डायबिटीज के उपचार में मददगार हो सकता है कोन स्नेल वेनम, वैज्ञानिकों ने किया दावा

जीवन शैली को परिवर्तित करने वाले डायबिटीज का इलाज संभव है! कई अध्ययन घोंघे के जहर को इसकी औषधि बता रहें हैं! जानिए पूरी खबर।
अदिति तिवारी Updated: 27 Oct 2023, 18:01 pm IST
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आज की अनियमित और अनहेल्दी जीवन शैली के कारण बहुत सारे लोग डायबिटीज (Diabetes) से ग्रस्त हैं। यह बीमारी आपके पूरे लाइफस्टाइल को बदलकर रख देती है। इसमें न सिर्फ अपने पसंदीदा फूड से दूर हो जाते हैं, बल्कि अन्य बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। हालांकि पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम इसे कंट्रोल में कर सकते हैं।

मगर सबसे बड़ी परेशानी की वजह है इसका सही उपचार उपलब्ध न होना। इंसुलिन और दवाएं भी इसे केवल कंट्रोल कर सकती हैं, इसका उपचार नहीं कर सकतीं। मगर निराश न हो, एक ताजा अध्ययन में कोन स्नेल वेनम (Cone Snail venom) अर्थात शंकु आकार के घोंघे से मिलने वाले रसायन को इसका उपचार बताया जा रहा है। इस बारे में आइए और विस्तार से जानते हैं।  

क्या है कोन स्नेल वेनम?

डायबिटीज के उपचार में प्रभावी बताए जा रहे कोन स्नेल वेनम के बारे में जानना दिलचस्प है। आपने कभी न कभी  समुद्र किनारे शेल्स इकट्ठे किए होंगे। इन्हीं शेल्स के अंदर घोंघा रहता है, जिसके जहर की मदद से आप डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन इतनी बड़ी जानकारी के लिए तथ्य होना तो आवश्यक है। इसलिए हम बता रहें हैं इससे जुड़े कुछ विशेष अध्ययनों के बारे में। 

Snail venom diabetes ko theek kar sakta hai
स्नेल का जहर डायबिटीज को जड़ से दूर कर सकता है। चित्र : शटरस्‍टॉक

अध्ययन बता रहें हैं कि डायबिटीज से लड़ने के लिए कितना कारगर है घोंघे का विष  

यूएनएच केमिकल इंजीनियरिंग के शोधकर्ता हरीश वशिष्ठ और बिस्वजीत गोराई ने पाया है कि इस जहर के वेरिएंट, जिसे कोन स्नेल इंसुलिन (Con-Ins) के रूप में जाना जाता है, मधुमेह के इलाज में मदद कर सकता है। यह तेजी से काम करने वाली नई दवाओं के विकास के लिए भविष्य की संभावनाएं प्रदान कर सकता है।

केमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर वशिष्ठ कहते हैं, “मधुमेह खतरनाक दर से बढ़ रहा है, और रोगियों के लिए प्रभावी तथा बजट के अनुकूल दवाओं के विकास के लिए नए विकल्प खोजना महत्वपूर्ण हो गया है।”

हाल ही में प्रोटीन: स्ट्रक्चर, फंक्शन एंड बायोइनफॉर्मेटिक नामक विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित अपने अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने शंकु घोंघे (cone snail) के जहर को करीब से देखा। यह एक हाइपोग्लाइसेमिक (hypoglycemic) प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। शरीर में बने इंसुलिन के विपरीत, यह आपके रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है। 

पोस्टडॉक्टरल रिसर्च एसोसिएट और प्रमुख लेखक, गोराई कहते हैं, “इस विषय पर अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। हमारे शोध से पता चलता है कि छोटे पेप्टाइड के बावजूद, शंकु घोंघा जहर एक व्यवहार्य विकल्प हो सकता है। हमें उम्मीद है कि यह भविष्य में नई और प्रभावी दवाओं के विकास में मदद करेगा।”

Diabetes patient apni lifestyle ka khayal rakhe
मधुमेह के रोगी अपनी दिनचर्या का ख्याल रखें। चित्र:शटरस्टॉक

सावधान रहना भी है जरूरी 

कुछ शंकु घोंघों द्वारा छोड़ा गया इंसुलिन जैसा जहर अत्यधिक खतरनाक हो सकता है। जिससे हाइपोग्लाइसेमिक शॉक (hypoglycemic shock) हो सकता है। घोंघे के जिओग्राफस प्रजातियों का डंक सबसे अधिक जहरीला होता है। इनके द्वारा हुई मानव मृत्यु की खबरें भी आई हैं। यह मामले विशेष रूप से अप्रत्याशित गोताखोरों में देखे गए हैं जो घोंघे के जहर से अवगत नहीं थे।

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