अभी तक यह माना जा रहा था कि कोरोनावायरस सिर्फ खांसने या छींकने से निकलने वाले बलगम या बूंदों से ही फैलता है। मगर सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि कोविड -19 रोगियों के आंसू से भी फैल सकता है। आंसुओं में मौजूद वायरस भी अन्य व्यक्तियों को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं। फिर चाहे उनकी आंखों में किसी तरह की समस्या हो या नहीं।
स्टडी में कहा गया है, “अन्य मार्गों जैसे कि फेकल-ओरल (fecal-oral) और कंजंक्टिवल सेकरीशंस (conjunctival secretions) के माध्यम से सक्रमण (वायरस के) के जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
अध्ययन ने कोरोना पॉजिटिव रोगियों के आंसुओं में घातक वायरस की उपस्थिति का मूल्यांकन करने पर ध्यान केंद्रित किया। जिसमें ‘ओकुलर मेनीफेस्टेशन’ (ocular manifestation) या कोविड -19 के कारण आंख की समस्या थी।
इंडियन जर्नल ऑप्थल्मोलॉजी के नये संस्करण में प्रकाशित इसी तरह के एक अध्ययन में कहा गया है कि कोविड -19 ओकुलर भागीदारी के साथ या बिना आंसू के भी मौजूद हो सकता है।
यह एक कोविड रोगी और चिकित्सा कर्मचारियों की देखभाल करने वाले को वायरस से संक्रमित होने के जोखिम को बढ़ाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आंसू या उस सतह के सीधे संपर्क में आने से जहां आंसू गिरे हैं, उससे कोई भी संक्रमित हो सकता है।
एसएल रहेजा अस्पताल-ए फोर्टिस एसोसिएट, माहिम के सलाहकार और प्रमुख-क्रिटिकल केयर, डॉ संजीत सदीधरण कहते हैं “पहली बात यह समझने की है कि कोरोनावायरस आंखों से फैल सकता है – ठीक वैसे ही जैसे मुंह या नाक से फैलता है।
जब कोई कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता या बोलता है, तो वायरस के कण उसके मुंह या नाक से आपके चेहरे पर आ सकते हैं। ये छोटी बूंदों के रूप में आपको संक्रमित करने के लिए पर्याप्त हैं। मगर, बूंदें आंखों के जरिए भी आपके शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।
जिन लोगों को कोरोनावायरस है, वे भी अपने आंसुओं से इस बीमारी को फैला सकते हैं। आंसुओं को छूना या किसी ऐसी सतह को छूना जहां आंसू गिरे हों, किसी व्यक्ति के संक्रमित होने का एक और तरीका है। आप किसी ऐसी चीज को छूने के बाद अपनी आंखों को छूने से भी संक्रमित हो सकते हैं जिस पर वायरस है। कोरोना वायरस से आंखों में गुलाबी संक्रमण (Conjunctivitis) हो सकता है, लेकिन यह दुर्लभ है।”
द लैंसेट में प्रकाशित एक लेख में संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक समय तक चश्मा पहनने की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
विशेषज्ञ इस संबंध में सामुदायिक प्रसारण को रोकने के लिए आंखों की सुरक्षा करने वाले फेस शील्ड का उपयोग करने का भी सुझाव देते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित और द लैंसेट द्वारा किये गये एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि फेस शील्ड का उपयोग करने से पहले, लगभग 19% स्वास्थ्य देखभाल कर्मी तीन-स्तरीय सर्जिकल मास्क, दस्ताने, शू कवर पहनने और अल्कोहल रब का उपयोग करने के बावजूद वायरस से संक्रमित हो गए। जब उन्होंने फेस शील्ड का उपयोग करना शुरू किया, तो उनमें से कोई भी संक्रमित नहीं हुआ।
जो लोग वायरस से संक्रमित हैं और जो उनकी देखभाल कर रहे हैं, उन्हें इस नई खोज को ध्यान में रखना चाहिए और डॉ सदीधरण के इन सुझावों का पालन करना चाहिए।
1. कोविड-19 से संक्रमित होने पर अपनी आंखों को रगड़ने से बचें
2. छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकें
3. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को कूड़ेदान में फेंक दें
4. तुरंत अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से धोएं। यदि साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं है, तो अपने हाथों को ऐसे हैंड सैनिटाइज़र से साफ़ करें जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो।
5. अगर आप संक्रमित लोगों के आसपास हैं तो अपनी आंख, नाक और मुंह को बिना धोए हाथों से छूने से बचें।
6. जो लोग बीमार हैं उनके साथ निकट संपर्क से बचें।
7. सार्वजनिक जगहों पर और घर में लोगों के आसपास मास्क पहनें।
8. बार-बार छूने वाली सतहों को रोजाना साफ और सैनिटाइज़ करें।
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