दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ से उबर ही रही थी कि नया वैरिएंट ओमिक्रोन काफी तेजी से पैर पसारने लगा। इस नए संक्रमण को लेकर वैज्ञानिक जानकारी जुटाने में लगे हुए थे कि इजराइल से एक और नए संक्रमण की खराब आ रही है। जिसे “फ्लोरोना” कहा जा रहा है। लोगों में एक मिथ काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि यह भी कोरोना वायरस संक्रमण का ही एक नया वैरिएंट है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। तो आखिर यह फ्लोरोना है क्या? चलिए विस्तार से इस संक्रमण के बारे में जानते हैं जो इजराइल में पाया गया।
सबसे पहले टीकाकरण अभियान खत्म करने और मास्क फ्री कंट्री होने वाले देश इजराइल में एक गर्भवती महिला में यह संक्रमण पाया गया है। इसे कोरोना वायरस संक्रमण और इन्फ्लूएंजा का एक मिला-जुला रूप बताया जा रहा है। इजराइल के एक निजी अखबार द्वारा प्रकाशित ख़बर के अनुसार फ्लोरोना एक डबल इन्फेक्शन है। यह तब पाया गया जब महिला बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में भर्ती हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कोई नई बीमारी या कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया वैरिएंट नहीं है। हालांकि यह भी एक प्रकार का वायरस है, जो कोरोना और इनफ्लुएंजा के एक साथ होने से पैदा हो गया है। यह एक दोहरा संक्रमण है, जिसके कारण यह कोरोना वायरस संक्रमण से भी दोगना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बारे में अभी ज्यादा पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। हालाकि मार्च 2020 में दुनिया में कोरोना महामारी के बाद इस तरह का मामला पहली बार देखने को मिला है।
इनफ्लुएंजा वायरस मानव शरीर के लिए जानलेवा हो सकता है। जबकि कोरोना वायरस ने जो तबाही मचाई है वह किसी से छुपी नहीं है। एक तरफ जहां कोरोना वायरस श्वास तंत्र को प्रभावित करता है वहीं, दूसरी तरफ इनफ्लुएंजा वायरस से निमोनिया और मायोकार्डिटिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
इजराइली स्वास्थ्य मंत्रालय और अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के अनुसार, फ्लोरोना काफ़ी तेजी से फैल सकता है। बता दें कि इजराइल में इनफ्लुएंजा वायरस के मामले भी बहुत ज्यादा हैं। बीते हफ्ते में 1849 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रोन की लहर अगले 3 हफ्तों में इजराइल में पीक पर होगी।
इजराइल में यह संक्रमण मिलने से वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंताएं काफी तेज होती जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार से सिफारिश की है कि 6 महीने की उम्र से बड़े व्यक्तियों को इन्फ्लूएंजा की ऐसी वैक्सीन दी जाए जो कोरोना वैक्सीन के साथ भी सुरक्षित हो। संभावना जताई जा रही है कि देश में फ्लोरोना के और भी मामले मौजूद हो सकते हैं, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
कोरोना हो या फ्लोरोना किसी भी संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बरतना और वैक्सीन लगवाना अत्यंत आवश्यक है। वायरस से लड़ने के लिए हमारे शरीर को पर्याप्त एंटीबॉडी की जरूरत होती है। इनफ्लुएंजा वायरस की भी वैक्सीन है। जिसे लगवाने की सिफारिश इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरकार से की गई है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, मास्क का उपयोग करना, भीड़ से बचना, और अपने हाथों को सैनिटाइज करना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है।
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