दुनिया भर में कोविड-19 से 11 करोड़ 47 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और वहीँ, 25 लाख से अधिक लोगों की इससे मृत्यु हो चुकी है। इसके साथ ही, भारत में तकरीबन 1.37 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। ऐसे में आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि अगर आप वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से गुज़र चुकी हैं या गुज़र रहीं हैं तो आपकी आने वाली संतान भी कोरोना से सुरक्षित रहेगी।
‘अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी’ (American Journal of Obstetrics and Gynecology) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि एंटीबॉडी जो COVID -19 संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं, गर्भ में रहते हुए माताओं से उनके शिशुओं में स्थानांतरित हो जाती हैं।
इस खोज में सामने आया है कि गर्भवती महिलाएं जो कोरोनावायरस होने के बाद, एंटीबाडीज डेवलप करती हैं वे गर्भावस्था के दौरान अपने शिशुओं में भी पहुंचाती हैं। निष्कर्ष इस बात को साबित करते हैं कि माताओं को टीके लगाने से उनके नवजात शिशुओं को भी लाभ हो सकता है।
वेइल कॉर्नेल मेडिसिन (Weill Cornell Medicine) में पैथोलॉजी और प्रयोगशाला चिकित्सा के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक, डॉ. यवी जेनी यांग और उनकी टीम ने न्यूयॉर्क में रहने वाली 88 महिलाओं के ब्लड सैंपल का निरीक्षण किया, जो कोविड-19 को मात दे चुकी थीं और जिन्होंने हाल ही में बच्चों को जन्म दिया था।
ये शोध मार्च और मई 2020 में हुआ था जब अमेरिका में कोरोना महामारी अपने चरम पर थी।
जांच करने पर सामने आया कि इन सभी महिलाओं के खून में कोरोनावायरस की एंटीबाडीज बन गयी थी। फिर भले ही वो सिमटोमैटिक रहीं हो या ऐसिमटोमैटिक। साथ ही 78% गर्भवती महिलाओं की गर्भनाल में एंटीबाडीज पायी गयीं। यह गौर करने वाली बात है कि कोरोनावायरस का कोई भी लक्षण उनके शिशुओं में नहीं आया। इसके अलावा, सिमटोमैटिक महिलाओं में बनने वाली एंटीबाडीज की संख्या भी ज्यादा थी।
डॉ. यांग ने कहा कि: चूकि अब ये सामने आ ही गया है कि गर्भवती महिलाएं अपने शिशुओं में भी इसे पहुंचा सकती हैं इसलिए, कोरोनावायरस के टीके का फायदा उनके शिशुओं तक पहुंचेगा।
न्यूयॉर्क-प्रेस्बिटेरियन / वेइल कॉर्नेल में प्रसूति रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग (Department of Obstetrics and Gynecology) विशेषज्ञ, की अध्यक्ष डॉ. लॉरा रिले, गर्भवती महिलाओं को कहती हैं कि: ”बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए वर्तमान सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन जारी रखें और टीकाकरण करवाएं”।
डॉ. रिले और डॉ यांग, स्तनपान कराने वाली माताओं को टीकाकरण के बाद उनके शरीर में एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया का आकलन कर रहें हैं। दोनों का मानना है कि यह जानकारी मातृत्व टीकाकरण रणनीतियों को आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।
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