वैक्सीन की बूस्टर डोज बन सकती है आपके बच्चे का सुरक्षा कवच, जानिए इसके बारे में सब कुछ 

बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन, बूस्टर डोज आदि के बारे विस्तार से जानना चाहती हैं, तो यहां बता रहे हैं विशेषज्ञ।
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वैक्सीन के साथ-साथ बच्चों को मास्क, सेनिटाइजर आदि का सुरक्षा कवच देना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 17 Jul 2022, 05:30 pm IST
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यदि आप पिछले दो वर्षों के दौरान अपने बच्चे के टीकाकरण या बूस्टर खुराक के साथ अप टू डेट रहने से चूक गई हैं, तो उन्हें बूस्डर डोज अवश्य लगवाएं। साथ ही, अपने पेडिट्रिशियन से भी जरूर मिलें। यहां वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में विस्तार से बता रहे हैं इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के प्रेसिडेंट और जेनेसिस अस्पताल के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट पीडिएट्रिशियन देवेंद्र गाबा।

कोविड -19 महामारी थमने के बाद से बच्चे स्कूल जा रहे हैं। जिस तरह वे अपने साथ नोटबुक, पेंसिल केस और आर्ट मैटीरियल्स ले जाते हैं, उसी तरह मास्क और सैनिटाइजर जैसे सामान उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जरूरी हो गए हैं। संभव है कि कुछ माता-पिता एक महत्वपूर्ण पहलू से चूक गए होंगे, जो उनके सुरक्षा चक्र को पूरा करता है। यह है बच्चों को नियमित रूप से बूस्टर वैक्सीनेशन कराना। मानसून में यह और भी जरूरी हो जाता है।

मानसून संक्रामक रोगों और बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। यह भी आशंका जताई जा रही है है कि लंबी छुट्टियों के बाद स्कूलों के फिर से शुरू होने से, प्री-मानसून फ्लू से बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, टॉडलर्स और प्रीस्कूलर (चार से छह साल की उम्र के) न केवल संक्रमित होने का जोखिम उठाते हैं, बल्कि इसे घर के अन्य लोगों, जैसे बुजुर्गों या अन्य दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोगों में भी फैला सकते हैं। 

यहां पर आपको अपने बच्चों को उनके स्वाभाविक क्रियाकलापों से रोकने की जरूरत नहीं है। यहां जरूरत है सिर्फ उन्हें बूस्टर टीके का सुरक्षा कवच प्रदान करने की।

बच्चों का टीकाकरण कराएं

कोरोना महामारी से बचने का सबसे बढ़िया साधन है समय पर टीकाकरण कराना। बच्चों का इम्यून सिस्टम डेवलपमेंट के स्टेज में होता है, इसलिए उनके बीमार होने की संभावना अधिक होती है। उनके हेल्थ को सिक्योरिटी प्रदान करना और उन्हें उचित इंटरवल पर वैक्सीनेशन कराना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। 

हालांकि, इन दो वर्षों के दौरान बच्चों के वैश्विक टीकाकरण दर में गिरावट आई है, क्योंकि कई बच्चे अपने नियमित टीकाकरण से चूक गए। भारत में भी डीटीपी [डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (काली खांसी)] टीकाकरण कवरेज (2019 में 91 प्रतिशत से 2020 में 85 प्रतिशत) में बड़ी गिरावट आई है।

वैक्सीन बच्चों की जान बचाते हैं और बीमारी की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को भी कम करने में मदद करते हैं। इसलिए बच्चों की आयु के अनुसार अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करना आवश्यक है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, वार्षिक फ्लू शॉट्स के अलावा, प्रीस्कूलर (चार से छह साल की उम्र के) की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पोलियो बूस्टर टीके के साथ डीटीपी की पूर्ण खुराक दी जानी चाहिए। यदि आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उनके अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करती हैं।

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बूस्टर टीकाकरण का महत्व

हालांकि चाइल्डहुड वैक्सीनेशन प्रोग्राम ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन), एक आईपीवी (इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन) और डीटीपी जन्म के 6-10-14 सप्ताह के साथ ही शुरू हो जाता है। इसके बाद 15-18 महीनों में बूस्टर, प्री-स्कूल बूस्टर दिया जाता है। चार से छह वर्ष में भी वैसीनेशन जरूरी होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि समय के साथ डीटीपी की प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। 

जब चार से छह साल की उम्र के बच्चों को बूस्टर टीके के रूप में डीटीपी और पोलियो की पूरी खुराक दी जाती है, तो उनका मजबूत इम्यून सिस्टम उन्हें स्कूल जैसी कम्यूनिट सेटिंग में संक्रामक रोगों से बचाती है।

स्कूल जाने वाले अन्य बच्चों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के अलावा, बूस्टर वैक्सीन बच्चों के भाई-बहनों, दादा-दादी और अन्य कमजोर व्यक्तियों को प्रभावित करने से भी रोकते हैं। माता-पिता के पास अब 4-इन-1 बूस्टर वैक्सीन के माध्यम से बच्चों को सभी चार बीमारियों (डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस और पोलियो) से बचाने का विकल्प भी है। यह सुविधाजनक 4-इन-1 बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए बार-बार डॉक्टर के यहां जाने और कई बार सूई की चुभन की जरूरत को कम कर सकता है।

Vaccine bachcho aur unke pariwar ki safety ke liye zaruri hai
बच्चों के लिए भी बूस्टर डोज बेहद जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

यदि आप पिछले दो वर्षों के दौरान अपने बच्चे के टीकाकरण के साथ अप टू डेट रहने से चूक गई हैं, तो जल्द से जल्द चाइल्ड स्पेशलिस्ट से संपर्क करें और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉम्बीनेशन वैक्सीन का विकल्प चुनें। इम्यूनाइजेशन के अलावा, आपको स्कूल जाने के दौरान बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हाथ की सफाई और मास्क पहनने के महत्व को भी जरूर ध्यान में रखना चाहिए।

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