बर्ड फ्लू से अमेरिका में दर्ज हुई पहली मौत, चिकन खाते हैं तो सावधान हो जाएं
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा खासतौर से पक्षियों को प्रभावित करता है लेकिन अब इंसानों में भी ये रोग पाया जा रहा हैं। इसी के चलते हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक मरीज की गंभीर एवियन इन्फ्लूएंजा ए से मृत्यु हो गई, जो बर्ड फ्लू से हुई पहली मौत थी। अमेरिका में बढ़ते बर्ड फ्लू (bird flu outbreak)के मामले चिंता का कारण साबित हो रहे है। टेक्सास बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Texas biomedical research institute) के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च स्टडी में पाया कि टेक्सास में एक व्यक्ति में पाए गए बर्ड फ्लू (bird flu outbreak) के एक स्ट्रेन में नौ म्यूटेशन यानि उत्परिवर्तन की पहचान की गई है। ये म्यूटेशन वायरस को बीमारी पैदा करने में मदद करते हैं। इसके चलते ये वायरस ब्रेन में रेप्लिकेट करने और बीमारी की गंभीरता को बढ़ाने में सक्षम होता है।
पिछले साल भारत में भी बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आए थे। इसमें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस फैलने की संभावना और अधिक मौतों के खतरे के बारे में व्यापक आशंकाएँ पैदा हुई है। हांलाकि हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही घातक वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। हालाँकि ये समस्या चिंता का कारण बनी हुई है, लेकिन इन दिनों इस्तेमाल किए जा रहे एंटीवायरल उपचार इस स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी बने हुए हैं।
भारत और दुनिया भर में बर्ड फ्लू के मामले
आगे बढ़ने से पहले भारत के साथ साथ दुनिया भर में पाए जाने वाले बर्ड फ्लू के मामलों पर एक नज़र दौड़ाते है। दरअसल, एवियन इन्फ्लूएंजा में कई तरह के स्ट्रेन शामिल होते हैं, जिनमें से कुछ इंसानों के लिए जोखिम का कारण साबित हो सकते हैं। हालांकि बर्ड फ्लू के कई स्ट्रेन आम तौर पर लोगों को संक्रमित नहीं करते हैं, लेकिन H5N1, H7N9, H5N6 और H5N8 जैसी कुछ किस्मों ने हाल के वर्षों में चिंताएं बढ़ा दी है। ये स्ट्रेन आम तौर पर इंसान से इंसान में आसानी से नहीं फैलते हैं। बावजूद इसके कई देशों के लोगों में संक्रमण पाया गया है, जिससे मौतें की गिनती में इज़ाफा देखने को मिला हैं। उदाहरण के लिए H5N1, H7N9 और H5N6 के कारण दुनिया भर में कई मौतें हुई हैं।
दुनिया भर में बर्ड फ्लू के कुछ हालिया मामले इस प्रकार हैं (Bird flu cases)
फरवरी 2021 में रूस ने H5N8 स्ट्रेन के अपने पहले मानवीय मामलों की सूचना दी।
जनवरी 2025 तक, अमेरिका ने 2024 से H5N1 के 66 मानव मामलों की पुष्टि की थी, जिससे 2022 से कुल 67 मामले सामने आए।
भारत ने 2024 में एवियन इन्फ्लूएंजा A (H9N2) के दो मामले और 2019 में एक मामले की सूचना दी। जून 2024 में पश्चिम बंगाल में एक 4 वर्षीय बच्चा H9N2 से संक्रमित हुआए लेकिन पूरी तरह ठीक हो गया।
इस वायरस की पहचान सबसे पहले साल 2003 में वियतनाम में की गई थी। उसके बाद एवियन इन्फ्लूएंजा से एशिया, यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व में इसके फैलने और इससे हुई मौत के कई मामले सामने आए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब H5N1 के 950 से ज्यादा मानव मामलों का डाक्यूमेंटेशन यानि दस्तावेजीकरण किया है। इनमें से लगभग आधे लोगों की मृत्यु हो गई है, जिससे इस वायरस के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई हैं।
बर्ड फ्लू क्या है (What is bird flu)
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर पक्षियों को प्रभावित करता है। मगर साथ ही साथ मनुष्यों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। H5N1 स्ट्रेन, इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार यानि सबटाइप है, जो लोगों में बर्ड फ्लू का सबसे आम रूप है।
सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार इसे पहली बार 1997 में हांगकांग में पोल्ट्री के बीच प्रकोप के दौरान मनुष्यों में पहचाना गया था। जबकि H5N1 के मानव मामले कम हैं। इस संक्रमण की संभावना उन व्यक्तियों में ज्यादा पाई जाती हैं जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में रहे हैं। अमेरिका ने 2024 से बर्ड फ्लू के चल रहे मानव मामलों की सूचना दी है।
बर्ड फ्लू के लक्षण और संकेत
H5N1 एक सामान्य फ्लू के समान होते हैं, मगर इसके कई लक्षण हैं। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बुखार और सिरदर्द समेत कई लक्षण पाए जाते हैं।
- तेज बुखार का बढ़ना
- सिरदर्द की समस्या
- खांसी आना
- कपकपी महसूस होना
- मांसपेशियों में दर्द का सामना करना
- सांस की तकलीफ बढ़ जाना
- थकान और कमज़ोरी शरीर में महसूस होना
- नाक का बहना
- गले में खराश भी बढ़ने लगती है
कुछ मामलों में लक्षण बिगड़ सकते हैं और इसमें शामिल हैं
- दस्त की समस्या से ग्रसत होना
- मतली बने रहना
- पेट दर्द से परेशानी
- सांस लेने में तकलीफ
- निमोनिया का सामना करना
- नाक और मसूड़ों से खून आना
- कंजक्टीवाइट्स और गुलाबी आँख
- छाती में दर्द रहना
- व्यवहार और सोच में बदलाव
- गंभीर मामलों में सीज़र अटैक का सामना करना पड़ता है
H5N1 के गंभीर मामलों में कई जटिलताएँ हो सकती हैं, जैसे कि रेस्पीरेटरी फेलियर और मृत्यु भी। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो इसे रोकने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
H5N1 बर्ड फ्लू का इलाज है
इस संक्रमण के उपचार के लिए डॉक्टर इन्फ्लूएंजा A/H5 (एशियन लीनिएज) वायरस रियल टाइम आरटी पीसीआर टेस्ट करते हैं। इसके बाद भी उपचार की शुरूआत की जाती है। इनफेक्शियसडिज़ीज़ स्पेशनिस्ट यानि संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ चारु दत्त अरोड़ा बताती हैं कि ज़्यादातर मामलों में ओसेल्टामिविर और ज़ानामिविर जैसी एंटीवायरल दवाएँ बीमारी की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती हैं। हालाँकि ये दवाएँ लक्षणों की शुरुआत के 48 घंटों के भीतर लेने पर सबसे असरदार साबित होती हैं।
बर्ड फ्लू के जोखिम को कैसे कम करें
- संक्रमण को रोकने के लिए पक्षियों विशेष रूप से पोल्ट्री के निकट संपर्क से बचें।
- इस बात का ख्याल रखें कि अंडे सहित सभी पोल्ट्री उत्पाद खाने से पहले पूरी तरह से पके हुए हों।
- हाइजीन मेंटेन करने के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएँ।
- अगर आप पक्षियों के आस.पास रहते हैंए तो नियमित रूप से उन सतहों को साफ और कीटाणुरहित करें जो उनके संपर्क में आ सकती हैं।
- एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रति जागरूक रखें और इससे जुड़ी न्यूज़ से जानकारी जुटाएं
- वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए किसी भी बीमार या मृत पक्षी की सूचना स्थानीय अधिकारियों को दें।
- H5N1 बर्ड फ्लू के जोखिम को कम करने के लिए टीका लगवाएं।
दरअसल, H5N1 बर्ड फ्लू फैल रहा हैए इसलिए सावधान रहना और जटिलताओं से बचने के लिए इन सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। यदि आपको कोई लक्षण महसूस होता है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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