ताजा नारियल के अलावा, नारियल तेल, नारियल क्रीम, नारियल का दूध और गरी का भी हम लोग भोजन में खूब इस्तेमाल करते हैं। शोध बताते हैं कि नारियल में मौजूद पौष्टिक वसा हमारे शरीर को संपूर्ण पोषण देती है। तभी तो नारियल को मेवा, फल और बीज तीनों कहा जाता है। कोकोनट डे (Coconut Day) के अवसर पर क्यों न आज इस खास सुपरफूड (Coconut health benefits) के बारे में विस्तार से बात की जाए।
फल रूप में जहां कच्चे नारियल का प्रयोग अलग-अलग व्यंजनों में किया जाता है, वहीं बीज रूप में सूखा नारियल या गरी मीठे स्वाद के कारण मिठाइयों में इस्तेमाल हाेती है। नारियल से तैयार दूध तो वीगन लोगों के लिए प्लांट मिल्क का सबसे बढ़िया ऑप्शन है। जबकि नारियल पानी गर्मियों का सबसे बढ़िया पेय है। विशेषज्ञ बताते हैं कि नारियल हमारे दिल को भी स्वस्थ रखता (Coconut may be healthy for heart) है।
जब ताजा नारियल देखती हूं, तो बींस की सब्जी खाने की इच्छा होती है। कभी इस रेसिपी को आप भी ट्राई कर सकती हैं। महीन कटे बींस को सरसों का तड़का लगाकर नाम मात्र के सरसों तेल में भून लें। जब वह पकने लगे, तो ग्राइंड किए हुए कच्चे नारियल को उसमें मिक्स कर दें। उतारते समय बींस की मात्रा के अनुसार, काली मिर्च पाउडर और नींबू का रस डाल लें। केरल के ज्यादातर घरों में पकने वाली नारियल और बींस की यह सब्जी बेहद पौष्टिक है। आपको यदि ब्रोकली का स्वाद अच्छा नहीं लगता है, तो उसमें कभी ड्राई नारियल बुरादा और नींबू का रस डाल कर खाएं। सचमुच नारियल हर रूप में स्वादिष्ट और पौष्टिक है।
आमतौर पर नारियल को गुड फैट का स्रोत माना जाता है। प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ इसमें आयरन, मैंगनीज, कॉपर, सेलेनियम, पोटैशियम, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम भी पाया जाता है।
2 टीस्पून ताजा कटे नारियल में 35 कैलोरी, 1 ग्राम से कम प्रोटीन, 3 ग्राम फैट, 2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1 ग्राम फाइबर, 1 ग्राम चीनी पाई जाती है। नारियल को एंटी बैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी भी माना जाता है। यह न सिर्फ वेट लॉस में मदद करता है, बल्कि ब्लड शुगर लेवल को भी मेंटेन करता है। नारियल इम्यून सिस्टम को मजबत करने में मदद करता है और ब्रेन को भी स्वस्थ रखता है। लेकिन क्या नारियल का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी उसी तरह काम करता है?
अमेरिका की नेशनल मेडिसिन लाइब्रेरी पबमेड के अनुसार, कच्चा नारियल गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। लेकिन इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट हमारे हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते। सैचुरेटेड फैट खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का कारण भी बन सकता है, जो धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है। इसलिए अपने दैनिक आहार में कच्चा नारियल या तेल का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
पबमेड द्वारा कोकोनट मिल्क पर भी 35 स्वस्थ वयस्कों पर 8 सप्ताह तक स्टडी की गई। जिन लोगों ने नारियल दूध से बने 200 ग्राम दलिया का सेवन किया, उनमें एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल में उल्लेखनीय कमी आई। सोया दूध से तैयार दलिया खाने वालों की तुलना में एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि हुई।
न्यूजीलैंड में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। इसलिए यहां हार्ट हेल्थ पर सबसे अधिक रिसर्च होते हैं। न्यूजीलैंड के हार्ट फाउंडेशन द्वारा की गई रिसर्च यह सलाह देती है कि कॉलेस्ट्रॉल लेवल मेंटेन रखने के लिए कोकोनट ऑयल मक्खन से बेहतर है। लेकिन सैचुरेटेड फैट कम होने के कारण यह दूसरे प्लांट ऑयल की तरह अच्छा नहीं है।
इसलिए नारियल तेल में पका खाना हृदय रोगियों के लिए सही नहीं है। नारियल तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मुख्य फैटी एसिड लॉरिक एसिड है, जो लॉन्ग चेन फैटी एसिड की तरह शरीर में काम करता है।
पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी की स्टडी बताती है कि कोकोनट वॉटर कोकोनट का इमैच्योर फॉर्म है। इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कम करता है।
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कोकोनट वाटर हार्ट डिजीज के रिस्क को भी कम करता है। लेकिन यदि आप हाई ब्लड प्रेशर की दवा ले रही हैं, तो बहुत अधिक नारियल पानी का सेवन न करें। इससे ब्लड प्रेशर लो भी हो सकता है।