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गला बैठना भी हो सकता है लंग कैंसर का प्रारंभिक संकेत, जानिए क्यों होता है ऐसा

फेफड़ों का कैंसर खतरनाक बीमारियों में से एक है, जिसका पता बहुत देर से चलता है। इसलिए इसके संकेतों के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
जानें गले के दर्द से राहत पाने के कुछ खास घरेलू उपाय। चित्र:एडॉबीस्टॉक चित्र : शटरस्टॉक
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फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अन्य कैंसर के विपरीत, फेफड़ों के कैंसर के लक्षण आमतौर पर लास्ट स्टेज तक पता नहीं चलते।

कैंसर में एक ट्यूमर इतना बड़ा हो जाता है कि यह दूसरे अंगों पर दबाव डालता है। जिससे दर्द और परेशानी का कारण बनता है। हालांकि, शुरुआती चेतावनी के संकेत पर हमें ध्यान देना चाहिए।

ExpressOftentimes, की रिपोर्ट के अनुसार जब रोगियों को फेफड़ों के कैंसर का पता चलता है, तो वे कुछ समय के लिए सांस लेने में कठिनाई, बार-बार श्वसन संक्रमण या सीने में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं।

मगर, ऐसा ज़रूरी नहीं है कि यह लक्षण लंग कैंसर के ही हों। कई अन्य बीमारियां जैसे ज़्यादा खांसी या ब्रोंकाइटिस की वजह से भी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। इसलिए लंग कैंसर की शुरुआती स्टेज का पता चलना मुश्किल है। परंतु, कुछ ऐसे संकेत हैं जो आपको इसे पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

यहां हैं फेफड़ों के कैंसर के 6 प्रारंभिक संकेत जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। चित्र-शटरस्टॉक।

आवाज में मिलने लगते हैं लंग कैंसर के संकेत

रोग का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए डॉक्टरों ने लंग कैंसर के सामान्य लक्षणों की पहचान की है:

1 आवाज़ बैठना:

लंबे वक़्त से चली आ रही खांसी या ट्यूमर, वोकल कॉर्डस में परेशानी का कारण बन सकती है, जिससे लंग कैंसर से पीड़ित लोगों की आवाज़ बैठ सकती है या उसमें कोई अन्य बदलाव भी नज़र आ सकते हैं।

2 लंबी खांसी:

फेफड़ों के कैंसर वाले लोग अक्सर खांसी की शिकायत करते हैं, जो दूर नहीं होती। यह ऐसी खांसी है जो कम से कम आठ सप्ताह तक रहती है।

3 श्वसन संक्रमण (Respiratory Infection):

फेफड़े के ट्यूमर वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे संक्रमण हो सकते हैं।

4 खांसी में खून आना:

भले ही खून थोड़ा सा हो, मगर खांसते समय या बलगम में खून आना लंग कैंसर का संकेत हो सकता है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

फेफड़ों के कैंसर के संकेत. चित्र : शटरस्टॉक

5 सांस लेने में तकलीफ:

फेफड़े का कैंसर वायुमार्ग को संकीर्ण कर सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

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6 सीने में दर्द:

जब फेफड़े का ट्यूमर छाती में जकड़न या नसों को संकुचित करता है, तो आपको छाती में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर गहरी सांस लेते हुए, खांसते या हंसते हुए।

क्यों बैठ जाता है गला या आवाज

फेफड़े के कैंसर से पीड़ित लोगों में ज़्यादातर आवाज़ बैठना, नर्व पैरालाइसिस के कारण होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, बाएं फेफड़े के ट्यूमर तंत्रिका को संकुचित कर सकते हैं, जिससे नसें कमजोर पड़ जाती हैं और आवाज़ बैठने लगती है। हालांकि दाहिने फेफड़े में कैंसर ट्यूमर कम आम हैं, मगर यह नर्व पैरालाइसिस पैदा कर सकता है।

वास्‍तविकता यही है कि धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। चित्र : शटरस्टॉक

इन लोगों को ज्यादा होता है गला बैठने और लंग कैंसर होने का जोखिम

कुछ लोग हैं जिनके लंग कैंसर से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती है और जिनकी आवाज़ भी बैठ सकती है जैसे –

अत्यधिक धूम्रपान करने वाले (30 वर्षों तक प्रति दिन कम से कम एक पैकेट सिगरेट पीना)।

धूम्रपान करने वाले जिन्होंने पिछले 15 वर्षों के भीतर इस छोड़ दिया है।

जिनकी उम्र 55 से 80 के बीच है।

ध्यान रहे

स्मोकिंग फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा प्रदूषण भी लंग कैंसर के लिए उत्तरदायी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप स्मोकिंग से दूर, साफ-सुथरे वातावरण में रहें। फेफड़ों को हेल्दी बनाने के लिए योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहतर विचार हो सकता है। इसलिए सजग रहें, स्वस्थ रहें।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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