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वैक्सीनेशन के बाद बच्चों को न दें पेरासिटामोल, भारत बायोटेक ने दी सलाह

हल्के बुखार और बदन दर्द से निपटने के लिए प्राकृतिक उपचार अपनाने की सलाह दी जा रही है। जबकि वयस्कों के लिए पेनकिलर और क्रोसिन जैसी दवाओं की सिफारिश की जाती थी।
बच्चों के लिए नहीं है कोरोना की नई दवा। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 6 Jan 2022, 18:00 pm IST
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देश में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। अब 3 जनवरी से बच्चों का टीकाकरण अभियान भी शुरू हो चुका है। तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था। इसी को देखते हुए बच्चों के लिए भारत भर में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू कर दी गई है। वैक्सीनेशन के बाद कुछ इफैक्ट आमतौर पर देखने में आ रहे हैं, जिसमें बुखार आना और दर्द एक बड़ा प्रभाव है। भारत बायोटेक ने इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। 

टीकाकरण के बाद न दी जाए बच्चों को पेरासिटामोल 

बच्चों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन 40 लाख से ज्यादा बच्चों ने अपना टीकाकरण करवाया। देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया तो टीका लगवाने के बाद लोगों में कई साइड इफेक्ट देखने को मिले। जिसमें बुखार और तेज बदन दर्द आम लक्षणों में से एक था। 

जानिए भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन लगवाने वाले बच्चो को क्या दी सलाह । चित्र : शटरस्टॉक

इससे उभरने के लिए टीकाकरण केंद्र द्वारा पेरासिटामोल टेबलेट दी जा रही थी। वहीं बच्चों के टीकाकरण के बाद भी टेबलेट देने की सलाह टीकाकरण केंद्र द्वारा देने की खबरें चर्चा में थी। ऐसे में पेरेंट्स के मन में टीकाकरण के बाद बच्चों को टेबलेट दें या न दें, सवाल उठ रहा था। जिसका जवाब वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने दिया।

भारत बायोटेक ने दी यह सलाह 

भारत बायोटेक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इसमें कहा गया है कि पेरासिटामोल या कोई भी पेन किलर उन बच्चों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है जिन्होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन डोज ली है। यदि बच्चों में किसी प्रकार का साइड इफेक्ट देखने को मिलता है, तो चिकित्सा परामर्श के बाद ही दवाइयों का सेवन करना उचित है।

क्या बच्चों पर भी नजर आते हैं वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट 

भारत बायोटेक द्वारा कहा गया कि 30000 लोगों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल में सिर्फ 10-20 प्रतिशत लोगों पर ही साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं। वह भी ज्यादा बड़े नहीं थे। यह एक-दो दिन में ठीक हो जाते हैं और इसमें दवा की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। कंपनी ने कहा कि यदि किसी में ज्यादा साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवाई लें।

बच्चों में साइड इफेक्ट दिखने पर पेरेंट्स को क्या करना चाहिए ?

बच्चों को वैक्सीन के बाद हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स। चित्र : शटरस्टॉक

 

  1. वैक्सीन लगने के करीब 4 हफ्ते तक शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। ऐसे में साफ सफाई और संक्रमण से बचाव का हर उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। बच्चे अक्सर लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को स्वच्छता का ध्यान रखने की जरूरत है।
  2. वैक्सीन लगने वाली जगह पर दर्द यदि बच्चों को हो रहा है या उनके हाथ में लाल निशान पड़ रहे हैं तो सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इसका उपाय बताया है। सीडीसी के अनुसार हल्के ठंडे कपड़े से उस जगह को ढकना एक अच्छा उपाय है।
  3. यदि किसी बच्चे को इंजेक्शन से डर लगता है या उसे बेहोशी की स्थिति सुई लगवाने के दौरान होती है, तो सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की सलाह है कि वैक्सीनेशन के बाद लगभग 15 मिनट तक बैठना या लेटना बेहोशी को रोकने में मदद कर सकता है। 
  4. बुखार की समस्या वैक्सीन लगवाने वाले हर उम्र के लोगों में देखने को मिली है। यदि किसी बच्चे को बुखार की समस्या है, तो उसे दवाई बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के न दें। बुखार यदि तेज है तो माथे पर ठंडा कपड़ा रखकर बुखार उतारने का उपाय करें।

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

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