कोविड-19 अपडेट : दिमाग की कोशिकाओं को अटैक करता है कोरोना वायरस, बताती है यह स्टडी

एक नए शोध में सामने आया है कि SARS-CoV-2 वायरस दिमाग और नर्वस सिस्टम को डैमेज करता है।
मस्तिष्क में भी प्रवेश कर सकता है कोरोना वायरस, बता रही है यह रिसर्च।
मस्तिष्क में भी प्रवेश कर सकता है कोरोना वायरस, बता रही है यह रिसर्च। चित्र- शटरस्टॉक।
विदुषी शुक्‍ला Published: 15 Sep 2020, 13:30 pm IST
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येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी में कोरोना वायरस से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है। अब तक जिस वायरस के संक्रमण का मुख्य केंद्र फेफड़ों को माना जाता था, दिमाग पर इसके असर पर भी रिसर्च जारी थे।

कोविड-19 (covid-19) से होने वाली मृत्यु का दर विश्व भर में बढ़ता ही जा रहा है और यह कर्व फ्लैट होता दिख नहीं रहा। रिकवरी रेट के साथ-साथ डेथ रेट में भी लगातर बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है।

क्या कहता है यह नवीन शोध-

मस्तिष्क पर कोरोनावायरस के प्रभाव पर कई संभावनाएं जताई जा रही थीं, लेकिन यह पहली स्टडी है जिसमें इस विषय से जुड़े पुख्ता सबूत प्राप्त हुए हैं।

कोविड-19 से जुड़ी नई जानकारी,मस्तिष्क में भी प्रवेश कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम ने अपने शोध में पाया है कि SARS-CoV-2 ना केवल न्यूरॉन्स को जबरदस्ती बढ़ाता है बल्कि उन्हें खत्म भी करता जाता है। न्यूरॉन्स बढ़ने के कारण पास के सेल्स को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे वह तेजी से मरते जाते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस स्टडी से कोरोनावायरस की न्यूरो-इन्वेसिव क्षमता पर प्रकाश पड़ेगा।

इस स्टडी के प्रमुख ऑथर और लीडर डॉ अकीको ईवस्की बताती हैं,”यह वायरस दिमाग में कैसे प्रवेश करता है इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन एक बार अगर यह दिमाग तक पहुंच जाए तो बचने की संभावना बहुत कम होती हैं।” डॉ ईवस्की येल यूनिवर्सिटी की इम्युनोलॉजिस्ट हैं।

कैसे दिमाग में प्रवेश करता है SARS-CoV-2

हमारे दिमाग के चारों ओर सुरक्षा के लिए एक झिल्ली होती है जिसे पार कर पाना हर माइक्रोब के लिए संभव नहीं। ऐसे में कोरोनावायरस का दिमाग में प्रवेश बहुत चिंता का विषय है। हालांकि हर केस में इसका दिमाग तक पहुंचना संभव नहीं होता, लेकिन यह संभावना भी बढ़ते केसेस के साथ सामने आई है।

दिमाग की कोशिकाओं को अटैक करता है कोरोना वायरस। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसका कारण मुख्यतः जेनेटिक्स ही हैं। आपके जेनेटिक बैकग्राउंड के साथ-साथ अगर आपको वायरल इंफेक्शन बहुत अधिक प्रभावित करता है, तो यह वायरस आपके दिमाग तक पहुंच सकता है। हालांकि इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
डॉ ईवस्की बताती हैं,”दिमाग पर कोविड-19 एक प्रकार का साइलेंट इंवेशन यानी खामोशी से प्रहार करता है। इसमें कोई खास लक्षण पता नहीं चलते जो इस स्थिति को और खतरनाक बनाता है।”

इस स्टडी से प्राप्त हुए डेटा से यह साफ हो जाता है कि कोरोनावायरस दिमाग में प्रवेश कर सकता है। इससे पहले चूहों पर किये गए एक्सपेरिमेंट में यह साफ हो गया था कि कोरोनावायरस दिमाग को प्रभावित करने में सक्षम है, लेकिन मनुष्यों पर किया जाने वाला यह पहला शोध है।

आगे इस विषय में और काम किये जाने की आवश्यकता है। कोविड-19 (covid-19) महामारी से जुड़ी नई जानकारी हर दूसरे दिन सामने आ ही रही है। तब तक यही कहा जा सकता है कि आप सावधानी बरतें। प्रीकॉशन्स से बेहतर और कुछ नहीं। खुद को सुरक्षित रखें, अपनों को सुरक्षित रखें। मास्क, सैनिटाइजर के साथ-साथ सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना भी अनिवार्य है। आपकी जागरूकता ही आपको बचा सकती है।

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