शारदीय नवरात्रि के पूर्ण होते यह एक अच्छी खबर सामने आई है। भारतीय औषधि महानियंत्रक की एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत में निर्मित कोविड टीके – कोवैक्सिन (Covaxin) को दो से 18 वर्ष के बच्चों को लगाने की मंजूरी दे दी। यकीनन कोविड-19 के खिलाफ भारत (India fight against covid-19) की जंग में यह एक बड़ा हथियार साबित होगा। हालांकि अभी कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की ही अनुमति दी गई है। और अन्य परीक्षण अभी जारी रहेंगे।
2 से 18 साल तक के बच्चों के लिए कोवैक्सिन के टीके की यह मंजूरी आपात प्रयोग के लिये दी गयी है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत इसका इस्तेमाल आरंभ हो जाएगा। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सिन के सितंबर में बच्चों पर तीन चरणों में परीक्षण पूरे हो चुके हैं। ये परीक्षण विभिन्न आयु वर्ग के पांच सौ से अधिक बच्चों पर किए गए थे। इनके बारे में विस्तृत रिपोर्ट इस महीने के शुरू में भारतीय औषधि महा नियंत्रक को सौंप दी गयी थी।
सूत्रों के अनुसार विस्तृत अध्ययन के बाद संबंधित समिति ने कोवैक्सिन का टीका दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को देने की मंजूरी देने का फैसला किया। बच्चों पर कोवैक्सिन टीका असर लगभग वहीं रहा है जो वयस्क लोगों पर रहा है।
भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण ने 2 साल से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में भारत बायोटेक का ‘कोवैक्सीन’ टीका लगाने की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो साल से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों में इस्तेमाल के लिए कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है। कंपनी ने इसके सत्यापन तथा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूएस) के लिए इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को आंकड़े सौंप दिए थे।
कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने आंकड़ों की समीक्षा की। ईयूए के आवेदन पर सोमवार को विचार-विमर्श किया। एसईसी ने अपनी सिफारिशों में कहा, ”समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति दी है।
केवल आपात स्थिति में ही दो साल से 18 साल तक के आयुवर्ग में टीके का सीमित इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसी आधार पर बाजार में इसका वितरण करने की मंजूरी देने की सिफारिश की है।” इन सिफारिशों को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक को भेजा गया है।
कंपनी ने आपात स्थिति में दो साल से 18 साल तक के आयुवर्ग में सीमित इस्तेमाल के लिए अपने ‘होल विरिअन, इनएक्टिवेटिट कोरोना वायरस टीके’ (बीबीवी152) के बाजार में वितरण की मंजूरी के मकसद से प्रस्ताव भेजा था। इसके साथ कंपनी ने रोग प्रतिराधी क्षमता पैदा करने और अंतरिम सुरक्षा संबंधी दूसरे-तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़े भी पेश किए थे।
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सिफारिशों में कहा गया कि टीके के प्रभावी होने संबंधी तीसरे चरण के अध्ययन में बच्चों की आबादी के समग्र ज्यामितीय माध्य अनुमापांक (टीएमटी) की तुलना वयस्क आबाद के जीएमटी से की जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद कुछ शर्तों के साथ आपात स्थितियों में दो वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों में टीके के सीमित इस्तेमाल के लिए बाजार में इसके वितरण को मंजूरी देने की सिफारिश की।
सूचना यह भी है कि शर्तों के अनुसार, कंपनी को स्वीकृत क्लीनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार अध्ययन जारी रखना होगा। साथ ही ताजा जानकारी/पैकेज इंसर्ट (दवा और उसके उपयोग संबंधी जानकारी देने वाला दस्तावेज, जिसे दवा के साथ मुहैया कराया जाता है), उत्पाद विशेषताओं का सारांश (एसएमपीसी) और तथ्य पत्र मुहैया कराने होंगे।
इसके अलावा कंपनी को शुरुआती दो महीनों में पर्याप्त विश्लेषण के साथ एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं) और एईएसआई (विशेष हित संबंधी प्रतिकूल घटनाओं) के आंकड़ों समेत सुरक्षा संबंधी आंकड़े हर 15 दिन में मुहैया कराने होंगे। इसके बाद उसे यह आंकड़े हर महीने और नई औषधि एवं नैदानिक परीक्षण नियम,2019 की आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने होंगे।
बच्चों को यह टीका दो खुराक में दिया जायेगा और इसमें 2० दिन का अंतराल होगा। टीका निमार्ता को बच्चों पर कोवैक्सिन टीके के प्रभाव का अध्ययन जारी रखना होगा। संबंधित रिपोर्ट उपयोगकतार्ओं को देनी होगी।
इस बीच, देश में कोविड टीकाकरण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह 96 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। देश में 18 वर्ष से अधिक आयु की 75 प्रतिशत आबादी का कोविड टीकाकरण हो चुका है। खबर यह भी है कि जायडस के कोविड टीके को भी मंजूरी देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
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( समाचार एजेंसी वार्ता व भाषा से प्राप्त इनपुट के साथ )