पुराने जमाने में लोग सोने के बहुत सारे आभूषण पहनते थे। ऐसा माना जाता था कि सोना ऊर्जा का पुंज है। इसमें सामने वाले व्यक्ति की ऊर्जा भी अवशोषित करने की क्षमता होती है। वास्तव में सोना मेंटल और फिजिकल दोनों तरह के हेल्थ के लिए स्वास्थ्यकर है। तभी यह कीमती धातुओं में से से एक है। इसके चमकदार और आकर्षक रंग के कारण इसका उपयोग आभूषण के तौर पर किया जाता है। आयुर्वेद में तो सोना को एक बहुपयोगी औषधि के रूप में जाना जाता है। स्वर्ण भस्म के रूप में यह प्रयोग में लाया जाता है। स्वर्ण भस्म के क्या फायदे हैं और इसे कैसे प्रयोग में लाया जा सकता (Swarna Bhasma for health ) है, इसके लिए हमने बात की, आयुर्वेद विशेषज्ञ और वेदाजक्योर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. विकास चावला से।
शुद्ध स्वर्ण से तैयार स्वर्ण भस्म में सल्फर, कैल्शियम, कॉपर, सोडियम, पोटैशियम, आयरन, फेरिक ऑक्साइड, फेरस ऑक्साइड, फॉस्फेट, इन्सोलुबल एसिड और सिलिका भी पाए जाते हैं।
डॉ. विकास चावला बताते हैं, ‘स्वर्णभस्म कई तरह से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह कई तरह के रोगों से शरीर का बचाव करता है।
डॉ. विकास चावला के अनुसार, स्वर्ण भस्म एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो शरीर को असाध्य बीमारयों (incurable disease) से दूर रखने में मदद करता है। यह एक ऐसा रसायन है, जो शरीर के सभी अंगों को असरदार तरीके से स्वस्थ रख सकता है। इसका नियमित और विधिवत सेवन कुछ पुरानी बीमारी (chronic disorder) भी ठीक करता है।
स्वर्ण भस्म के तत्व शरीर को अंदर से मजबूती प्रदान करते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह अवसाद, स्मृति, एकाग्रता, मानसिक स्वास्थ्य, मस्तिष्क की सूजन और मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
एक रिसर्च के अनुसार, स्वर्ण भस्म से कैंसर का भी उपचार किया जा सकता है। यह एक कैंसर रोधी दवा की तरह काम कर सकता है। इसके यौगिक में कुछ ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल कैंसर की आयुर्वेदिक दवाइयों को तैयार करने में किया जाता है।
स्वर्ण भस्म पाचन संबंधी बीमारियों को दूर करता है। इसके साथ ही फेफड़े और हृदय को भी फिट रखता है । ऐसा माना जाता है कि इसके कंपाउंड दिल को मजबूती प्रदान करते हैं ।
एक अध्ययन के मुताबिक आंखों के लिए भी स्वर्ण भस्म को फायदेमंद माना गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर जब स्वर्ण भस्म को पुनर्नवा के साथ लिया जाता है, तो आंखों की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
यह स्किन के अंदर तक जाकर काम करता है और डेड स्किन को साफ़ कर देता है। यदि स्वर्ण भस्म और केसर, दोनों को मिलाकर स्किन पर अप्लाई किया जाये, तो स्किन चमकदार हो जाएगी।
इसका सेवन हमेशा निर्धारित मात्र में ही करें, नहीं तो यह फायदे के बजाए स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। यदि स्वर्ण भस्म की सही मात्रा या आवश्यकता से अधिक कर लिया जाता है, तो बहुत बेचैनी होने लगती है। मेंटल हेल्थ के प्रभावित होने की आशंका बनने लगती है। कोई अंग भी डैमेज हो सकता है। इसलिए बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के कभी इसका इस्तेमाल नहीं करें।
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कस्टमाइज़ करेंस्वर्ण भस्म का सेवन दूध, गाय के घी या फिर शहद के साथ किया जाता है। इसके सेवन का सही समय नाश्ते के समय और रात में सोने से पहले करना बेहतर माना जाता है।
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