scorecardresearch

हर वैरिएंट के लिए एंटीबॉडी बना रहा है त्वचा पर 21 घंटे तक जिंदा रह सकने वाला ओमिक्रोन

कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले अगर आपको डरा रहे हैं, तो यहां आपके लिए दो खबरें हैं।
Published On: 27 Jan 2022, 05:00 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
omicron ke naye update
जानिए ओमिक्रोन को लेकर दो नई जानकारियां। चित्र : शटरस्टॉक

कोरोना वायरस संक्रमण (Covid-19) के मामले लगातार देश में बढ़ते जा रहे हैं। बीते 24 घंटों के दौरान देश में 2,86,000 नए मामले दर्ज किए गए। संक्रमण की रफ्तार लगातार लोगों में डर पैदा कर रही है। हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ कि आखिर कोरोना वायरस (Coronavirus)  का यह नया वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron)  इतनी तेजी से कैसे फैल रहा है। वहीं आईसीएमआर (ICMR) द्वारा एक और जानकारी साझा की गई कि ओमिक्रोन से संक्रमित मरीज हर वैरिएंट से लड़ने के लिए एंटीबॉडी (Antibody) बनाता है। चलिए इन दोनों जानकारियों के बारे में विस्तार से समझते हैं। 

क्यों इतनी तेजी से फैल रहा है ओमिक्रोन? 

हाल ही में किए गए एक नए शोध के अनुसार दावा किया गया कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन 21 घंटे तक स्किन पर जिंदा रह सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक की सतह पर यह वैरिएंट करीब 8 घंटे तक जीवित रह सकता है। एक तरफ जहां नए वैरिएंट को लेकर यह जानकारी सामने आई थी कि यह काफी तेजी से म्यूटेट होता है। वहीं अब स्किन पर इसके जीवित रहने की अवधि इसके तेजी से फैलने के कारण को दर्शा रही है।

क्या है यह शोध? 

ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर यह नया अध्ययन जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा SARS-CoV-2 के बीच वायरस पर्यावरणीय स्थिरता के अंतर को समझा गया। 

skin par kitni der rehta hai omicron
जानिए त्वचा पर कितनी देर रहता है ओमिक्रोन । चित्र : शटरस्टॉक

इस अध्ययन को प्रीप्रिंट रिपोजिटरी BioRxiv द्वारा पोस्ट किया गया है। अध्ययन इस बात का दावा करता है कि ओमिक्रोन अब तक के सभी वैरिएंट से ज्यादा समय तक त्वचा पर रह सकता है।

त्वचा पर कितने घंटो तक रह सकता है कौन सा वैरिएंट?

  1. ओरिजनल स्ट्रेन 8.6 घंटे
  2. अल्फा वैरिएंट 19.6 घंटे
  3. बीटा वैरिएंट 19.1 घंटे
  4. गामा वैरिएंट 11 घंटे
  5. डेल्टा वैरिएंट 16.8 घंटा
  6. ओमिक्रॉन वैरिएंट 21.1

आईसीएमआर ने भी किया एक नया दावा 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रोन अन्य सभी वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। वह हर वैरिएंट के खिलाफ लड़ने में सक्षम है। इसमें अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट का नाम भी शामिल है।

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि संक्रमण से जंग जीतने के लिए एंटीबॉडी कितनी जरूरी हैं। लोगों को लगाई जा रही वैक्सीन भी एंटीबॉडी बनाने का काम करती हैं। आईसीएमआर द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्तियों में एक विशेष प्रतिरक्षा तंत्र विकसित होता है, जो हर वैरिएंट से लड़ने में सक्षम है। 

omicron positive log banate hain antibody
ओमीक्रोन पॉजिटिव लोग बनाते है ज्यादा एंटीबॉडी। चित्र : शटरस्टॉक

यह भी दावा किया जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुका है तो उसकी डेल्टा से दोबारा संक्रमित होने की संभावनाएं कम है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

आईसीएमआर द्वारा कैसे किया गया अध्ययन ?

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार आईसीएमआर ने वैरिएंट के बी.1.1529 और बीए.1 से संक्रमित व्यक्तियों के सेरा का उपयोग कर सभी वैरिएंट को ओमिक्रोन के संपर्क में लाकर आईजीजी का विश्लेषण किया। इसमें ओमिक्रोन से बनी एंटीबॉडी ने सभी वेरिएंट को बेअसर कर दिया। भारत तेजी से तीसरी लहर की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह देश के लिए अच्छी ख़बर हो सकती है।

यह भी पढ़े : कैल्शियम की जरूरत सिर्फ आपकी बोन्स को ही नहीं, हृदय स्वास्थ्य को भी है, जानिए क्यों

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
अक्षांश कुलश्रेष्ठ
अक्षांश कुलश्रेष्ठ

सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में

अगला लेख