40 से 50 की उम्र के बीच हार्ट अटैक (Heart attack) की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। 4 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के महान और अब तक के सबसे महंगे लेग स्पिनर शेन वॉर्न (Shane warne passes away) का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके मैनेजमेंट ने शुक्रवार को एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी और बताया कि उनके निधन की संदिग्ध वजह हार्ट अटैक (Shane warne dies after heart attack) थी।
बॉलीवुड स्टार्स से लेकर खिलाड़ियों तक अभी पिछले कुछ समय में ही हमने कई ऐसे लोगों को खोया है, जो अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते रहे हैं। फिर भी ऐसा क्या है कि 40 से 50 की उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की समस्याएं आम होती जा रहीं हैं। यह जानने के लिए हमने बैंगलोर के वरथुर रोड स्थित मणिपाल अस्पताल के सलाहकार – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, डॉ नवीन चंद्र जीएस से संपर्क किया।
डॉ नवीन चंद्र जी एस कहते हैं, बीते कुछ सालों में हृदय रोग या अन्य वैस्कुलर घटनाओं की एपिडिमिलॉजी में निश्चित परिवर्तन हुआ है। भारतीयों में भी यह परिवर्तन उल्लेखनीय रूप से देखा जा रहा है। आज से एक दशक पहले की तुलना में अब हृदय रोगों के जोखिम कारकों में काफी वृद्धि हुई है। इन सब के पीछे जीवनशैली को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
डॉ नवीन चंद्र जीएस, कहते हैं कि जीवन शैली में बदलाव के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल अतीत की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं। ऐसे भी मरीज सामने आ रहे हैं, जिनमें ज्यादातर लक्षण ही नहीं होते। जिसके कारण स्क्रीनिंग के बिना निदान करना काफी कठिन हो रहा है। अक्सर लंबे समय तक ऐसे रोगियों को इलाज नहीं मिल पाता।
वे आगे कहते हैं, “पुराने दिनों की तुलना में मोटापा भी अधिक प्रचलित है, जो फिर से हृदय रोगों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण है। वैश्वीकरण के साथ, लोगों की जीवन शैली ने बहुत ही सीमित चिकित्सक गतिविधि, गैर-पौष्टिक अस्वास्थ्यकर भोजन और धूम्रपान की खपत में वृद्धि के साथ एक खराब मोड़ ले लिया है। महामारी ने जीवन शैली में इन परिवर्तनों में बहुत योगदान दिया है, जिससे जोखिम कारकों की घटनाओं में फिर से वृद्धि हुई है।”
हार्ड अटैक की स्थिति को एक्यूट मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन के नाम से जाना जाता है। यह तब होता है जब 3 में से किसी एक धमनी में खून की अपूर्ति अचानक कम हो जाती है। दरअसल हमारा हृदय हमारे पूरे शरीर को खून पहुंचाने का काम करता है। इसके लिए दिल में तीन कोरोनरी धमनियां होती हैं, लेकिन इसे खुद के लिए भी खून पहुंचाना पड़ता है। जब ऐसा नहीं हो पाता तो इस स्थिति में दिल का दौरा पड़ जाता है।
आपकी उम्र कितनी भी क्यों न हो आपको अपनी दिल की सेहत पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। यह आपको एक लंबा स्वस्थ जीवन और सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकता है। अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव कर और अपनी देखभाल कर आप हृदय रोगों पर काबू पा सकते हैं।
आप का रक्तचाप कितना है, आपको इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आपको इसकी समस्या है, तो आपको निरंतर जाच करवाते रहना चाहिए। रक्तचाप यदि 120/80 से अधिक है, तो आपको इसे गंभीरता से लेने और अपने चिकित्सक से परामर्श करने की आवश्यकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल हमेशा आपको दिल की बीमारियों में डाल सकता है। कोलेस्ट्रॉल अस्वस्थ खानपान के कारण और एक खराब जीवनशैली के कारण बढ़ता है। ऐसे में आपको अपनी जीवनशैली और अपने आहार में परिवर्तन करना और अपने कैलाश कॉल को काबू में करना बहुत जरूरी है।
मानसिक तनाव आपको कई प्रकार की बीमारियों में ढकेल सकता है। ज्यादा तनाव लेने से कारण आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है और यह सीधे आपके दिल पर असर करेगा। ऐसे में अपने मानसिक तनाव को काबू में रखने के लिए मेडिटेशन या योग का सहारा लें। व्यायाम करना, धूम्रपान न करना, स्वस्थ आहार का आनंद लेना और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना, तनाव से निपटने और अपने दिल को स्वस्थ रखने के अच्छे तरीके हैं।
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