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क्या गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित करता है मां का सर्वाइकल कैंसर?

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। 2018 में, अनुमानित 570 000 महिलाओं को दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर का पता चला था और लगभग 311 000 महिलाओं की बीमारी से मृत्यु हो गई थी।
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डक वॉक हमारे कूल्हों की गति में सुधार करके इन्हें अधिक लचीला बनाता है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 15 Dec 2022, 02:10 pm IST

कैंसर का नाम हमेशा शरीर के उस हिस्से के नाम पर रखा जाता है जहां से यह शुरू होता है, भले ही यह बाद में शरीर के अन्य अंगों में फैल गया हो। जब कैंसर सर्विक्स में शुरू होता है तो उसे सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। गर्भाशय ग्रीवा योनि (Cervical vagina) को गर्भाशय के ऊपरी हिस्से से जोड़ती है। गर्भाशय वह जगह है जहां एक महिला के गर्भवती होने पर बच्चा बढ़ता है।

सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा होता है। यह अक्सर 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है। कुछ प्रकार के मानव पेपिलोमावायरस (HPV) के साथ लंबे समय तक चलने वाला संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। HPV एक सामान्य वायरस है जो सेक्स के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यौन रूप से सक्रिय कम से कम आधे लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी HPV होगा, लेकिन कुछ महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) होगा।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण से जुड़े हैं, जो यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक अत्यंत सामान्य वायरस है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। 2018 में, अनुमानित 570 000 महिलाओं को दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर का पता चला था और लगभग 311 000 महिलाओं की बीमारी से मृत्यु हो गई थी।

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कैसे सर्वाइकल कैंसर बन सकता है गर्भवती महिला के लिए बड़ा खतरा । चित्र : शटरस्टॉक

कैसे सर्वाइकल कैंसर बन सकता है गर्भवती महिला के लिए बड़ा खतरा

आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा योनि में होता है तो लोगों को ये डर होता है कि इससे गर्भवती महिला के गर्भाशय (Uterus) में जो बच्चा है उसको नुकसान होगा तो यह जानने के लिए हमने बात की स्त्री रोग विशेषज्ञ पूजा दिवान से उन्होने कहा कि ‘सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय (Uterus) में बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। इससे बच्चे को कैंसर का खतरा नहीं होता है, पर अगर किसी महिला को सर्वाइकल कैंसर है तो डॉक्टर नॉर्मल वेजाइनल डिलीवरी की सलाह नहीं देते है। कई मामले सर्वाइकल कैंसर गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकता है। गर्भवती महिला की सर्वाइकल कैंसर की सर्जरी नही की जाती है क्योंकि कई गंभीर मामलों में महिला के गर्भाशय को भी निकालना पड़ सकता है। शुरुआती सर्वाइकल कैंसर के उपचार के कोनाइजेशन सर्जरी करवाई जा सकती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे करना खतरनाक हो सकता है।’

कैंसर काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अनुसार सबसे आम सर्वाइकल कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा है, जो 70% मामलों में होता है। एडेनोकार्सिनोमा कम आम है (लगभग 25% मामलों में) और निदान करना अधिक कठिन होता है क्योंकि यह गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में अधिक शुरू होता है।

1991 में राष्ट्रीय सर्वाइकल स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू होने और 2007 में एक राष्ट्रीय मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) टीका कार्यक्रम शुरू होने के बाद से गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में अधिक शुरू होता है। के कैंसर की घटनाओं में काफी कमी आई है। कम से कम पांच साल तक सर्वाइकल कैंसर से बचने की संभावना 74% होती है।

सर्वाइकल कैंसर के कुछ लक्षण

    • पीरियड्स के बीच योनि से खून बहना
    • मासिक धर्म रक्तस्राव जो सामान्य से अधिक लंबा या भारी होता है
    • सैक्स के दौरान दर्द
    • सैक्स के बाद रक्तस्राव
    • पेल्विक में दर्द
    • आपके वेजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव जैसे कि अधिक डिस्चार्ज या इसमें तेज या असामान्य रंग या गंध हो सकती है
    • मेनोपॉजके बाद योनि से खून बहना।

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कैसे किया जा सकता है सर्वाइकल कैंसर से बचाव

एचपीवी टीका

यह विशिष्ट प्रकार के एचपीवी के खिलाफ एक टीका है जो लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। गार्डासिल 9 को नौ प्रकार के एचपीवी से बचाने के लिए विकसित किया गया है, जो लगभग 90% सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। इसे दो इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। यदि पहली के 6-12 महीने बाद दूसरी खुराक दी जाती है तो टीका सबसे प्रभावी होता है।

एचपीवी टीकाकरण नए एचपीवी संक्रमणों को रोकता है, लेकिन मौजूदा संक्रमणों या बीमारियों का इलाज नहीं करता है। यही कारण है कि एचपीवी वैक्सीन एचपीवी के संपर्क में आने से पहले दिया जाता है।

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धूम्रपान की लत न लगने दें। चित्र : शटरस्टॉक

स्क्रीनिंग भी है ज़रूरी

भले ही आपने एचपीवी वैक्सीन प्राप्त किया हो, फिर भी आपको सर्वाइकल कैंसर के लिए नियमित रूप से जांच करानी चाहिए।

इसके अलावा स्मोकिंग से बचे। ये फेफड़ों के लिए भी सही नहीं है, साथ ही सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाती है।

सेक्स सेक्स करें

सैक्स के दौरन कॉडम का इस्तेमाल करे। ये आपकी हेल्थ के लिए भी ज़रूरी है।

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