आपकी फिटनेस के वास्ते महंगे हो सकते हैं आपके पसंदीदा स्नैक्स, मोटापा कंट्रोल करने की है तैयारी

चिप्स, नमकीन, भुजिया, आदि जैसे स्नैक्स खाना किसे पसंद नहीं है? लेकिन आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इन खाद्य पदार्थों पर विशेष टैक्स लगाने का मन बनाया है।
Junk food par tax badh sakta hai
जंक फूड पर टैक्स बढ़ सकता है। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 3 Mar 2022, 18:54 pm IST
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कुछ स्नैक्स न केवल स्वादिष्ट लगते हैं, बल्कि चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, आदि जैसे बेवरेज के साथ अच्छा कॉम्बो बनाते हैं। ये स्नैक्स आपकी क्रेविंग को तृप्त करने के साथ आपके टेस्ट बड्स को भी सक्रिय बनाते हैं। लेकिन सेहत की दृष्टि से देखा जाए, तो यह प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इनमें से ज्यादातर स्नैक्स डीप फ्राइड और नमक से भरे हुए होते हैं। इन अनहेल्दी चीजों का रोजाना सेवन करने से न केवल वजन बढ़ सकता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती है। देश की बढ़ती मोटापे (Obesity rate) की दर से निपटने के लिए केंद्र ने चीनी, फैट और नमक से भरे खाद्य पदार्थों पर अधिक टैक्स लगाने का मन बनाया है।

वर्ल्ड ऑबेसिटी डे (World obesity day)

मोटापा एक वैश्विक समस्या है, और यह हम सभी को प्रभावित करता है। हममें से 800 मिलियन लोग इस बीमारी के साथ जी रहे हैं, और लाखों और लोग जोखिम में हैं। आप जानते हैं कि मोटापे की जड़ें बहुत गहरी हैं, और आज की जीवन शैली अधिक लोगों को इसका शिकार बना रही है। इसलिए स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कार्रवाई करना जरूरी है। वर्ल्ड ऑबेसिटी डे (World obesity day) 2015 में एक वार्षिक अभियान के रूप में स्थापित किया गया था, जो लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने और बनाए रखने और वैश्विक मोटापे के संकट को दूर करने में मददगार साबित हुआ।

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अस्वस्थ भोजन से बचें। चित्र:शटरस्टॉक

प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट विषय पर आधारित एक अभियान चलता है। इस अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना, नीतियों में सुधार करना और अनुभव साझा करना है। विश्व मोटापा दिवस 2022 का विषय ‘एवरीबडी नीड्स टू एक्ट’ है। स्वस्थ भोजन विकल्प प्रदान करके, हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर कदम बढ़ाना, सही व्यायाम पर जानकारी का प्रसार, लोगों को गतिहीन जीवन शैली के विरुद्ध प्रोत्साहित करने से, यह वैश्विक प्रयास मोटापे को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम होगा।

आंकड़ों के अनुसार भारत में मोटापे की दर

2019-20 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, भारत में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की दर 2015 में 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 16 से 24 प्रतिशत हो गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 22.9 प्रतिशत पुरुष अधिक वजन वाले हैं, जो चार साल पहले 18.9% थे। तेलंगाना, केरल और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में लगभग एक तिहाई पुरुष और महिलाएं (15 से 49 वर्ष की आयु) अधिक वजन वाले या मोटे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “नीति आयोग, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से, भारत के कार्यों को समझने के लिए उपलब्ध सबूतों की समीक्षा कर रहा है। जैसे कि फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग, एचएफएसएस (HFSS) खाद्य पदार्थों की मार्केटिंग और विज्ञापन, और फैट, चीनी एवं नमक में उच्च खाद्य पदार्थों का कर यानी टैक्स।”

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भारत में मोटापे का दर तेजी से बढ़ रहा है। चित्र:शटरस्टॉक

क्या है भारत का नया जंक फूड टैक्स स्लैब?

ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड जंक फूड दोनों के लिए नए टैक्स स्लैब पेश किए जाएंगे। गैर-ब्रांडेड नमकीन, भुजिया, फल, सब्जी चिप्स और स्नैक आइटम जैसे आइटम अब 5% जीएसटी के अधीन हैं, जबकि ब्रांडेड सामान पर कर और भी अधिक है और यह 12% है। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य ऐसे उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित और सीमित करना है। तंबाकू और सिगरेट जैसी वस्तुओं पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी लगने की संभावना है।

भारत में मोटापा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में जंक फूड की लोकप्रियता के कारण, 1975 से दुनिया भर में मोटापा लगभग चौगुना हो गया है। इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के अनुसार, 2021 तक अकेले भारत में 135 मिलियन लोग मोटे थे। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद ग्लोबल ओबेसिटी इंडेक्स में तीसरे स्थान पर है।

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