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हांगकांग में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के मामले, क्या भारत के लिए चिंताजनक हो सकता है डेल्टाक्रोन?

बस अभी-अभी ही हम यह मानने लगे थे कि कोरोनावायरस के मामले अब अपने अंत की ओर हैं। स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों का खुलना अभी शुरू ही हुआ था कि डब्ल्यूएचओ ने एक सुपर म्यूटेंट वैरिएंट को चिंताजनक की सूची में डाल दिया है।
चिंता का कारण बन रहा है नया स्ट्रेन डेल्टाक्रोन। चित्र : शटरस्टॉक
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दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण महामारी को काफी समय हो गया है। बीते कुछ सालों में दुनिया ने एक के बाद कई तरह के वैरिएंट देखे, जिन्होंने काफी तबाही मचाई। भारत में भले ही विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” की सूची में शामिल किया गया, “ओमिक्रोन” ज्यादा प्रभावी नहीं रहा, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में अभी तक यह संक्रमण तबाही मचा रहा है। जिसमें हांगकांग का नाम सबसे आगे है। हांगकांग में कोरोना वायरस संक्रमण का यह नया वैरिएंट इतनी तेजी से फैल रहा है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं,साथ ही टेस्टिंग भी प्रभावित हो रही है। 

एक तरफ जहां देश के कुछ हिस्सों में ओमिक्रोन काफी तेजी से फैल रहा है। वहीं डेल्टाक्रोन को दुनिया के लिए नई मुसीबत बताया जा रहा है। हालांकि भारत में अभी तक इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन फिर भी ब्रिटेन में इसके कुछ मामले मिलने के बाद विशेषज्ञ इसे चिंता का विषय बता रहे हैं।

अभी थमा नहीं है कोरोना का केहर। चित्र ; शटरस्टॉक

चलिए पहले समझते हैं कि क्या है डेल्टाक्रोन

डेल्टाक्रोन को भारत में भयंकर तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट और ओमिक्रोन से बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस स्ट्रेन के कुछ मामले ब्रिटेन में सामने आ रहे हैं, जिसके कारण विशेषज्ञों द्वारा चिंता का विषय इसे कहा जा रहा है। हालांकि यूएस की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी का मानना है कि जब तक इसके मामले कम हैं, तब तक चिंता की कोई बात नही है।

डेल्टाक्रोन एक सुपर म्युटेंट वायरस बताया जा रहा है, जिसका वैज्ञानिक नाम BA.1 + B.1.617.2 है। इसको हाइब्रिड स्ट्रेन का दर्जा इसलिए दिया गया क्योंकि यह दो खतरनाक वायरस से मिलकर तैयार हुआ है। इस नए हाइब्रिड स्ट्रेन को साइप्रस के रिसर्चर्स ने पिछले महीने खोजा था।

क्या हांगकांग में हेल्थ इमरजेंसी के पीछे है डेल्टाक्रोन ? 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हांगकांग में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामलों के पीछे ओमिक्रोन वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। फिलहाल डेल्टाक्रोन के मामले की हांगकांग में पुष्टि होने की कोई खबर आधिकारिक रूप से सामने नहीं आई है। चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों हांगकांग की हालत अचानक नाजुक होने लगी। 

हांगकांग में हालात बेकाबू होने के पीछे कोई बड़ी वजह आधिकारिक तौर पर नहीं बताई गई है। हालांकि कुछ निजी मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा करती हैं कि कुछ समय पहले हांगकांग मे लूनर न्यू ईयर में कई जगहों पर सार्वजनिक जमावड़ा था, जहां सावधानियों में चूक हुई। उस समय कई देशों में ओमिक्रोन तेजी से अपने पैर पसार रहा था जिसमें भारत का नाम भी शामिल है। न्यू ईयर के प्रोग्राम्स के बाद संक्रमण के मामलों में भारी उछाल देखने को मिला। मामले करीब 60 गुना से ज्यादा बढ़ रहे थे।

धीमी थी टीकाकरण की रफ्तार 

हांगकांग में कम है टीकाकरण की दर। चित्र: शटरस्टॉक

 

भारत में तीसरी लहर ज्यादा आक्रमक न होने के पीछे का कारण देश मे चल रहा टीकाकरण अभियान था। बेहतर ढंग से टीकाकरण होने के कारण आधे से ज्यादा लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी तैयार हो चुकी थी, जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर रही थी। वहीं दूसरी ओर हांगकांग में टीकाकरण की दर सबसे कम है। बताया जा रहा है कि हांगकांग के हालत बिगड़ने के पीछे यह भी एक संभावित कारण हो सकता है।

क्या भारत को अभी भी है खतरा ? 

फिलहाल भारत में संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में कुल 16051 नए मामले दर्ज किए गए। कल के मुकाबले आंकड़ों में करीब 19 फीसद की कमी पाई गई। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटों में देश भर में कुल 206 लोगों की कोविड-19 से मौत भी हुई है। एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.47 फीसदी रह गया है।

यह भी पढ़े : इस अध्ययन के अनुसार कुछ लोगों में अलग हो सकते हैं ओमिक्रोन के लक्षण और प्रभाव

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अक्षांश कुलश्रेष्ठ

सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में ...और पढ़ें

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