कोविड – 19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने दस्तक देकर एक बार फिर सभी को यह समझा दिया है कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। हम सब को अभी भी वही दिशानिर्देश (Guidelines) पालन करने की ज़रूरत है, जिनके बारे में हम थोड़े लापरवाह होने लगे थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डबल्यूएचओ (WHO) नें ओमिक्रॉन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ के नाम से सूचीबद्ध किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वेरिएंट के न तो कोई खास लक्षण नज़र आते हैं और न ही वैक्सीन का इस पर पूरा प्रभाव पड़ेगा।
ऐसे में क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए यदि आपने पहले से विदेश में वकेशन प्लान कर ली हैं, तो हमारी सलाह यही है कि आपको कुछ दिन रुक जाना चाहिए।
मगर यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए विदेश यात्रा कर रही हैं, और इसे टाला नहीं जा सकता है, तो इन गाइडलाइंस के बारे में ज़रूर जान लें। जो 1 दिसंबर से लागू हो चुकी हैं।
1) सभी यात्रियों को एक नेगेटिव कोविड-19 RT-PCR रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। यात्रा शुरू करने से पहले 72 घंटे के भीतर यह टेस्ट किया जाना चाहिए था। साथ ही अपनी 14 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री भी सुविधा पोर्टल (Air Suvidha portal) पर अपलोड करनी होगी।
2) एयरलाइंस केवल उन्हीं यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति देगी, जिन्होंने एयर सुविधा पोर्टल (Air Suvidha portal) पर सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरा है और नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अपलोड की है।
3) जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को एयरलाइनों द्वारा सूचित किया जाएगा कि वे आगमन के बाद के टेस्ट से गुजरेंगे। नेगेटिव टेस्ट होने पर क्वारंटाइन, पॉज़िटिव टेस्ट होने पर आइसोलेशन प्रोटोकॉल से गुजरना होगा।
4) सूची के अनुसार, “at-risk” के रूप में नामित देश यूरोपीय देश, यूके, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल हैं।
5) ऐसे यात्रियों का आगमन के बाद आरटी-पीसीआर परीक्षण भी होगा। उन्हें प्रस्थान करने या कनेक्टिंग फ्लाइट लेने से पहले आगमन हवाई अड्डे पर अपने टेस्ट रिज़ल्ट की प्रतीक्षा करनी होगी।
6) यदि टेस्ट नेगेटिव है तो वे 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करेंगे। भारत आगमन के 8वें दिन * पुन: टेस्ट करें और यदि नेगेटिव हों, तो अगले 7 दिनों के लिए स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करें।
7) हालांकि, यदि ऐसे यात्रियों का टेस्ट पॉज़िटिव होता है, तो उनके नमूने INSACOG प्रयोगशाला नेटवर्क पर जीनोमिक परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे। उन्हें एक अलग आइसोलेशन सुविधा में प्रबंधित किया जाएगा और निर्धारित मानक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा, जिसमें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी शामिल है।
8) जोखिम वाले देशों को छोड़कर देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी और आगमन के बाद 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी।
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