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क्या आपने सुना है जोंक चिकित्सा के बारे में? यहां जानिए इस बारे में सब कुछ

लीच यानी जोंक का इलाज के लिए इस्तेमाल करना बेशक अजीब लग सकता है। मगर आयुर्वेद भी मानता है जोंक चिकित्सा के फायदे। जानिए इस चिकित्सीय पद्धति के बारे में।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:07 pm IST
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janiye kya hai leech therapy
क्या है लीच थेरेपी और यह कैसे काम करती है. चित्र : शटरस्टॉक

क्या आपने कभी जोंक देखे हैं? जी हां वही जोंक जो अक्सर बारिश के मौसम में देखने को मिलते हैं। हम सभी इस बात से अवगत हैं कि यदि ये त्वचा से चिपक जाएं, तो खून चूस लेते हैं। इसलिए हम जितना हो सके इनसे दूर रहने की कोशिश करते हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि इनका उपयोग चिकित्सीय उपचार के लिए भी किया जाता है? जी हां जोंक चिकित्सा नामक एक पुरानी चिकित्सीय पद्धति है, जो कई वर्षों से विभिन्न समस्याओं का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती है।

जानिए क्या है जोंक चिकित्सा (Leech Therapy)?

प्राचीन मिस्र के समय से, तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की असामान्यताओं, दंत समस्याओं, त्वचा रोगों और संक्रमणों के इलाज के लिए जोंक का उपयोग किया जाता रहा है। आज, वे ज्यादातर प्लास्टिक सर्जरी और अन्य माइक्रोसर्जरी (Microsurgery) में उपयोग किए जाते हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि जोंक पेप्टाइड्स और प्रोटीन का स्राव करते हैं, जो रक्त के थक्कों को रोकने का काम करते हैं। इन स्रावों को ब्लड थिनर के रूप में भी जाना जाता है। यह घावों को ठीक करने में मदद करते हैं और खून को बहने में मदद करते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार – वर्तमान में कई समस्याओं का निदान करने के लिए जोंक चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान सर्जरी और अन्य माइक्रोसर्जरी के लिए जोंक का उपयोग किया जाता है।

कैसे की जाती है जोंक चिकित्सा?

औषधीय जोंक, जो आमतौर पर हंगरी या स्वीडन में पाए जाते हैं, उनके तीन जबड़े होते हैं। जिनमें से प्रत्येक में दांतों की एक पंक्ति होती है। वे अपने दांतों का उपयोग किसी व्यक्ति की त्वचा में घुसने के लिए करते हैं और अपनी लार में मौजूद एंटीकोआगुलंट्स को इंजेक्ट करते हैं। उसके बाद, लगभग आधे घंटे के लिए जोंक को रोगी से रक्त निकालने की अनुमति दी जाती है (हर जोंक सिर्फ कुछ मिलिलीटर खून चूसती हैं)।

जिन लोगों को मधुमेह की जटिलताओं के कारण लिंब एम्पयूटेशन का खतरा है और जिनकी कॉस्मेटिक सर्जरी हो रही है। वे सभी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। इस थेरेपी से रक्त के थक्के और वैरिकोज़ वेंस का भी इलाज किया जा सकता है।

kya hai jonk chikitsa
वैरिकोज़ वेंस से उबरने में मदद करती है जोंक चिकित्सा. चित्र : शटरस्टॉक

किन बीमारियों से उबरने में मदद करती है जोंक चिकित्सा

लीच रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और रक्त के थक्कों को तोड़ने में प्रभावी होती है। इसमें आश्चर्य नहीं कि उनका उपयोग संचार संबंधी विकारों और हृदय रोग के इलाज के लिए किया जा सकता है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

जोंक की लार से प्राप्त रसायनों को दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

उच्च रक्तचाप
वैरिकाेज वेंस
बवासीर
त्वचा संबंधी समस्याएं
वात रोग

 

दिल की बीमारी

हृदय रोग वाले लोग सूजन और रक्त प्रवाह में सुधार के लिए इसकी क्षमता के कारण जोंक चिकित्सा का उपयोग करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एनसीबीआई के अनुसार जोंक रक्त प्रवाह को सुधारने में मदद करती है।

कैंसर

जोंक चिकित्सा का उपयोग कर कैंसर के उपचार का पता लगाया जा रहा है, क्योंकि प्लेटलेट अवरोधक और जोंक लार में निहित विशेष एंजाइम हैं। जबकि कुछ ब्लड कैंसर वाले लोगों को जोंक चिकित्सा का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। यह फेफड़ों के कैंसर के प्रभाव को धीमा करने के लिए दिखाया गया है।

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जोंक चिकित्सा कैंसर में भी प्रभावी है। चित्र : शटरस्टॉक

क्या लीच थेरेपी मधुमेह में मदद कर सकती है?

मधुमेह कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इन समस्याओं से नसों की बीमारियां हो सकती हैं, जो रक्त को पैर की उंगलियों, हाथों और पैरों तक पहुंचने से रोकती हैं। जब रक्त प्रवाह गंभीर रूप से प्रतिबंधित हो जाता है, तो प्रभावित ऊतक मर सकता है।

इस प्रक्रिया को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका रक्त के थक्कों के जोखिम के बिना प्रभावित ऊतकों में परिसंचरण को बढ़ाना है। शोध से पता चला है कि जोंक चिकित्सा इसमें एक भूमिका निभा सकती है।

अंत में …

जिन लोगों को ऑटोइम्यून विकार, एनीमिया, रक्त के थक्के जमने की समस्या है, या जिनकी धमनियां क्षतिग्रस्त हैं, उनके लिए लीच थेरेपी की सिफारिश नहीं की जाती है। आमतौर पर यह भी सलाह दी जाती है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाएं इससे बचें।

लीच में दवा प्रतिरोधी कीटाणुओं सहित जीवाणु संक्रमण पैदा करने की क्षमता होती है। इसलिए नियंत्रित वातावरण के बाहर उनसे बचें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस तरह की थेरेपी ट्राई करें। हालांकि हेल्थशॉट्स ऐसी किसी भी थेरेपी को व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल करने की सिफारिश नहीं करता है।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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