पिछले पांच महीने में COVID-19 कोरोना वायरस नेे पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। दुनिया भर के संगठन और संस्थान इसका उपचार ढूंढने की कोशिश में लगे हैं। इस दिशा में एक गुड न्यूज सामने आई है। भारतीय शोधार्थियों ने यह दावा किया है कि अश्वगंधा कोरोना वायरस से बचने में कारगर हो सकती है।
अश्वगंधा वास्तशव में एक हर्ब यानी जड़ी बूटी है। यह भारत में सूखे इलाकों में वनों में पाई जाती है। जब यह ताजी होती है तो इसमें से घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। इसलिए इसे अश्वगंधा नाम दिया गया। भारतीय चिकित्सा शास्त्र आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में दर्ज किया गया है। और यह कई तरह की बीमारियों के उपचार में काम में लाई जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी की रिसर्च से यह खुलासा कि गया है कि अश्वगंधा और प्रोपोलिस में ऐसे प्राकृतिक गुण मौजूद हैं, जिनसे COVID-19 कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। इन दोनों में शरीर की क्षति को बचाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं।
अश्वगंधा तो समझ आ गया, आप सोच रही होंगी कि ये प्रोपोलिस क्या है। आपने मधुमक्खी का छत्ता तो देखा होगा। छत्ते में शहद के अलावा जो वैक्सी कंपोनेंट होता है उसे प्रोपोलिस कहा जाता है। इसका निर्माण भी मधुमक्खियां ही करती हैं।
इसे अभी तक अन्य उत्पादों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।
अश्वगंधा पर अभी और शोध किया जा रहा है। वैज्ञानिक इस खोज में लगे हैं कि क्या आयुर्वेदिक औषधि अश्ववगंधा, एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) की जगह ले सकती है ! अभी तक इसी दवा को कोरोना वायरस के लिए दवा के विकल्प के रूप में देखा जा रहा था। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी इस संदर्भ में शोध कर रहा है।
उसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद भी इस बारे में लगातार शोध कर रहे हैंं। पर इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप घर में अश्वगंधा स्टोर करना शुरू कर दें।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। इसे खांसी, छाती में दर्द और टीबी के इलाज में भी प्रयुक्त किया जाता रहा है। पर यह औषघि जितनी लाभदायक है उतनी ही नुकसानदायक भी है। इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के भूल कर भी इसका इस्तेमाल शुरू न कर दें।
अश्वूगंधा और प्रोपोलिस पर अभी शोध जारी है। शोध वैज्ञानिकों और शोधार्थियों का काम है। और इलाज करना डॉक्टररों का। आप और हम केवल बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी और अपने परिवार की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखें। जिससे कोरोना वायरस के साथ ही अन्य संक्रमणों से भी मुकाबला किया जा सके।