आ गई है कोरोना की एंटीवायरल ड्रग “Molnupiravir”, जानिए इसके बारे में सब कुछ

वैक्सीन के अलावा अब कोरोनावायरस से मुकाबले के लिए एंटी वायरल ड्रग के इमरजेंसी इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी गई है। डॉ रेड्डीज से आने वाली इस दवा के बारे में आपको और भी बहुत कुछ जानना चाहिए।
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कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए है मोलनुपिराविर एंटीवायरल ड्रग। चित्र : शटरस्टॉक
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। बीते 24 घंटों के दौरान दो लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए। वहीं ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए विशेषज्ञ और डॉक्टर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए मात्र वैक्सीन और सावधानियां ही उपाय थे। पर अब आपके लिए खुशखबरी है कि कोरोनावायरस से बचाव की दवा भी आ गई है। इसका नाम है मोलनुपिराविर (Molnupiravir)। 

जी हां, मोलनुपिराविर (Molnupiravir) एंटी कोरोना ड्रग है। ऐसी दवा जो कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक करने में सक्षम है। कई देशों में इस दवा को इजाजत दे दी गई है, वहीं अब भारत में भी इस दवा की इमरजेंसी इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। 

पहले जानिए क्या होती है एंटीवायरल ड्रग ? 

एंटीवायरल दवाएं वह दवाएं हैं जो संक्रमण से लड़ने का काम करती है। इन दवाओं को बिना डाक्टरी सलाह के लेने की अनुमति नहीं है। हर प्रकार के संक्रमण के लिए अलग-अलग एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं। ज्यादातर फ्लू के इलाज में एंटीवायरल दवाओं का उपयोग डॉक्टरों द्वारा मरीजों पर किया जाता है। 

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बच्चों के लिए नहीं है कोरोना की नई दवा। चित्र : शटरस्टॉक

ये टैबलेट, कैप्सूल, सीरप, पाउडर या इंट्रावीनस यानी नसों के जरिए भी मरीज के शरीर में पहुंचाई जाती हैं। अन्य वायरल बीमारियों में एंटीवायरल ड्रग शुरू के 48 घंटों के भीतर दिए जाने की सलाह है। वहीं कोविड -19 के एंटीवायरल ड्रग की बात की जाए, तो इसका 5 दिन का कोर्स तैयार किया गया है और यह कैप्सूल है।

कैसे काम करती है एंटी वायरल ड्रग? 

विश्व स्वास्थ संगठन (World Health Organisation) के अनुसार एंटीवायरल ड्रग हर साल करोड़ों लोगों की जान बचाने का काम करता है। एंटीवायरल ड्रग वायरस खत्म करने के लिए दो प्रकार से शरीर में काम करती है। पहला बैक्टीरिया पर सीधा हमला करके उन्हें खत्म करना और दूसरा बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकना। 

दरअसल जब भी वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो काफी तेजी से मल्टीपल होने लगता है। वायरस में मौजूद स्पाइक प्रोटीन हमारे शरीर की कोशिकाओं से चिपक जाते हैं और उन्हें खराब करना शुरू कर देते हैं। इसीलिए बीमारी की शुरुआत में ही एंटीवायरल ड्रग सबसे ज्यादा कामयाब है।

चलिए जानते हैं क्या है Covid -19 की एंटीवायरल ड्रग Molnupiravir ?

असल में Molnupiravir नई दवा नहीं है, बल्कि इसे इनफ्लुएंजा वायरस का इलाज करने के लिए विकसित किया गया था। यह दो नामों MK-4482 और EIDD-2801में थी। इसे कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज मे सफल पाया गया। जिसके बाद इसमें कुछ बदलावों के साथ इसे एंटीवायरल ड्रग के रूप में पेश किया गया है। यह मुंह के जरिए पानी से खाए जाने वाले कैप्सूल हैं। यह दवा कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकती है।

भारत में कौन बना रहा है यह एंटीवायरल ड्रग? 

ड्रग की आवश्यकता को देखते हुए भारत में इस दवा को 13 भारतीय कंपनियां बना रहीं हैं। कोरोनावायरस संक्रमण से बचाने वाली इस दवा को भारत की बड़ी फार्मा कंपनियां जैसे डॉ रेड्डी,सन फार्मा, सिपला, हीटेरो और ऑप्टीमस व अन्य कंपनियां बना रहीं हैं। बताया जा रहा है कि सबसे पहले डॉ रेड्डी की दवाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। 

डॉ रेड्डीज ने इस दवा का Molflu नाम रखा है, जो बाजारों में आने के लिए तैयार है। इसके एक कैप्सूल की कीमत कंपनी ने 35 रूपये रखी है।

एंटीवायरल ड्रग पर क्या है आईसीएमआर की राय? 

आईसीएमआर के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की इस नई दवा के कई स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। आईसीएमआर के डॉ बलराम भार्गव के अनुसार मर्क की कोरोनावायरस गोली को कुछ ‘प्रमुख सुरक्षा चिंताओं’ के कारण राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल में नहीं जोड़ा गया है। 

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Covid-19 new strain India mein aa gaya hai
कोरोना के हर स्ट्रेन में काम आएगी Molnupiravir . चित्र:शटरस्टॉक

डॉ. भार्गव कहते हैं, “अमेरिका ने गंभीर-मध्यम कोविड रोग में 3% की कमी के साथ 1,433 रोगियों के आधार पर मोलनुपिरवीर को मंजूरी दी। दवा टेराटोजेनिसिटी, म्यूटेजेनेसिटी का कारण बन सकती है और कार्टिलेज को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यह मांसपेशियों के लिए भी हानिकारक हो सकती है।

इस दवा के बारे में जानिए यह बड़ी जानकारी 

कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इस दवा की डोज 200 एमजी होगी। इसे 5 दिन के कोर्स के तौर पर संक्रमित व्यक्ति को दिया जाएगा जिसमें कोरोना के गंभीर लक्षण होंगे। यह डेल्टा वैरिएंट पर पूरी तरह से काम करेगी। दिन में किसी भी संक्रमित व्यक्ति को 8 गोलियों का सेवन करना होगा। यानी 5 दिन में कुल मिलाकर 40 गोलियों का सेवन, जिसकी कीमत करीब 1400 रुपए होगी।

कब दी जाएगी दवा 

इस दवा का सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करना है और इसे 18 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने की अनुमति नहीं है। 

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इसे 5 दिन के कोर्स के तौर पर संक्रमित व्यक्ति को दिया जाएगा जिसमें कोरोना के गंभीर लक्षण होंगे। चित्र : शटरस्टॉक

ध्यान दें कि कोई भी व्यक्ति इसे अपनी मर्जी से इस्तेमाल नहीं कर सकता। केवल कोविड-19 के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को ही डॉक्टरी सलाह पर यह दवा दी जाएगी। यह दवा दरअसल अमेरिकी फार्मा कंपनी Merck’s ने बनाई है। जिसे FDA ने फिलहाल कोरोना की दवा के तौर पर मंजूरी दे दी है।

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