त्वचा की सतह के पास फैट लॉस होना हो सकता है आपके चेहरे पर सैगिंग का कारण

त्वचा की सतह के पास फैट लॉस होने के कारण आपके चेहरे की त्‍वचा लटकने लगती है। और आप अपनी उम्र से ज्‍यादा नजर आने लगती हैं।
samay se pehle aging ho sakti hai
समय से पहले हो सकती है एजिंग की समस्या। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 30 Jan 2021, 20:08 pm IST
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केवल गुरुत्वाकर्षण ही नहीं, अमेरिकी शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि त्वचा की सतह के पास फैट का कम होना भी एक कारण हो सकता है जिससे चेहरे की त्वचा ढीली होने लगती है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप जिन क्रीमों का इस्तेमाल करती हैं या आप कौन से खाद्य पदार्थ आप खाती हैं। ढीली होती त्वचा अभी भी एक अनचाहे हिस्से और बढ़ती उम्र के पार्सल के रूप में आती है।

हम सभी यह मानते हैं कि समय के साथ गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण त्वचा ढीली होने लगती है और लटकने लगती है। लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि इसका एक और सिद्धांत भी है? कि शायद चेहरे की उम्र बढ़ने के पीछे असली कारण फैट लॉस है, दोनों त्वचा की सतह के पास और गहरे क्षेत्रों में।

क्‍या कहता है अध्‍ययन 

प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के फरवरी अंक में छपे एक नए अध्ययन में, मेडिकल कॉलेज ऑफ विस्कोन्सिन के एमडी और अमेरिकन सोसायटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन (एएसपीएस) के आधिकारिक मेडिकल जर्नल, आरोन मॉर्गन और उनके सहयोगियों ने 19 रोगियों का अध्ययन किया। जिन्होंने कम से कम एक दशक के अलावा दो अवसरों पर सिर के सीटी स्कैन (computed tomography, CT scans) किए।

इस शोध में त्‍वचा के लटकने के कारणों का पता लगाया गया है। चित्र: शटरस्‍टॉक
इस शोध में त्‍वचा के लटकने के कारणों का पता लगाया गया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

हालांकि, मरीज फेसलिफ्ट सर्जरी या किसी अन्य कॉस्मेटिक्स प्रक्रिया से गुजर नहीं रहे थे।
स्कैन समय के साथ-साथ चेहरे (आंखों और मुंह के बीच का क्षेत्र) पर जमा वसा में परिवर्तन को मापने के लिए उपयोगी साबित हुआ। प्रारंभिक स्कैन के दौरान रोगियों की उम्र औसतन 46 वर्ष थी, और फॉलोअप के समय 57 वर्ष धी।

चेहरे का फैट लॉस और सैगिंग कैसे आपस में जुड़ी हुई है

हालांकि रोगियों के बीच निष्कर्ष अलग-अलग थे, परिणामों ने मध्य चेहरे की वसा की मात्रा का एक निश्चित और औसत दर्जे का नुकसान दिखाया। प्रारंभिक स्कैन से लेकर फॉलोअप स्कैन तक चेहरे की वसा की कुल मात्रा लगभग 46.50 cc (cubic centimetres) से घटकर 40.8 cc हो गई, लगभग 12.2% की कमी।

हालाकि, सभी स्तरों पर कटौती की मात्रा समान नहीं थी। सुपरफिशियल कम्पार्टमेंट में वसा की मात्रा, त्वचा के नीचे, औसतन 11.3% घट जाती है। जो कि गहरे फेशियल फैट कम्पार्टमेंट में औसत 18.4% की कमी होती है।

निष्कर्ष चेहरे की उम्र बढ़ने के ‘वोल्यूम लॉस’ सिद्धांत का समर्थन करने के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण प्रदान करते हैं, और कुछ विशष्टि समस्याओं को समझने में मदद कर सकते हैं। जो चेहरों को कायाकल्प की ओर ले जाते हैं। डा. मोर्गन बताते हैं, कि चेहरे का गहराई से फैट लॉस, अधिक वसा से समर्थन को हटा देता है।

यहां हम बता रहे हैं त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले कारणों के बारे में। चित्र-शटरस्टॉक।

क्‍या हो सकता है समाधान?

उन्होंने कहा कि, यह नासोलैबियल फोल्ड (nasolabial fold) को गहरा करने का कारण बनता है, जो नाक से मुंह तक चलता है। इस बीच, सतह के करीब फैट लॉस होता है, जिससे गाल ढीले या लटके हुए दिखाई देते हैं।

वसा की मात्रा घटाने में भिन्नता भी आंखों के चारों ओर उम्र बढ़ने से संबंधित खोखलेपन और जौल्स के भारीपन की व्याख्या कर सकती है। डॉ. मॉर्गन कहते हैं, ऊपरी चेहरे में कम वसा होती है, जिससे शुरुआत होती है, इसलिए वसा की कमी अधिक स्पष्ट होती है।

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उन्होंने निष्कर्ष निकाला, कि इसके विपरीत गाल या बक्कल क्षेत्र (buccal area) में अपेक्षाकृत कम फैट होता है, जिससे यह क्षेत्र पूर्ण रूप से प्रकट होता है क्योंकि मध्य-चेहरे के अन्य क्षेत्रों में परिवर्तन होते हैं।

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