कोविड-19 महामारी के समय में आपको अपने उम्रदराज पेरेंट्स का बहुत ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और वे अपना ख्याल नहीं रख पाते, बल्कि इसलिए भी, क्योंकि कोविड-19 उनके शरीर को ज्या दा घातक तरीके से नुकसान पहुंचा सकता है।
हाल ही में हुआ एक सर्वेक्षण इस बात की पुष्टि करता है कि कोरोना वायरस सिर्फ उनके श्वसन तंत्र और फेफड़ों को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि इससे उनके मस्तिष्क को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में 5.15 लाख से अधिक की लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 1.6 करोड़ से पार पहुंच गया है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1०,667,217 हो गयी है। जबकि 515,646 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 19,148 नये मामले सामने आये हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,०4,641 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 434 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 17,834 हो गई है।
देश में इस समय कोरोना के 2,26,947 सक्रिय मामले हैं और अब तक 3,59,860 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं। भारत संक्रमण के मामले में विश्व में सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में चौथे स्थान पर है।
अभी तक यह माना जा रहा था कि कोरोना वायरस फेफड़ों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। पर एक ताजा सर्वे ने मेडिकल कम्युनिटी को और भी ज्यादा परेशान कर दिया है। यह सर्वे बताता है कि कोरोना से जूझ रहे लोगों में स्ट्रोक, साइकोसिस और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों के भी संकेत मिल रहे हैं।
लैंसेट साइकेट्री में छपी इस स्टडी में 125 कोरोना मरीजों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया। इन सभी मरीजों में किसी न किसी तरह के मस्तिष्क विकार संबंधी समस्याएं देखी जा रहीं हैं।
शोध में जो आंकड़े सामने आए उनमें 57 मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक हुआ। जबकि 39 मरीजों को इंसेफेलाइटिस और एक्टिविटीज में परेशानी का अनुभव हुआ। जबकि 10 मरीजों में मस्तिष्क संबंधी गंभीर विकार जैसे साइकोसिस यानी एक तरह का पागलपन और 6 मरीजों में डिमेंशिया की समस्या होने लगी।
सर्वेक्षण में जिन मरीजों में मस्तिष्क विकार संबंधी लक्षण नजर आए उनमें ज्याेदातर की उम्र 60 साल के पार थी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस उम्र दराज मरीजों को खतरनाक तरीके से नुकसान पहुंचा रहा है।
विशेषज्ञ इसकी वजह मस्तिष्क में ब्लड क्लॉटिंग को मानते हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें