दिल से जुड़ी समस्याएं (Heart Health) आजकल काफी आम हो रही है। कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बाद से युवाओं में भी दिल के जोखिम बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। दिल की समस्याओं के पीछे वैसे तो कई कारण हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातर एक खराब और अस्वस्थ जीवन शैली को जिम्मेदार माना जाता है। पर क्या आप जानती हैं कि सिर्फ पानी पीकर भी आप अपने हार्ट फैलियर (Heart attack) के जोखिम को कम कर सकती हैं! जी हां, यह बिल्कुल सच है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से हार्ट अटैक का जोखिम (Heart attack) कम हो जाता है। चलिए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह शोध यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन इस बात का दावा करता है कि अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना हार्ट फेलियर के विकास के जोखिम को कम करने में सक्षम है। अध्ययन कहता है कि शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने से न केवल हमारे शरीर के जरूरी कामकाज को समर्थन मिलता है, बल्कि भविष्य में होने वाले दिल की गंभीर स्थिति जैसे हार्ट अटैक (Heart attack) का जोखिम कम रहता है। हालांकि दिल की बीमारी से बचाव के लिए हम कई प्रकार की चीजों को आजमाते हैं और अपनी जीवन शैली में बड़े बदलाव करते हैं।
दिल की बीमारियां ज्यादातर डायबिटीज और कोलेस्ट्रोल के मरीजों को झेलनी पड़ती हैं। हालांकि हार्ट फैलियर तब होता है जब हमारा दिल शरीर की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में खून को पंप नहीं कर पाता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस स्थिति से ऑस्ट्रेलिया से 6 मिलियन से ज्यादा अमेरिकी प्रभावित है, जो अमेरिका की आबादी का 2% से ज्यादा हिस्सा है। ज्यादातर मामलों में जिन लोगों को हार्ट फैलियर (Heart attack) की समस्या होती है, उनकी उम्र 65 साल से अधिक होती है। हालांकि वयस्कों में भी हार्ट फेलियर होने की संभावनाएं होती हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने 45 से 66 साल के करीब 15000 से ज्यादा लोगों का डाटा जमा किया और उसका विश्लेषण करने की शुरुआत की। यह डाटा उन लोगों का था, जिन्होंने 1987-1989 के बीच एथेरोस्क्लेरोसिस रिस्क इन कम्युनिटीज (एआरआईसी) अध्ययन में दाखिला लिया और 25 साल की अवधि में चिकित्सा यात्राओं से जानकारी साझा की थी।
समीक्षा के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों का चयन करने में, उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जिनका हाइड्रेशन लेवल सामान्य सीमा के भीतर था। अध्ययन की शुरुआत में ये लोग मधुमेह, मोटापा या दिल की विफलता से पीड़ित नहीं थे। प्रतिभागियों का चयन करने के बाद करीब 11814 लोगों को इस अध्ययन का हिस्सा बनाया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि 1,366 (11.56 प्रतिशत) लोगों में बाद में हार्ट फेलियार की स्थिति विकसित हुई।
जलयोजन (Hydration) के साथ संभावित संबंधों का आकलन करने के लिए, टीम ने कई नैदानिक उपायों का उपयोग करके प्रतिभागियों की जलयोजन स्थिति का आकलन किया। सीरम सोडियम के स्तर को देखते हुए, जो शरीर के तरल पदार्थ के स्तर में कमी के रूप में बढ़ता है, विशेष रूप से हृदय की विफलता के विकास के जोखिम वाले प्रतिभागियों की पहचान करने में मदद करने में उपयोगी था।
नतालिया दिमित्रीवा, पीएचडी, प्रमुख अध्ययन लेखक और प्रयोगशाला में एक शोधकर्ता ने कहा राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान (NHLBI) कहते हैं कि, नमक का सेवन कम करने के समान, पर्याप्त पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना हमारे दिल की सहायता कर सकता है।
जिससे हृदय रोग के लिए दीर्घकालिक जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इस बात का समर्थन शोधकर्ताओं द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया अध्ययन करता है।
अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड कर सकता है, तो उसे आगे चलकर भविष्य में दिल से जुड़ी बीमारियों खासकर हार्ट फेलियर की संभावनाएं काफी हद तक कम हो सकती हैं। हालांकि इसके अलावा खुद को हाइड्रेट रखने के और भी कई फायदे हैं। हाइड्रेशन अपनी सेहत का ख्याल रखने का एक बेहतर उपाय है।
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