International Childhood Cancer Day 2023 : जंकफूड और मिलावटी भोजन भी बन सकता है बच्चों में कैंसर का कारण

बच्चों में कैंसर के खतरे को कम करने की शुरुआत मां के गर्भ से होती है। ऐसे में मां बाप को प्रेगनेंसी पीरियड से लेकर 14 साल की उम्र तक बच्चों की सेहत के प्रति खास सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।
childhood cancer
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 2023 पर जानें क्या हैं इसके लक्षण, कारण और उपचार। चित्र एडॉबीस्टॉक।
अंजलि कुमारी Published: 14 Feb 2023, 19:07 pm IST
  • 123

चाइल्डहुड कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या है। बचपन में होने वाला कैंसर जितना पीड़ित बच्चे के लिए घातक है, उतना ही उनके मां-बाप के लिए भी। चाइल्डहुड कैंसर (childhood cancer) बच्चों में होने वाली मौत का नौंवा सबसे बड़ा कारण है।

वहीं डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा 2021 में प्रकाशित डेटा के अनुसार हाई इनकम कंट्री में लगभग 80% तक कैंसर से पीड़ित बच्चों की जान बच जाती है। वहीं लो और मिडल इनकम वाली कंट्री में 30% से भी कम बच्चों की जान बच पाती है। ऐसे में भारत के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में चाइल्डहुड कैंसर डे (International childhood cancer day) के अवसर पर आज हेल्थशॉट्स के साथ जानेंगे भारत में क्या है चाइल्डहुड कैंसर की स्थिति, साथ ही इसके कारण, लक्षण और इससे बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय।

इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे (International childhood cancer day)

हर साल 15 फरवरी को इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे के रूप में मनाते हैं। इस दिन हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, एनजीओ और अन्य संस्थाओं में तरह-तरह के कैंपेन और प्रोग्राम के जरिये बच्चों में होने वाले जानलेवा कैंसर के जोखिम, कारण एवं उपाय को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है।

इसके साथ ही इस दिन कैंसर से पीड़ित बच्चों एवं उनके पेरेंट्स के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम रखे जाते हैं। साथ ही कई एनजीओ है जो चाइल्डहुड कैंसर के इलाज को बढ़ावा देने के लिए फंड इकट्ठा करते हैं और इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं।

इस दिन का खास मकसद लोगों को कैंसर के कारणों के बारे में जागरुक करना है। ताकि इन कारणों पर समय रहते नियंत्रण पाते हुए लाखों बच्चों की जान बचाई जा सके। बच्चों को इसके प्रति जागरूक होने के साथ-साथ मां-बाप को भी इस बारे में अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।

बच्चों में कैंसर के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए हेल्थ शॉट्स ने रूबी हॉल क्लिनिक की पेडियाट्रिक, हेमेटोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर लीजा बुलसारा से बातचीत की। उन्होंने इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। तो चलिए जानते हैं, क्या है बच्चों में बढ़ रहे कैंसर के प्रमुख कारण साथ ही जानेंगे इससे बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय।

childhood cancer
बच्चों में बढ़ रहे कैंसर के प्रमुख कारण साथ ही जानेंगे इससे बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय। चित्र एडॉबीस्टॉक।

यह भी पढ़ें : National Cancer Awareness Day : कैंसर से बचने का पहला कदम है उसके बारे में जानना, यहां हैं कुछ जरूरी फैक्ट्स

पहले जानें बच्चों में होने वाले कुछ आम कैंसर के बारे में (Common cancer in childrens)

बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर ल्यूकेमिया (leukemia) है। यह एक तरह का ब्लड कैंसर है। इसके बाद बच्चों में ब्रेन कैंसर होने का खतरा सबसे अधिक होता है। इस स्थिति में बच्चों के दिमाग में ट्यूमर हो जाता है। इसके अलावा दिमाग के विभिन्न अलग-अलग प्रकार के कैंसर की संभावना भी बनी रहती है।

इसके बाद बच्चों में सबसे आम कैंसर है “लिंफोमा” (lymphoma) जिसे गर्दन का कैंसर कहते हैं। यह बच्चों में तीसरा सबसे आम कैंसर है।

उसके बाद न्यूरोब्लास्टोमा यानी कि किडनी के ऊपर भाग में स्थिर एड्रिनल ग्लैंड में होने वाला कैंसर, रेटिनोब्लास्टोमा यानी कि आंखों का कैंसर और हड्डियों के कैंसर भी आमतौर पर देखने को मोलते हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

जानिए क्या हैं चाइल्डहुड कैंसर के कारण (Causes of childhood cancer)

प्रदूषण, भोजन में मिलावट, जंक फूड का अधिक सेवन, कम उम्र से सिगरेट पीने की आदत या पैसिव स्मोकिंग का शिकार होना, डाउन सिंड्रोम, लाइफस्टाइल हैंग बच्चों में बढ़ रहे कैंसर के कुछ आम और प्रमुख कारण हैं।

वहीं केमिकल, इंसेक्टिसाइड, फर्टिलाइजर और प्लास्टिक के संपर्क में आने से भी बच्चों में कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। यह सभी चीजें जेनेटिक म्यूटेशन का कारण बनती हैं, जिसकी वजह से शरीर मे मल्टीपल सेल डिवीजन होने लगता है और यह कैंसर का कारण बनता है। वहीं लड़कियों में ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है, परन्तु आमतौर पर कैंसर जेनेटिक्स नहीं होते हैं। कई वैज्ञानिक शोधों के बाद भी, बच्चों में पनपने वाले कैंसर के कारणों पर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।

childhood cancer
बच्चों में होने वाली मौत का नौंवा सबसे बड़ा कारण है। चित्र शटरस्टॉक।

यह भी पढ़ें : World cancer day 2023 : इन 5 तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से बढ़ जाता है कैंसर का खतरा

अब जानते हैं बच्चों में कैंसर होने पर नजर आने वाले कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में (symptoms of childhood cancer)

डॉक्टर लीजा के अनुसार यदि बच्चों में कैंसर के लक्षण का पता शुरुआत में ही लग जाए और समय पर इसका इलाज शुरू हो जाए तो बच्चों की जान बचाई जा सकती है। शुरुआती लक्षणों में शामिल है :

1. बिना संक्रमण के यदि 1-2 हफ्ते से अधिक समय तक बुखार बना रहे।
2. हड्डियों एवं कमर में दर्द रहना।
3. पेट, गर्दन और हड्डियों में दर्द रहित सूजन।
4. बेवजह वजन घटाना।
5. नील पड़ना/ नाक से खून आना।
6. आंख और शरीर का पीला पड़ना।
7. किसी भी चीज को एकटक लगाए ध्यान से देखने की कोशिश करना।
8. पुतली यानी कि आंखों के फलाव में सफेद रंग नजर आना।
9. ब्रेन ट्यूमर में बार-बार असहनीय सिरदर्द महसूस होना। वहीं उल्टी या चक्कर आना।

bacchon mein smoking ki aadat
जानिए क्या हैं बच्चों में स्मोकिंग के शुरुआती संकेत. चित्र : शटरस्टॉक

डॉक्टर बता रही हैं रोकथाम और उपचार के लिए पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना है

हर मां को प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में फॉलिक एसिड लेना चाहिए।

यह जरूरी है कि हर मां अपने बच्चों को ब्रेस्टफीड करवाएं।

बच्चों को सही समय पर और सही वैक्सीन लगवाना न भूलें।

जरूरत से ज्यादा सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में न जाने दें।

एक उचित समय के बाद मेडिकल चेकअप करवाते रहना जरूरी है।

बचपन में बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।

बच्चों के आसपास एक सुरक्षित वातावरण बनाए रखें। साथ ही साथ घर का माहौल भी खुशनुमा रखने की कोशिश करें।

प्रेगनेंसी के दौरान स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाए रखें। यह केवल मां नहीं बल्कि दोनों पेरेंट्स की जिम्मेदारी है।

बच्चों के आसपास स्मोकिंग न करें और उन्हें पैसिव स्मोकिंग का शिकार बनने न दें।

ट्रैफिक में होने वाले वायु प्रदूषण से बच्चों को जितना हो सके उतना बचाने की कोशिश करें।

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मेडिकल टेस्ट में रेडिएशन से जितना हो सके उतना बचने की कोशिश करें।

फैमिली हिस्ट्री की जानकारी होना बहुत जरूरी है। यदि किसी प्रकार की समस्या रही है तो प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर से बात करें।

यह भी पढ़ें : आपकी बॉडी को डिटॉक्स करने के साथ मेटाबॉलिज्म भी बढ़ाती है व्हीट ग्रास, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

  • 123
लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख