तीन से चार दिन ही रहता है इस वायरस का असर, जानिए क्यों अब तक नहीं हो रहे थे एचएमपीवी के टेस्ट

HMPV वायरस पुराना है लेकिन इसके लेटेस्ट (hmpv latest) केसेस भारत में मिलने लगे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये वायरस नया नहीं है लेकिन लोग ये सवाल जरूर पूछ रहे हैं कि अगर वायरस पुराना है तो फिर इलाज क्या है?
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HMPV वायरस कई बीमारियों को जन्म देता है। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 10 Jan 2025, 07:03 pm IST
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अंदर क्या है

  • HMPV के बारे में लेटेस्ट जानकारी 
  • क्यों अचानक बढ़ रहे हैं HMPV के केसेस?
  • HMPV डायग्नोस करने में दिक्कत क्या?
  • क्यों महंगा है HMPV को पहचानना

सर्दी जुकाम के लक्षण लिए कोरोना ने इसी मौसम में आज के लगभग 4 साल पहले दस्तक दी थी। और आज फिर एक वायरस ने देश भर की हेडलाइन्स पर कब्जा कर लिया है। वायरस का नाम है HMPV। अब तक भारत में 8 मरीज इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इस पर बहस जारी है कि HMPV वायरस कितना खतरनाक है और अगर इसके लक्षण कोरोना जैसे हैं तो इसके खतरे तो वैसे नहीं। वैज्ञानिकों के अनुसार HMPV वायरस (HMPV latest) नया नहीं है लेकिन लोग ये सवाल जरूर पूछ रहे हैं कि अगर वायरस पुराना है तो फिर इलाज क्या है? आज हम ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब जानेंगे एक्सपर्ट की मदद से।

HMPV वायरस के बारे में हम अब तक क्या जानते हैं? ( What do we know about latest HMPV Virus)

HMPV वायरस का पूरा नाम है – ह्यूमन मेटापनेमोनिया वायरस। इस वायरस से पीड़ित लोगों में आमतौर पर सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बच्चों, बुजुर्गों और खासकर वे लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें इस वायरस के जद में आने के खतरे ज्यादा होते हैं।

2001 में डिस्कवर किया गया ये वायरस अभी कई देशों में अपने पांव पसारना शुरू कर चुका है। हालांकि कुछ रिसर्चर्स ये कहते हैं कि ये उससे भी पुराना है, तकरीबन 60 साल पुराना। अमेरिका के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर इन्फेक्शियस बीमारियों के डॉक्टर ली हॉवर्ड के अनुसार, इस वायरस के लक्षण ऐसे बिल्कुल नहीं हैं जो इसे सर्दी,जुकाम जैसी बीमारियों के लक्षण से अलग करें। इसलिए इसका टेस्ट डॉक्टर्स रेयरली करते हैं।

ऐसा तभी हो पाता है जब किसी की तकलीफ इतनी बढ़ जाए जब उसे हॉस्पिटलाइज होना पड़े। इसी वजह से ये वायरस इतने साल से बना हुआ है और जब इसका खतरा नजर आता है, तब ये चर्चा में आ जाता है।

क्यों अचानक बढ़ रहे हैं HMPV के केसेस? ( Reasons Of Rise in HMPV cases)

वायरलॉजिस्ट डॉक्टर ईश्वर पी गिलादा के अनुसार, हमें ये बात दिमाग़ से निकाल देनी चाहिए कि HMPV के केसेस अचानक आए हैं। ये ऐसे केसेस पहले भी आ चुके हैं। पिछले ही साल गोरखपुर यूपी के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में निमोनिया से पीड़ित 100 बच्चों में से 4 बच्चे HMPV पॉजिटिव पाए गए थे। तो यह नया नहीं है।

HMPV वायरस सर्दियों में ज्यादा फैलता है। चित्र – अडोबी स्टॉक

जहां तक चीन की बात है, चीन में केवल यही वायरस नहीं बहुत सारे वायरस अब तक असर दिखा रहे हैं। चूंकि वहां लंबे समय तक लॉक डाउन था और ये अचानक खुला। इससे अचानक एक भीड़ बहुत नजदीक आ गई। लोगों के मिलने जुलने में, पब्लिक प्लेसेस में भीड़ बढ़ने लगी। इससे जो माइल्ड वायरस भी थे उसे पनपने की जगह मिल गई। HMPV उनमें से ही एक है।

HMPV डायग्नोस करने में दिक्कत क्या?

हमने डॉक्टर गिलादा से ये सवाल भी पूछा कि अगर HMPV इतना ही आम वायरस है तो इसे डायग्नोस करने में दिक्कत क्या है ? इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि इसकी कई वजहें हैं। पहला तो इसका इलाज नहीं बना। दूसरा ये कि इसके लक्षण आम सर्दी- जुकाम जैसे ही हैं। अब इस वजह से पेशेंट तुरंत आते ही नही।

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एचएमपीवी वायरस को डायग्नोस करना सामान्य वायरस से मुश्किल है। चित्र – अडोबी स्टॉक

इस वायरस का असर आम तौर पर तीन से चार दिन ही रहता है। जब तक पेशेंट आते हैं तब तक वायरस का असर समाप्त हो जाता है। दूसरा डॉक्टर्स भी अमूमन इस खतरे की ओर नहीं देखते। अंग्रेजी में एक कहावत है – Eyes do not see, when mind does not know. आपके सामने चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति आ जाए, अगर आपका दिमाग उन्हें नहीं जानेगा तो आपकी आँखें उसे कैसे देखेंगी? यही इस वायरस के साथ है। जब तक हम ये सोचेंगे ही नहीं कि HMPV भी किसी इन्फेक्शन का कारण हो सकता है। हम टेस्ट कैसे करेंगे और क्यों करेंगे?

महंगा है HMPV को पहचानना (HMPV Test is expensive)

डॉक्टर गिलादा ने हमें इसका एक और कारण बताया। उनके अनुसार, HMPV का पता लगाने के लिए नॉर्मल टेस्ट काफी नहीं है। कई बार ये आरटी पीसीआर के जरिए जरूर डायग्नोस कर लिया जाता है लेकिन बहुत बार ऐसा नहीं होता। उसके लिए हमें मल्टीप्लेक्स पीसीआर जैसे टेस्ट करने पड़ते हैं।

इस टेस्ट की लागत अमूमन 17 से 18 हजार होती है। अब ये बताइए कि कौन सा पेशेंट सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के लिए इतना खर्च करेगा? यही कारण है कि जब इमरजेंसी स्थिति बनती है, तभी डॉक्टर ये टेस्ट करते हैं और लोग भी तभी तैयार होते हैं। इसीलिए ये डायग्नोस भी बहुत कम ही हो पाता है।

क्या कह रहे हैं WHO और चीन? (WHO and China On HMPV Virus)

चीन ने ये मान जरूर लिया है कि HMPV (HMPV latest) के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन उसने इसके किसी बड़े खतरे से इनकार किया है। उसका कहना है कि चूंकि कोरोना वायरस एक नया स्ट्रेन था, इसलिए उससे लड़ने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम तैयार नहीं था लेकिन HMPV के साथ ऐसा नहीं है। चाइना डिजीज कंट्रोल सेंटर के डायरेक्टर चेन बायो ने बताया कि ये 14 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में फैल रहा है और उत्तरी चीन में इसके असर ज्यादा हैं।

इस वायरस को लेकर WHO ने अब तक कोई बड़ी चिंता नहीं जताई है। हालांकि ये जरूर है कि WHO ने चीन से HMPV पर हर हफ्ते (HMPV latest) रिपोर्ट देने को कहा है ताकि इसके असर के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके। WHO ने ये भी कहा है कि अब तक HMPV का प्रॉपर कोई इलाज नहीं बनाया है , ना ही इसे लेकर कोई वैक्सीन बनाई गई है लेकिन इस पर और डिटेल मिलते ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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