कोरोनवायरस के एक्सई वेरिएंट (Covid EX variant) की खबरों के मद्देनजर, भारत में कोविड -19 (Covid-19) का भय एक बार सबके मन में घर कर रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात में दो मामले सामने आए, जो एक संभावित नई लहर के बारे में संकेत देते हैं।
मार्च के अंत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक्सई वेरिएंट, ओमिक्रोन के नए उत्परिवर्ती वेरिएंट के खिलाफ एक चेतावनी जारी की थी, और कहा था कि यह कोविड -19 के किसी भी पिछले वेरिएंट की तुलना में यह अधिक संक्रमणीय हो सकता है। XE वेरिएंट को रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह ओमिक्रोन (Omicron) वेरिएंट के दो पिछले वेरिएंट्स, BA.1 और BA.2 का एक म्यूटेंट हाइब्रिड है।
जैसे ही दुनिया भर के देशों ने कोविड -19 मानदंडों में ढील देना शुरू किया, एक्सई वेरिएंट ने दस्तक देदी है। भारत में, बहुत सारे शहरों और राज्यों ने मास्क लगानेकी पाबंदी को हटा दिया है और जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।
पीएसआरआई हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट- पल्मोनोलॉजी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन डॉ नीतू जैन का कहना है कि “एक्सई वेरिएंट देश में प्रवेश कर चुका है। XE वेरिएंट ओमिक्रोन के दो सब वेरिएंट्स का कॉम्बिनेशन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंता का विषय बताया है। मगर लोग कोविड-19 के उचित व्यवहार, खासकर मास्क को लेकर ढील दे रहे हैं।”
स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में निजी सुविधाओं में सभी वयस्कों के लिए कोविड -19 बूस्टर खुराक की उपलब्धता की घोषणा की।
हाल ही में एक कार्यक्रम में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार किया कि कैसे घातक वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कोविड -19 वैक्सीन की लगभग 185 करोड़ खुराक हर किसी तक पहुंचाने में लोगों ने सहायता की। मगर मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए, उन्होंने कोविड -19 को “बहरुपिया” का नाम दिया, जिसका मतलब है – रूप बदलना।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “यह खत्म भी हो सकता है, लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि यह फिर से कब हमारे सामने आ जाएगा।”
डॉ जैन ने चेतावनी दी, हालांकि टीकाकरण ने कोविड से संबंधित बीमारी की गंभीरता को कम करने में काफी मदद की है। फिर भी सार्वजनिक स्थानों पर आवश्यक सामाजिक दूरी बनाए रखना और मास्क का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
इसलिए आगे उन्होंने कहा – “हाथ धोएं और सतर्क रहें। सतर्क रहना महत्वपूर्ण है।”
विशेष रूप से महिलाओं को अधिक सतर्क रहना चाहिए और गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 के खिलाफ अपना सुरक्षा कवच बढ़ाना चाहिए।
नर्चर क्लिनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ, डॉ अर्चना धवन बजाज, ने कहा, “गर्भवती महिलाओं के लिए बूस्टर खुराक बहुत जरूरी है। महिलाओं को विशेष रूप से गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में अतिरिक्त देखभाल की ज़रूरत होती है। ऐसे में उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहना चाहिए। जिससे एक्सई वेरिएंट से बचा जा सके।
“सबसे पहले, अपना मास्क पहनना बंद न करें। दूसरा, स्वच्छता बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं। टीकाकरण और बूस्टर खुराक की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। इसलिए, यदि टीका लगाया गया है तो बूस्टर खुराक लें।”
एक्सई वेरिएंट के बारे में अधिक जानें। एक अन्य विशेषज्ञ, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन, कंसल्टेंट, डॉ पृथा नैयर, ने बताया कि एक्सई वेरिएंट के लक्षण कोविड -19 के समान हैं – बुखार, खांसी और थकान।
वे कहती हैं, “यह चिंता का विषय है क्योंकि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नया वेरिएंट अत्यधिक संचरणीय है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “अपना खास ख्याल रखें और स्वस्थ आदतों को बनाए रखें।”
डॉ नैयर कहती हैं, “जब आप बाहर जाते हैं, तो मास्क पहनना जारी रखें, भले ही सरकारी एजेंसियां चालान काटने में इतनी सख्त न हों। यह आपकी सुरक्षा के लिए है। इनके अलावा, हाथों की स्वच्छता भी बनाए रखें। अंत में खुद का ख्याल रखें क्योंकि यह अभी खत्म नहीं हुआ है।”
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