कॉविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर के शोधकर्ता उन लोगों को लेकर चिंतित हैं जो अब भी स्मोकिंग कर रहे हैं। कहने की जरूरत नहीं कि, बहुत सी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है जो धूम्रपान करते हैं।
आप जानती हैं कि, कॉविड -19 एक श्वसन संबंधी रोग है और यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपके फेफड़े पहले से ही खराब स्थिति में हैं। इसके बाद अगर आप एसएआरएस-सीओवी -2 संक्रमण की शिकार होती हैं, तो आपके फेफड़ों के लिए हालत और भी चिंताजनक हो सकती है।
और यह नया अध्ययन इस बात को पहले से भी ज्यादा स्पष्ट शब्दों में बता रहा है। इसमें कहा गया है कि भले ही आप कोविड -19 के बाद जीवित रह जाएं, लेकिन यह रोग आपके फेफड़ों को जीवन भर के लिए प्रभावित कर सकता है। और यह नुकसान ऐसे हैं, जिनकी भरपाई नहीं की जा सकती।
यूके के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) से मिली एक सूचना के आधार पर कहा जा रहा है कि अगर आप कोविड-19 से सर्वाइव कर जाते हैं, तो भी यह आपके फेफड़ाेें को आजीवन क्षति दे सकता है। जिसका असर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक है और अपरिर्वतनीय है।
अब सोचें, यदि धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति के फेफड़ाेें को कोविड-19 इतना नुकसान पहुंचा रहा है तो उनका क्या होगा जिनके फेफड़े पहले से ही स्मोकिंग के कारण क्षतिग्रस्त हैं।
हमने पहले ही देखा है कि सार्स (SARS)और मेर्स (MERS) जैसे अन्य घातक कोरोनावायरस फेफड़ों को “स्थायी” नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं।
लीक एनएचएस गाइडेंस के अनुसार : “लगभग 30% सार्स सीओवी और मर्स-सीओवी की वजह से लगातार साइकोलॉजिकल अक्षमता, एबनॉर्मल रेडियोलॉजी और फेफड़ों संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।”
“ यह देखा गया है कि फेेेेेेेेफड़ाें को होने वाली क्षति इस बीमारी का एक अनिवार्य प्रभाव है।”
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, covid-19 पर पेश किए जा रहे यह आंकड़े थोड़े संदिग्ध लगते हैं, क्यों कि चीन के वुहान शहर से दुनिया भर में फैले इस भयानक रोग को अभी केवल छह महीने ही हुए हैं।
डेली मेल के अनुसार, “गाइडेंस में यह भी चेतावनी दी गई है कि इससे ग्रस्त हो चुके लोगों में सात में से एक रोगी को स्थायी मस्तिष्क क्षति का भी सामना करना पड़ सकता है।”
कोविड-19 बचे 70% लोगों में मस्तिष्क भ्रम की स्थिति है, इनमें भी पांच में से एक व्यक्ति को “स्थापित संज्ञानात्मक हानि” का भी सामना करना पड़ सकता है।
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हृदय, यकृत, गुर्दे और रक्त वाहिकाओं में भी क्षति का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में भारत सरकार को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। कोविड -19 रोगियों की बढ़ती संख्या और यह रिपोर्ट उनके लिए एक अलार्मिंग कॉल है। उन्हें इस महामारी से बचने वालों के लिए कुछ आकस्मिक योजनाएं बनाना शुरू करना होगा क्योंकि यह सब खत्म हो जाने के बाद, कॉविड -19 की वजह से फेफड़ों के नुकसान से निपटने के लिए अस्पतालों की आवश्यकता हो सकती है ।
इसलिए, सुरक्षित रहें और घर पर रहें, यदि आप इस बीमारी और उससे उत्पन्न होने वाले अवांछित विकारों को आमंत्रित नहीं करना चाहते हैं।
( आईएएनएस से इनपुट के साथ)