अगर अब भी आपके बेडरूम में टेलीविजन है और बिस्तर पर मोबाइल लेकर सोती हैं, तो संभल जाइए। यह आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए जोखिम को बढ़ा सकता है। जिससे आपको भविष्य में हार्ट अटैक और मृत्यु का भी खतरा हो सकता है। नींद की खराब गुणवत्ता हृदय स्वास्थ्य को बहुत गंभीरता से प्रभावित करती है।
यह अध्ययन युवाओं को चेतावनी देता है। शोधकर्ताओं ने पुरानी नींद के मुद्दों और दिल की सेहत पर उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया, जिसमें पाया गया कि जो लोग गहरी और पर्याप्त नींद नहीं लेते उनके शरीर में क्रोनिक इंफ्लामेशन हो सकती है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ाती है। अगर इसका समय पर उपचार न किया जाए तो स्थिति जानलेवा हो सकती है।
अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बर्कले में किया गया। जहां शोधकर्ताओं ने पाया कि डिस्टर्ब और अधूरी नींद धमनियों में प्लाक बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकती है। इन दोनों का संबंध शरीर की पुरानी सूजन से है। अगर यह सूचन लगातार रहती है तो धमनियों में प्लाक की परत भी मोटी होती जाती है।
कई देशों में मृत्यु का एक बड़ा कारण हृदय रोग हैं। इसलिए जोखिम कारकों की खोज, संभावित निवारक जीवनशैली में परिवर्तन और उपचार के विकल्पों की खोज करने वाला यह एक बड़ा निकाय है। जबकि हृदय रोग की रोकथाम के लिए आहार में परिवर्तन उपचार का एक लोकप्रिय तरीका है। इस नए अध्ययन में यह सामने आया है कि अगर नींद की गुणवत्ता में सुधार किया जाए तो यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक राफेल वलाट कहते हैं, ” पहली बार नींद की क्वालिटी और हृदय स्वास्थ्य के संबंध में इस तरह शोध किया गया है। जिसमें डिस्टर्ब स्लीप, सूजन और एथेरोस्क्लेरोसिस का संबंध सामने आया है। इसलिए यह डाटा काफी महत्वपूर्ण है।”
अध्ययन में एथरोस्क्लेरोसिस पर शोध करने के लिए अलग-अलग जातीय समूहों के 1600 वयस्कों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने स्लीेप डिसऑर्डर और हाई रिस्क लाइफस्टाइल फैक्टर्स पर शोध में यह पाया कि डिस्टर्ब स्लीप स्पष्ट रूप से शरीर में सूजन, धमनियों में प्लाक के जमने और हृदय संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए इस शोध के निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं। आर्टरीज में प्लाक का जमना एक साइलेंट किलर है। पर इनमें जम रहे प्लाक का पता लगाना तब तक मुश्किरल है जब तक कि धमनियां अचानक ब्लॉक न हो जाएं। ऐसी स्थिति में इमरजेंसी ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।
जबकि आर्टरीज में प्लाक का जमना युवावस्था में ही शुरू हो जाता है। खासतौर से उन लोगों के लिए जिनमें इसका जोखिम ज्यादा होता है। इसके साथ ही कुछ आहार और लाइफस्टाइल संबंधी कारण भी हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जिनमें मोटापा, सिगरेट स्मोकिंग, खराब आहार, व्यायाम की कमी और बहुत कुछ शामिल हैं।
अब बात आती है, यह पता लगाने की कि आपकी नींद की क्वालिटी कैसी है। इसका सबसे आसान तरीका है कि डिस्टर्ब स्लीप में आप रात में बार-बार उठते हैं। जबकि सूक्ष्म कारकों में वे चीजें शामिल हैं, जो आंशिक तौर पर नींद को प्रभावित करती हैं। पर उनके बारे में आपको पता नहीं चल पाता।
स्लीप ट्रैकर्स इसकी निगरानी के लिए उपयोगी हैं। लेकिन वही स्लीप ट्रैकर्स काम के हैं जो चिकित्सकीय रूप से इस्तेमाल होते हैं। जबकि उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे स्लीप ट्रैकर सही रिजल्ट नहीं बता पाते।
बेहतर नींद के लिए जरूरी है कि आप स्लीप हायजीन का ख्याल रखें। यह आपके कमरे के वातावरण पर निर्भर करती है। इसमें आप शोर को कम करके, ईयर प्लग इस्तेमाल करके अथवा कमरे के तापमान को संतुलित करके नींद की क्वालिटी में सुधार कर सकती हैं।
इससे नींद में खलल डालने वाले कारणों को कम कर धमनियों के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण काम किया जा सकता है। यह अध्ययन नींद की क्वालिटी सुधारने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। इसमें नींद के समय में सुधार करके भी लाभ लिया जा सकता है।
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