अनियमित खानपान एसिडिटी की समस्या को बढ़ा देता है। इसके चलते सीने में अचानक से जलन (heartburn causes) और भारीपन महसूस होने लगता है। ज्यादा स्पाइसी फूड (spicy food side effects) खाने से इनडाइजेशन का भी सामना करना पड़ता है। मगर क्या लगातार सीने में महसूस होने वाली दर्द हृदय रोग का संकेत (signs of heart problem) हो सकती है। दरअसल, अचानक उठने वाली दर्द और कसावट से समस्या के कारणों का पता लगाना मुश्किल काम है। जानते हैं हा0र्ट अटैक और हार्ट बर्न के दर्द (Heartburn vs heart attackमें कैसे अंतर पहचानें।
इस बारे में बातचीत करते हुए इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनीता अरोड़ा बताती हैं कि एसिडिटी को हार्ट बर्न कहा जाता है। हार्टबर्न के समय छाती में जलन (heart burn) और चेस्ट के बीचों बीच दर्द महसूस होने लगता है। गैस्ट्रिक फूड्स (gastric foods) का सेवन या हैवी मील्स इस समस्या को बढ़ा देती हैं।दरअसल, हार्टबर्न के समय पेट में बनने वाला एसिड एसोफेगस तक पहुंच जाता है। इसके चलते छाती में जलन और दर्द का सामना करना पड़ता है।
डॉ विनीता अरोड़ा बताती हैं कि हार्ट टैक के समय छाती में गंभीर दर्द महसूस होने लगता है। ऐसा लगता है कि जैसे छाती पर कुछ वज़न रख दिया गया हो। इसके अलावा पसीना बहना और कमज़ोरी महसूस होने लगती है। साथ ही बाएं कंधे और हाथ में दर्द व झनझनाहट महसूस होती है। वे लोग जो डायबिटीज़, हृदय रोगों और मोटोपे के शिकार है, उन्हें छाती में उठने वाले दर्द के लिए तुरंत उपचार लेना चाहिए।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पुरूषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान चेस्ट पेन का सामना करना पड़ता है। इसे एंजाइना पेन कहा जाता है। जब हार्ट की मेजर आर्टरी तक ब्लड पूरी तरह से नहीं पहुंच पाता है। उस वक्त हार्ट अटैक का सामना करना पड़ता है।
एसिडिटी के मामलों में दर्द कभी कम और कभी तेज़ होने लगता है। मगर हार्ट अटैक में दर्द तेज़ रहता है, जो बाजू, कंधों और जबड़े तक पहुंचा जाता है। इसके अलावा हार्ट अटैक का दर्द लगातार बना रहता है। ऐसे में दर्द को पहचानकर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
ऐसे लोग जिनका ब्लड शुगर लेवल अधिक रहता है या फिर जो हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार है। उन्हें छाती में दर्द महसूस होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे लक्षण हार्ट अटैक का कारण बनने लगते हैं।
वे लोग जो ओवरवेट है, उन्हें भी खानपान को लेकर सादधानी बरतनी चाहिए। सीने में जलन या दर्द बढ़ने पर डॉक्टर से जांच अवश्य करवाएं। दरअसल, ज्यादा वज़न हार्ट मसल इंजरी का कारण बनने लगता है। इसके अलावा आर्टरीज़ में फैट्स बढ़ने लगते है, जिससे ब्लड की थिकनेस बढ़ जाती है और ब्लड फ्लो प्रभावित होता है।