Sarcoma in women : महिलाओं में एक दुर्लभ और खतरनाक कैंसर है सारकोमा, जानिए इसके बारे में सब कुछ

जानलेवा कैंसर महिलाओं को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से यह यूट्रस की परेशानी को बढ़ा देता है। आज भी महिलाओं में सारकोमा कैंसर से जुडी जानकारी की कमी है, इसलिए इसके प्रति जागरूक होना जरुरी है।
sarcoma
सारकोमा सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, जो बाल चिकित्सा कैंसर का 15 प्रतिशत है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 2 Oct 2024, 06:00 pm IST
  • 145

सारकोमा दुर्लभ और आक्रामक प्रकार का कैंसर है, जो सॉफ्ट टिश्यू या हड्डियों से उत्पन्न होता है। वयस्कों में सभी कैंसरों में लगभग 1 से 2 प्रतिशत सारकोमा के मामले देखने को मिलते हैं, इन कैंसरों को विशेष रूप से आक्रामक माना जाता है, क्योंकि ये ब्लड फ्लो के माध्यम से फेफड़ों जैसे प्रमुख अंगों में तेजी से फैलते हैं, इसलिए इसका मृत्यु दर भी अधिक होता है। ये जानलेवा कैंसर महिलाओं को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से यह यूट्रस की परेशानी को बढ़ा देता है। हालांकि, आज भी महिलाओं में सारकोमा कैंसर से जुडी जानकारी की कमी है, इसलिए इसके प्रति जागरूक होना जरुरी है (Sarcoma in women)।

डॉ. रेशमा पुराणिक, कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटोन्कोलॉजिस्ट, डीपीयू सुपर
स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे ने महिलाओं में सारकोमा कैंसर से जुडी कई जानकारी दी है (Sarcoma in women)। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, इस बारे में सब कुछ।

जानें सारकोमा कैंसर क्या है (what is Sarcoma cancer)?

सारकोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है (Sarcoma cancer)। यह महिला एवं पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह शरीर के संयोजी ऊतक में बनता है, जिसमें मांसपेशी, हड्डी, फैट और नर्व शामिल हैं। सारकोमा किसी भी उम्र में और शरीर के किसी भी हिस्से में पनप सकता है। मगर महिलाओं के लिए यह और भी अधिक खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इससे उनके प्रजनन अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।

हालांकि समय रहते इसका निदान कर लिया जाए, तो सारकोमा का इलाज किया जा सकता है।

reproductive health
सभी महिलाओं को होनी चाहिए रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुडी जानकारी। चित्र: शटरस्टॉक

क्या हैं महिलाओं में सारकोमा के आकड़ें

वयस्कों में सभी कैंसरों में लगभग 1 से 2 प्रतिशत सारकोमा के मामले देखने को मिलते हैं। महिलाओं में सारकोमा की घटना कम है। यूटराइन सारकोमा, जिसे लेयोमायोसारकोमा भी कहा जाता है, इसका सबसे आम प्रकार है। लेयोमायोसारकोमा गर्भाशय कैंसर का लगभग 2 से 5 प्रतिशत हिस्सा है। महिलाओं में सॉफ्ट टिश्यू सारकोमा की कुल घटना 100,000 में 2 है।

जानें किन महिलाओं को होता है अधिक खतरा (Sarcoma in women)

एक्सपर्ट के अनुसार “सॉफ्ट टिश्यू सारकोमा 50 से 70 वर्ष की आयु की महिलाओं में बहुत आम है। गर्भाशय सारकोमा भी आमतौर पर इसी आयु वर्ग में होता है। सारकोमा के लिए कुछ जोखिम करक में हेरिडेटरी जेनेटिक सिंड्रोम, बढ़ती उम्र, रासायनिक कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आना, पिछले विकिरण उपचार, पुरानी जलन और लिम्फेडेमा शामिल हैं। हालांकि, ज्यादातर मरीजों में कोई विशेष जोखिम कारक नहीं होते।”

यह भी पढ़ें :  Digestive Cancer : पाचन संबंधी समस्याओं को इग्नोर न करें, इन 5 तरह के कैंसर की हो सकती हैं दस्तक

पोल

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बंद कर देने चाहिए स्कूल?

सरकोमा की स्थिति में महिलाओं में नज़र आ सकते हैं ये लक्षण

हालांकि, सरकोमा के लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं, पर विशेष रूप से महिलाओं में लेयोमायोसारकोमा देखने को मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप योनि से ब्लीडिंग, जैसे कि पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग या स्पॉटिंग नज़र आना। अन्य लक्षणों में पेल्विक में दर्द, या श्रोणि क्षेत्र या पेट में द्रव्यमान या परिपूर्णता शामिल है (mass or fullness in the pelvic area or abdomen)।

Patient ko dein antibiotic ki jaankaari
सारकोमा के लिए प्राथमिक उपचार के तौर-तरीकों में सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं. चित्र: शटरस्टॉक

एक्सपर्ट से जानें क्या है इसका उपचार (Sarcoma cancer treatment)

प्रारंभिक चरण के सारकोमा को ठीक किया जा सकता है, खासकर जब वे एक क्षेत्र तक स्थित होते हैं और ऑपरेशन योग्य होते हैं। शुरूआती स्टेज में इसका निदान बहुत महत्वपूर्ण है। सारकोमा के लिए प्राथमिक उपचार के तौर-तरीकों में सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं, कुछ रोगियों को कीमोथेरेपी की भी आवश्यकता हो सकती है।

एडवांस स्टेज के मरीजों में, जहां कैंसर फेफड़ों या हड्डियों जैसे अन्य अंगों में फैल जाता है, उपचार के विकल्प अधिक सीमित हैं। इन मामलों को बीमारी का स्टेज 4 माना जाता है, और मुख्य उपचार विकल्प कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी हैं। आजकल, निदान में प्रगति के साथ, हम कई लक्ष्यों का पता लगाने के लिए ट्यूमर टिश्यू पर एनजीएस परीक्षण जैसे आणविक पैनलों की जांच करते हैं, और हमारे पास सारकोमा के लिए इस रिपोर्ट के अनुसार कई लक्षित टार्गेटेड थेरेपी भी हैं।

यह भी पढ़ें :  Female Prostate Cancer : महिलाओं को भी हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके बारे में सब कुछ

  • 145
लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख