्क में यह डैमेज हो सकता है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन के कारण गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से गर्भपात और समय से पहले प्रसव (Preterm Birth) सहित कई तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने पर बच्चे के बड़े होने पर अचानक मृत्यु, कमजोर फेफड़े और कम वजन का जोखिम अधिक होता है।
व्यस्क के लिए हानिकारक (Tobacco side effect for adolescent)
निकोटीन के संपर्क में आने से किशोर मस्तिष्क के विकास पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है। सिगरेट पीने से बच्चों और किशोरों को सांस लेने में तकलीफ होती है। उनके शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है। शारीरिक क्षमता और प्रदर्शन दोनों प्रभावित हो सकते हैं। फेफड़ों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। तम्बाकू के लगातार सेवन से हार्ट प्रॉब्लम की भी संभावना बढ़ जाती है।
कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा (Coronary Heart Disease from Tobacco)
तंबाकू रक्त वाहिकाओं में पट्टिका (plaque in blood vessels) का निर्माण कर सकता है। इससे कोरोनरी हार्ट डिजीज प्रॉब्लम हो जाती है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों में ब्लड ले जाने वाली धमनियां प्लाक के कारण संकुचित हो जाती हैं। इसके कारण ब्लड क्लॉट हो जाता है। निकोटिन ब्लड को गाढ़ा करते हैं। नसों और धमनियों के अंदर थक्के बनने लगते हैं।
अंत में
तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए इसे नशे के तौर पर लेने को जल्दी से जल्दी खत्म कर लेना चाहिए।
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