एक्सपर्ट से जानिए ओमिक्रोन होने पर कितने दिन आइसोलेशन में रहना है जरूरी
कोविड-19 के कम्युनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए यह जरूरी है कि संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन का सही तरीके से पालन करें। यहां एक्सपर्ट बता रहे हैं कुछ जरूरी बातें।
कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने और #Delmicron# के समुदायिक प्रसार के चलते चारों तरफ डर का माहौल है। हाल के घटनाक्रमों से यह साफ हो गया है कि तेज प्रसार की वजह से वायरस का यह वेरिएंट चिंता का विषय बेशक है, लेकिन कम खतरनाक है। अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण दिखायी दे रहे हैं और मरीज़ घर में ही आइसोलेट (Home isolation) कर तथा कुछ महत्वपूर्ण बातों का पालन कर, बाकी लोगों को संक्रमण (Community spread) के खतरों से बचा सकते हैं। ये महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं।
ओमिक्रोन, कोविड-19 या डेल्मीक्रोन से संक्रमित मरीजों के लिए दिशा निर्देश
घर के दूसरे सदस्यों से अलग रहें, एक निश्चिम कमरे में विश्राम करें और घर के दूसरों सदस्यों, खासतौर से बुजुर्गों तथा अन्य रोगों से ग्रस्त मरीज़ों से दूर रहें।
हवादार कमरे में आराम करें जिसमें हवा के आने-जाने के लिए खिड़कियां लगी हों
शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए मरीज़ को आराम करने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए
बार-बार हाथों को धोएं
कमरे में बार-बार स्पर्श की जाने वाली सतहों की अच्छी तरह से सफाई करें
मरीज़ हर दिन अपने स्वास्थ्य पर नज़र रखे और अपना दैनिक तापमान तथा ऑक्सीजन स्तर जांचे।
लक्षणों में कोई भी गिरावट आने पर तत्काल हैल्थ एक्सपार्ट से परामर्श करें
आइसोलेशन में कब तक रहें
घर में आइसोलेशन कम से कम 7 दिनों तक रहना चाहिए, और लगातार 3 दिनों तक बुखार न होने पर ही आइसोलेशन से बाहर आना चाहिए। आइसोलेशन के बाद भी मास्क पहनकर रखें। होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद दोबारा जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
अधिक जोखिम वाले मरीज़ों को रखनी चाहिए विशेष सावधानी
60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मरीज़ों तथा अन्य रोगों/विकारों जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, हृदय रोग, क्रोनिक लंग/लिवर/किडनी रोग, सेरीब्रोवास्क्युलर रोग आदि को उपचार करने वाले डॉक्टर द्वारा जांच तथा समुचित मॉनीटरिंग एवं टेलीफोन पर फॉलोअप के बाद ही होम आइसोलेशन में रखना चाहिए।
चेतावनी के लक्षण – जिन्हें देखते ही तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए
यदि तीन दिनों से ज्यादा समय तक तेज़ बुखार (100° F या अधिक) सांस लेने में तकलीफ रूम एयर में कम से कम तीन रीडिंग्स में ऑक्सीजन लैवल 93% से कम आए या रेस्पीरेशन रेट 24/मिनट हो सीने में लगातार दर्द/दबाव बना रहे, दिमागी भ्रम अथवा रिस्पॉन्ड करने में अक्षमता महसूस हो अत्यधिक थकान या मांसपेशियों में दर्द हो तो उस स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी आवश्यक है।
Dr Neha Rastogi Panda is Consultant, Infectious Disease, Fortis Hospital, Gurugram, has a rich & varied experience of over 10 years. She is a specialized medical professional in the management of infectious diseases of both national and international importance – COVID-19 with its sequelae, Tuberculosis - drug resistant, T.B of lung and other body sites, HIV infection and tropical infections- malaria, dengue, leptospirosis, and scrub typhus. She also has experience in diagnosis and management of transplant- both hematopoietic and solid organ transplant and cancer-related infections. She also had enormous experience in managing difficult fungal infections, deep seated joint and bone infections. ...और पढ़ें