कई ऐसी कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स हैं, जो महिलाओं को अधिक परेशान करती हैं। इन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। ऐसे में सभी महिलाओं को इस बारे में जरूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे समय रहते इसका पता कर अपना ट्रीटमेंट शुरू करवा सके। ऐसे में कुछ जनरल मेडिकल चेकअप हैं, जिसे महिलाओं को अपनी नियमित हेल्थकेयर रूटीन में शामिल करना चाहिए। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2024) पर आपको जानना चाहिए उन जरूरी टेस्ट के बारे में, जो समय रहते स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का निदान कर सकते हैं।
महिलाओं को 21 साल की उम्र में पैप परीक्षण कराना शुरू कर देना चाहिए और परीक्षण कम से कम हर तीन साल में दोहराया जाना चाहिए। पैप के साथ एचपीवी सह-परीक्षण 30 साल की उम्र में शुरू होना चाहिए और आपको कम से कम हर पांच साल में दोबारा से इसकी जांच करानी चाहिए।
एसटीडी अक्सर बिना किसी लक्षण के साथ आते हैं, जिसका अर्थ है कि ये आपसे आपके पार्टनर और प्रेगनेंसी के दौरान बच्चों में भी ट्रांसफर हो सकता है। जब आप सेक्सुअली एक्टिव हो जाती हैं तब, या यदि संभव हो तो उससे भी पहले यौन स्वास्थ्य जांच शुरू कर देनी चाहिए। डॉक्टर से एसटीडी संक्रमण प्रीवेंशन पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, भले ही आप यौन रूप से सक्रिय न हों।
डायबिटीज की जांच 35 साल की उम्र में शुरू होनी चाहिए और यदि आपमें डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं हैं तो इसे हर तीन साल में दोहराएं। यदि फैमिली में डायबिटीज की हिस्ट्री है या अधिक वजन या मोटापा, उच्च रक्तचाप या हृदय रोग का इतिहास जैसे जोखिम कारक हैं, तो अधिक फ्रीक्वेंट स्क्रीनिंग करवाएं।
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जिन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री नहीं रही है उन्हें अपना पहला मैमोग्राम 40 साल की उम्र से शुरू करवाना चाहिए। इसके बाद आपको हर साल एक बार इसकी जांच करवानी चाहिए। स्तन कैंसर के मजबूत पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं के लिए पहले और अधिक बार मैमोग्राम की सिफारिश की जा सकती है।
18 साल की उम्र में, संदिग्ध मस्सों या रंग में बदलाव के लिए महीने में एक बार अपनी त्वचा की जांच करवाएं, खासकर यदि आपकी त्वचा गोरी है, या आप लगातार धूप के संपर्क में रहती हैं तो ये और ज्यादा जरूरी हो जाता है। डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में एक बार फुल स्किन बॉडी स्क्रीनिंग जरूर करवाएं।
यदि आपमें कोलेस्ट्रॉल के कोई लक्षण नहीं हैं तो 45 साल की उम्र के बाद और जोखिम कारक वाली महिलाओं को 20 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल जांच शुरू करवा देनी चाहिए। जोखिम कारकों में डायबिटीज, हार्ट या किडनी की बीमारी और कुछ अन्य चिकित्सा समस्याएं शामिल हैं।
यदि आप वर्तमान में धूम्रपान करती थीं, या धूम्रपान की हिस्ट्री रही है, तो आपको 50 वर्ष की आयु से शुरू होने वाले फेफड़ों के कैंसर की जांच करवानी शुरू कर देनी चाहिए।
आपकी हड्डियां जितनी डेंस होंगी, उनके टूटने का खतरा उतनी ही कम होता है। यदि आपकी शारीरिक बनावट पतली है या अन्य गंभीर जोखिम कारक हैं, तो 50 साल की उम्र में परीक्षण कराना शुरू करें। इसे 65 साल की उम्र से शुरू करना और कम से कम हर तीन साल में दोहराना जरूरी है। वहीं यदि आपको हड्डियों से जुड़ी कोई भी परेशानी है, तो आप जब चाहे तब जांच शुरू कर सकती हैं।
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