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विंटर्स में परिवार की सेहत की जांच के लिए हेल्थ चेकअप को क्यों समझा जाता है ज़रूरी

सर्दियों के महीने में सर्दी.जुकाम, फ्लू और साँस से संबंधित अन्य बीमारियाँ लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करती हैं। जो किसी बड़ी समस्या का कारण भी साबित हो सकती है। आइए जानते हैं सर्दियों के मौसम में सेहत की जांच पड़ताल करवाना ज़रूरी क्यों माना जाता है।
एंटीबायोटिक प्रबंधन कार्यक्रमों की सफलता रोगी जागरूकता और सहयोग पर निर्भर करती है। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. Vigyan Mishra Updated: 9 Jan 2023, 14:32 pm IST
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सर्दियों का मौसम आ चुका है। जोश व उत्साह से भरे मिलन समारोह, हॉलिडे पार्टी और पारिवारिक दावतें इस मौसम को बहुत व्यस्त बना देती हैं। हम सभी सर्दियों के सुहावने मौसम के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। लेकिन हमें इस मौसम(Weather) में परेशान करने वाली बातों को भी याद रखना चाहिए, जैसे कि तापमान में गिरावट और अन्य संबंधित कारक जो सेहत से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आमतौर पर सर्दियों की बीमारी या मौसमी
बीमारियों( Seasonal disease) के रूप में जाना जाता है। आइए जानें कि पूरे परिवार की सेहत की जांच के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा क्यों है( Winter is the best season for a health checkup)

ज्यादातर लोग घर के भीतर ही अपना समय बिताते हैं। जिससे बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है। इसके अलावा, ठंडी, शुष्क हवा से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो सकती है।

सर्दियों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता

सर्दियों के मौसम में हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता, यानी इम्यून सिस्टम (Immune system) के कमजोर होने का खतरा बना रहता है। शरीर में बीमारियों और संक्रमण का मुकाबला करने की क्षमता को ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कहा जाता है।

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर के अंगों, ऊतकों, कोशिकाओं और प्रोटीन(Protein) का एक जटिल नेटवर्क है। जो बाहर से हमला करने वाले खतरनाक रोगाणुओं से शरीर की हिफाजत करती है।

मौसमी संक्रमण, शुष्क हवा, और जमा देने वाला तापमान सर्दियों में हमारी रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव बढ़ा सकते हैं। अपनी दिनचर्या में अच्छी आदतों को शामिल करने और उन पर अमल करने के लिए यही समय सबसे बेहतर है। जिससे आपको अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और आने वाली सर्दियों में स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।

श्वसन तंत्र की समस्याएँ

मौसम में हुए बदलाव का असर सभी की सेहत पर पड़ता है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, COPD, अस्थमा, तथा फेफड़े और स्वसन तंत्र से संबंधित कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को साँस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से ऐसे लोगों को सर्दियों का आगमन विशेष रूप से कठोर और चुनौतीपूर्ण लग सकता है। सही तरीके से सेहत की हिफाजत के बिना स्थिति और भी खराब हो जाएगी, बद से बदतर होती चली जाएगी।

सर्दियों का मौसम ठंडा एवं शुष्क होता है। साथ ही हवा में नमी व आर्द्रता काफी कम होती है, जिससे साँस-नली में जलन और संकुचन हो सकता है। इसके चलते साँस लेने में कठिनाई होती है जिसे ब्रोंकोस्पज़म (साँस की तकलीफ) कहा जाता है।

सर्दियों में दिल की सेहत

तापमान में कमी की वजह से तापमान के कारण आर्टरीज़ (धमनियां) सिकुड़ सकती हैं। इसकी वजह से दिल की मांसपेशियों(Nerves) को मिलने वाले ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। जिससे उनकी सामान्य सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ठंड के मौसम में खून के थक्के बनने की संभावना भी अधिक होती है। सर्दियों में ब्लड-प्रेशर (रक्तचाप) और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है।

सर्दियों में जबरदस्त ठंड का एहसास

सर्दियां आते ही हम घर से बाहर निकलना और व्यायाम करना थोड़ा कम कर देते हैं। इसके साथ ही गरमागरम तला- भुना और मीठा खाने की इच्छा बढ़ जाती है। इसका सामान्य तौर पर हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है, साथ ही वजन भी बढ़ सकता है और डायबिटीज की तरह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

किन लोगों को चेक-अप करवाना चाहिए?

आमतौर पर हम बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन, हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि कामकाजी लोगों के साथ-साथ 15 साल के छात्र से लेकर 55 की उम्र तक के लोग भी संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि वे दिनभर अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में रहते हैं। इसलिए परिवार में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को अपना चेकअप करवाना चाहिए।

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इसमें किस तरह की जाँच को शामिल किया जाना चाहिए?

दिल की सेहत, शरीर में होने वाली कमियों, ब्लड प्रोफाइल आदि की जाँच के साथ पूरे शरीर की अच्छी तरह जाँच करवाना बेहद जरूरी है। अगर आपको एलर्जी की वजह से सर्दी-जुकाम और खाँसी जैसी समस्याएँ होती हैं। तो एलर्जेन टेस्ट से आपको इसका कारण समझने और उनसे बचने में मदद मिलेगी। मिनरल बोन डेंसिटी की जाँच कराना भी जरूरी है। क्योंकि सर्दियों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है। इनके साथ-साथ सामान्य तौर पर की जाने वाली दांतों की जाँच भी आपकी सूची में होनी चाहिए।

अगर आपके परिवार के सदस्य पहले से ही इस तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं या एक जगह स्थिर रहकर अपना काम करते हैं। तो आपको पूरे शरीर की जाँच को अपनी सूची में शामिल करना चाहिए। अगर आपकी आयु 35 साल से अधिक है तो ऐसा करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस समय उम्र की वजह से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

इसके अलावा, साल में कम-से-कम एक बार सभी को चेकअप जरूर कराना चाहिए। इससे आप अपनी सेहत के बारे में जान सकते हैं, साथ ही आपको स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलती है। स्थिति चाहे जो भी हो,
शुरुआती डायग्नोसिस से किसी भी बीमारी को जल्दी ठीक करने में मदद मिलेगी।

सर्दियों का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी सेहत पर ध्यान देना छोड़ दें। विस्तार से जाँच के साथ सालाना हेल्थ चेक-अप का रिकॉर्ड तैयार किया जा सकता है, जिससे आपकी सेहत की वार्षिक प्रगति को जानने और समझने में मदद मिल सकती है।

हेल्थ चेक-अप से न केवल आपके भीतर सेहतमंद रहने की इच्छा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे समय पर इलाज को सही दिशा भी मिलेगी। आइए इस बार सर्दियों के मौसम में आलस्य को दूर भगाएँ और अपनी सेहत को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।

 

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Dr. Vigyan Mishra

Dr. Vigyan Mishra is Chief of Lab, Neuberg Diagnostics, Noida ...और पढ़ें

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