ब्रेन में ब्लीडिंग के कारण सद्गुरू को हो रहा था लगातार सिरदर्द, इन 5 कारणों से जरूरी है इस पर ध्यान देना

स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर को सुनना बहुत जरूरी है। अलग-अलग संकेतों से शरीर भीतर चल रही समस्याओं के बारे में संकेत देता है। सिरदर्द भी ऐसा ही एक संकेत है, इसलिए इसे इग्नोर न करें।
Headache ko kyu na karein ignore
ब्लीडिंग के चलते सद्गुरू के ब्रेन पर उसका प्रभाव धीरे-धीरे दर्द के रूप में नज़र आने लगा।
ज्योति सोही Updated: 21 Mar 2024, 15:21 pm IST
  • 140

शरीर के किसी भी अंग में होने वाला दर्द और ऐंठन किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। हम सभी कभी न कभी सिरदर्द का सामना करते हैं। कभी-कभी इसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है यानि थोड़े थोड़े समय में सिरदर्द की शिकायत का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर अनियमित डाइट, पानी की कमी, कमज़ोर दृष्टि और तनाव सिरदर्द का कारण हो सकता है। हांलाकि कुछ लोग सिरदर्द को माइग्रेन से जोड़कर देखने लगते हैं। मगर ज़रूरी नहीं सिर में उठने वाला दर्द माइग्रेन ही हो। हाल ही में आध्यात्मिक वक्ता सद्गुरू जग्गी वासुदेव को एक इमरजेंसी सर्जरी करवानी पड़ी। हालांकि वे लंबे समय से सिरदर्द का सामना कर रहे थे, लेकिन अपनी व्यस्तता के कारण वे इसे लगातार इग्नोर कर रहे थे। ऐसी गलती आप न करें, इसके लिए बार-बार होने वाले सिर दर्द के संभावित कारणों के प्रति जागरुक होना बहुत जरूरी है।

आखिर क्यों करवानी पड़ी सद्गुरू जग्गी वासुदेव को ब्रेन सर्जरी

इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विनीत सूरी बताते हैं कि सद्गुरू ने 4 सप्ताह तक सिरदर्द का सामना किया, जो काफी तेज था। उन्होंने कई दिनों तक सिरदर्द को इग्नोर करके अपनी नॉर्मल एक्टीविटी को जारी रखा। मगर धीरे- धीरे दर्द की फ्रीक्वेंसी बढ़ने लगी। 15 मार्च को उन्हें तेज़ सिरदर्द का सामना करना पड़ा। जिसके बाद वे जांच के लिए आए। एमआरआई में उनके ब्रेन में लगातार ब्लीडिंग देखी गई। जिसके कारण ब्रेन में स्वैलिंग बढ़ रही थी। 17 मार्च को सद्गुरू को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका सीटी स्कैन किया गया और फिर सर्जरी के लिए ले जाया गया। ब्रेन सर्जरी के बाद वो बिल्कुल हेल्दी और फिट हैं और उनका शरीर बहुत जल्द रिकवर हो रहा है।

Headache se kaise bachein
सिर दर्द को कभी भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। खासतौर से यदि वह सप्ताह में तीन से चार बार और दो सप्ताह से अधिक हो रहा हो। चित्र : अडोबी स्टॉक

सूजन के कारण खतरनाक हो रही थी स्थिति

वहीं एमडी इन इंटरनल मेडिसिन डॉ नवनीत कालरा बताते हैं कि ब्लीडिंग के चलते सद्गुरू के ब्रेन पर उसका प्रभाव धीरे-धीरे दर्द के रूप में नज़र आने लगा। जिसके चलते ब्रेन एक तरफ शिफ्ट हो गया, जो बेहोशी का कारण साबित हो रहा था।

ब्लीडिंग ब्रेन के अंदर न होकर, ब्रेन और स्कल के बीच में 2 से 3 बार हुई, जिससे ब्रेन पर प्रेशर बढ़ रहा था। इसके चलते सद्गुरू की टांग में भी दर्द और सुन्नपन बढ़ने लगा। 1 महीने से लगातार सिर में दर्द की शिकायत कर रहे सद्गुरू जग्गी वासुदेव में सबडयूर हेमाटोमा (Subdural hematoma) का जोखिम बढ़ रहा था, जो अक्सर हेड इंजरी के कारण बढ़ने लगता है।

डॉ विनीत बताते हैं कि सिर दर्द को कभी भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। खासतौर से यदि वह सप्ताह में तीन से चार बार और दो सप्ताह से अधिक हो रहा हो। यह किसी खतरनाक स्थिति का संकेत भी हो सकता है। यहां हम उन कारणों के बारे में बात कर रहे हैं , जो सिरदर्द को ट्रिगर कर सकते हैं।

बार-बार और लगातार सिर दर्द के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 5 कारण (Causes of frequent headache)

1 माइग्रेन (Migraine)

माइग्रेन स्कैल्प की सेंसिटीविट के चलते बढ़ने लगता है, जो महिलाओं में पुरूषों से ज्यादा पाया जाता है। हार्वड हेल्थ के मुताबिक 70 फीसदी मामलों में माइग्रेन माता पिता से बच्चों में आता है। इसके चलते ये पूरी तरह से जेनेटिक है।

कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रहने वाले इस दर्द के चलते व्यक्ति अपनी दिनचर्या के कार्यों को उचित प्रकार से नहीं कर पाता है। इस दर्द से व्यक्ति कम से कम 4 घण्टे से लेकर 72 घंटों तक प्रभाविम रहता है। मील स्किप करना और इमोशनल स्ट्रेस इस समसया के बढ़ने का कारण साबित होते हैं। इसके अलावा सनलाइट की कमी भी इस समस्या का कारण साबित होती है।

Migraine se kaise bachein
माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है, जो सिर के एक तरफ गंभीर दर्द का रूप ले सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 टेंशन हैडेक (Headache tension)

हार्वड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार हर 4 से 3 एडल्टस को टेंशन हैडेक का सामना करना पड़ता है। 20 मिनट से लेकर 2 घण्टों तक सिरदर्द का कारण साबित होने वाला ये दर्द सप्ताह में 3 से 4 बार होने लगता है। भावनात्मक तनाव और चिंता के कारण ये समस्या बढ़ने लगती है। सिरदर्द से ग्रस्त लोगों को कंधों और गर्दन दर्द का सामना करना पड़ता है। वार्म शावर, हीटिंग पैड और योग की मदद से इस समस्या को सुलझाया जा सकता है।

3 मेडिकेशन हैडेक (Medication headache)

वे लोग जो एक समय में एक से अधिक दवाओं का सेवन करते है, उन्हें सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। मेडिकेशन का ओवरयूज साइड इफैक्ट का कारण साबित होता है। इससे सिर में दर्द की शिकयत बढ़ने लगती है। इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी सलाह से दवाओं की मात्रा को कम करना आवश्यक है।

4 साइनस हैडेक (Sinus headache)

एक्यूट साइनस की समस्या सिरदर्द की समस्या का बढ़ा देता है। साइनस के चलते सिर, चीक्स, आंखों और नाक में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है। साइनस के चलते नेज़ल डिस्चार्ज, कंजैशर और बुखार का सामना करना पड़ता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
Sinus se kaise bachein
एक्यूट साइनस की समस्या सिरदर्द की समस्या का बढ़ा देता है। साइनस के चलते सिर, चीक्स, आंखों और नाक में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

5 ब्रेन ट्यूमर हैडेक (Brain tumour headache)

ब्रेन ट्यूमर हैडेक माइग्रेन और टैंशन हैडेक से पूरी तरह से अलग होता है। वे लोग जो इस समस्या का शिकार होते हैं, वे सोते वक्त एकदम जाग जाते हैं और सिरदर्द की शिकायत करते हैं। इसके चलते कई दिनों तक सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है।

ये भी पढ़ें- हृदय रोगों का जोखिम भी कम कर सकती है वेट लिफ्टिंग, जानिए महिलाओं के लिए इसके फायदे

  • 140
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख