देश में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। अब 3 जनवरी से बच्चों का टीकाकरण अभियान भी शुरू हो चुका है। तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था। इसी को देखते हुए बच्चों के लिए भारत भर में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू कर दी गई है। वैक्सीनेशन के बाद कुछ इफैक्ट आमतौर पर देखने में आ रहे हैं, जिसमें बुखार आना और दर्द एक बड़ा प्रभाव है। भारत बायोटेक ने इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है।
बच्चों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन 40 लाख से ज्यादा बच्चों ने अपना टीकाकरण करवाया। देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया तो टीका लगवाने के बाद लोगों में कई साइड इफेक्ट देखने को मिले। जिसमें बुखार और तेज बदन दर्द आम लक्षणों में से एक था।
इससे उभरने के लिए टीकाकरण केंद्र द्वारा पेरासिटामोल टेबलेट दी जा रही थी। वहीं बच्चों के टीकाकरण के बाद भी टेबलेट देने की सलाह टीकाकरण केंद्र द्वारा देने की खबरें चर्चा में थी। ऐसे में पेरेंट्स के मन में टीकाकरण के बाद बच्चों को टेबलेट दें या न दें, सवाल उठ रहा था। जिसका जवाब वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने दिया।
भारत बायोटेक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इसमें कहा गया है कि पेरासिटामोल या कोई भी पेन किलर उन बच्चों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है जिन्होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन डोज ली है। यदि बच्चों में किसी प्रकार का साइड इफेक्ट देखने को मिलता है, तो चिकित्सा परामर्श के बाद ही दवाइयों का सेवन करना उचित है।
भारत बायोटेक द्वारा कहा गया कि 30000 लोगों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल में सिर्फ 10-20 प्रतिशत लोगों पर ही साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं। वह भी ज्यादा बड़े नहीं थे। यह एक-दो दिन में ठीक हो जाते हैं और इसमें दवा की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। कंपनी ने कहा कि यदि किसी में ज्यादा साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवाई लें।
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