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कैंसर के मरीज ही नहीं, उनके प्रियजन भी होते हैं तनाव ग्रस्त, जानिए केयरगिवर स्ट्रेस से निपटने के तरीके

अपने प्रियजन को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा लेना एक संतुष्टिदायक अनुभव हो सकता है। पर यह यात्रा बहुत ज्यादा तनाव लेकर आती है, जिसे कैंसर केयरगिवर स्ट्रेस कहा जाता है।
कैंसर पेशेंट से कभी भी वेट लॉस या हेयर लॉस के बारे में बातें न करें। चित्र: शटरस्टॉक
Keshav Sharma Updated: 10 Feb 2023, 20:48 pm IST
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जिस तेजी से कैंसर के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उससे इसकी भयंकरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। दुनिया का शायद ही कोई देश या अपने देश का शायद ही कोई राज्य हो, जहां कैंसर पीड़ित लोग संघर्ष न कर रहे हों। कैंसर सिर्फ कैंसर पीड़ित ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और उनकी देखभाल करने वाले यानी केयरगिवर्स के लिए भी बहुत सारा तनाव लेकर आता है। कैंसर से पीड़ित किसी करीबी की देखभाल करना संतुष्टि देने वाला अनुभव हो सकता है, लेकिन यह काफी तनावपूर्ण भी हो सकता है। जानिए कैसे करना है इस तनाव का मुकाबला (How to deal with cancer caregivers stress)।

कैंसर के मरीज़ों की देखभाल करने वालों (Caregivers) के सामने अनूठी चुनौतियां होती हैं। जिनसे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक तनाव हो सकता है।

कैंसर के मरीज़ों की देखभाल करने वाले लोग नीचे बताए गए विभिन्न प्रकार के तनाव का सामना कर सकते हैं:

1 शारीरिक तनाव:

कैंसर से पीड़ित मरीज़ की देखभाल करना शारीरिक रूप से काफी थकाने वाला होता है। विशेष तौर पर अगर मरीज़ को दैनिक गतिविधियों के लिए मदद लेनी पड़ती हो।

2 भावनात्मक तनाव:

कैंसर से पीड़ित किसी करीबी की देखभाल करना भावनात्मक रूप से भी काफी थकाने वाला हो सकता है। देखभाल करने वालों में एंग्ज़ाइटी, डिप्रेशन, ग्लानि और दुख जैसी भावनाएं आ सकती हैं। अपने करीबी की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी और उनके स्वास्थ्य की चिंता कभी-कभी उन्हें बहुत दुखी कर सकती है।

आप दोनों को सकारात्मक रहने की जरुरत है। चित्र: शटरस्टॉक

3 वित्तीय तनाव:

कैंसर का इलाज काफी महंगा हो सकता है। देखभाल करने वाले मेडिकल खर्च व काम पर नहीं जाने से होने वाले वेतन के नुकसान को लेकर भी चिंतित हो सकते हैं। यह तनाव देखभाल करने वाले उन लोगों में बहुत अधिक हो सकता है, जो अपने परिवार के लिए आय के इकलौते स्रोत हैं।

4 सामाजिक तनाव:

देखभाल करने की ज़िम्मेदारी होने के कारण केयरगिवर्स सामाजिक तनाव भी महसूस कर सकते हैं। उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि वे दोस्तों व परिवार से अलग-थलग पड़ गए हैं और कई सारे सामाजिक समारोह व गतिविधियों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा, वे देखभाल करने की ज़िम्मेदारी और अपने काम व अन्य ज़िम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने के लिए भी संघर्ष कर सकते हैं।

5 समय का तनाव :

किसी की देखभाल करने में काफी समय लगता है ओर केयरगिवर्स को महसूस हो सकता है कि वे लगातार अपनी जिम्मेदारियों के बीच जूझ रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल अपॉइंटमेंट्स और इलाज में बिताए जाने वाले समय से भी वे काफी भावुक हो सकते हैं।

6 इलाज के कारण होने वाला तनाव:

कैंसर का इलाज काफी मुश्किल हो सकता है शारीरिक व भावनात्मक तौर पर। मरीज़ की देखभाल करने वाले इलाज के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स, इलाज की सफलता और उनके करीबी के जीवन की गुणवत्ता पर इलाज के असर को लेकर भी चिंतित हो सकते हैं।

7 रोग निदान या प्रोग्नोसिस से संबंधित तनाव :

देखभाल करने वाले अपने करीबी के रोग निदान या प्रोग्नोसिस के कारण भी तनाव अनुभव कर सकते हैं। वे इस बात से चिंतित हो सकते हैं कि क्या उनके करीबी की ज़िंदगी बच पाएगी और उन्हें जीवन-मरण की इस मुश्किल स्थिति से भी जूझना पड़ सकता है।

कैंसर के मरीज की देखभाल के लिए आपको धैर्य और सही रुटीन की जरूरत होगी। चित्र: शटरस्टॉक

ये कुछ उदाहरण हैं जिनका शिकार कैंसर के मरीज़ों की देखभाल करने वाले लोग हो सकते हैं। देखभाल करने वालों के लिए इन तनावों की पहचान व इनसे निपटना बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिससे वे अपने शारीरिक, भावनात्मक व मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रख सकें।

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क्यों जरूरी है इस तनाव को समझना 

केयरगिवर की ज़िम्मेदारी निभाना काफी चुनौतीपूर्ण व थकाने वाली हो सकती है और ऐसे में तनाव महसूस करना बहुत सामान्य बात है। केयरगिवर्स की देखभाल करना कैंसर केयर का एक महत्वपूर्ण पहलू है। चुनौतीपूर्ण समय में अपने करीबियों को सपोर्ट करने में केयरगिवर्स की भूमिका बहुत अहम होती है। इसलिए उन्हें सपोर्ट व ऐसे संसाधन देना बहुत आवश्यक हो जाता है, जिससे वे खुद को शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रख सकें।

उन्हें मदद, भावनात्मक समर्थन, शिक्षा और फैसले लेने की प्रक्रिया में में शामिल कर केयरगिवर्स को अधिक सशक्त बनाया जा सकता है जिससे वे अपने करीबी की बेहतरीन ढंग से देखभाल कर सकें।

तनाव से निपटने के लिए कुछ टिप्स नीचे बताई गई हैं:

1. अपने शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

सुनिश्चित करें कि आप नियमित तौर पर व्यायाम, स्वस्थ आहार का सेवन और पर्याप्त मात्रा में नींद ले रहे हों। इसके अलावा, अपने लिए समय निकालें और वह काम करें जिसे करने में आपको आनंद आता है।

2. मदद मांगें

कोई काम करने या देखभाल करने के लिए अपने दोस्तों, परिवार या सामुदायिक संगठनों से मदद मांगने में हिचके नहीं।

आपको बहुत आराम से अपनी बात रखनी है। चित्र: शटरस्टॉक

3. रिलैक्स करने वाली तकनीक प्रैक्टिस करें

गहराई से सांस लेना, ध्यान लगाने या योग करने से आपका तनाव और एंग्ज़ाइटी कम हो सकती है।

4. सकारात्मक सोच बनाए रखें

अपने जीवन की अच्छी चीज़ों पर ध्यान दें और आभार अवश्य जताएं। आप किसी थेरेपिस्ट या सपोर्ट ग्रुप की भी मदद ले सकते हैं।

5. वास्तविक अपेक्षाएं व सीमाएं तय करें

यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आप सब कुछ नहीं कर सकते और कुछ कामों के लिए न करना ठीक है।

6. आवश्यक होने पर पेशेवर की मदद लें

अगर आप बहुत दुखी, डिप्रेस्ड या स्थिति से निपटने में सक्षम महसूस नहीं कर रहे हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करना मददगार साबित हो सकता है।

7. ब्रेक लेना नहीं भूलें

देखभाल करने की ज़िम्मेदारी से ब्रेक लेना बहुत आवश्यक है। यह ब्रेक भले ही कुछ घंटे का हो, लेकिन यह आपका तनाव कम करने और आपको नई ऊर्जा देने का काम कर सकता है।

8. नई जानकारी हासिल करें

आप जिस व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं उसकी हालत व विशिष्ट ज़रूरतों के बारे में जानें और उस क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले संगठनों व एजेंसियों से संसाधन व सपोर्ट लेने की कोशिश करें।

केयरगिवर के तौर पर तनाव का प्रबंधन करना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन ये टिप्स आपको तनाव कम करने और अपने जीवन में एक स्वस्थ संतुलन बनाने में मदद कर सकती हैं। खुद पर दया दिखाएं और ज़रूरत पड़ने पर मदद अवश्य लें।

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Keshav Sharma

Keshav Sharma is Program Lead Psycho Oncology Services & Grief Therapist, Fortis Healthcare ...और पढ़ें

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