सोनी टीवी के पॉपुलर शो “CID” में फ्रेडी की भूमिका निभाने वाले एक्टर दिनेश फड़नीस (dinesh phadnis death) का 57 साल की उम्र में निधन हो गया। एक्टर पिछले कुछ समय से खराब लिवर की समस्या से जूझ रहे थे। जिसके कारण उन्हें 2 दिसंबर को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। हालांकि इस बीच उनके हार्ट अटैक (heart attack) की खबरें भी आईं। पर इन खबराें का उनके साथी अभिनेता दयानंद शेट्टी ने खंडन किया। इसके बाद मंगलवार को उनके निधन की खबर आई। बताया जा रहा है कि लिवर फेलियर (liver failure) के कारण साेमवार आधी रात 12:08 पर मुंबई कांदिवली के तुंगा हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुंबई से आ रही खबरों के मुताबिक दिनेश लिवर संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति में सुधार न होने पर उन्हें लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया। पर उन्हें नहीं बचाया जा सका। हालांकि लिवर डैमेज एक घातक स्थिति है। पर यह एकदम खराब नहीं होता। बल्कि आपका शरीर धीरे-धीरे इसके खराब होने के संकेत देता है (liver damage symptoms)। जिनमें हाथ-पैरों में सूजन से लेकर त्वचा और आंखों का पीला पड़ना भी शामिल है। लिवर डैमेज के संकेतों के साथ ही आपको उन कारणों के बारे में भी जानना चाहिए, जो आपके लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं (liver damage causes)।
लिवर एक बहुत नाजुक अंग है। खाने से पोषक तत्वों को ग्रहण कर जहां से पूरे शरीर को जरूरी ईंधन प्रदान करता है, वहीं इसके प्रति बरती गई जरा सी लापरवाही भी खतरनाक साबित हो सकती है। पर ऐसा नहीं है कि यह अचानक खराब या फेल हाे जाता है। बल्कि आपका शरीर इसके संकेत देता है।
ज्यादातर लोगों को यह लग सकता है कि लिवर फेल होने का कारण ज्यादा मात्रा में शराब पीना है। पर ऐसा नहीं है। ज्यादा शराब पीने के अलावा और भी बहुत से कारण हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। अपनी लिवर की सुरक्षा में आपको इन सभी चीजों के बारे में जानना चाहिए।
दिनेश 1998 में सीआईडी की शुरुआत से ही इसका हिस्सा रहे हैं। सीआईडी में 20 साल तक एक ऑफिसर का अभिनय करते हुए उन्हें देश भर में लोकप्रियता मिली। हालांकि, दिनेश ने केवल टीवी शो में ही नहीं, बल्कि फिल्मों में भी काम किया है। दिनेश “सरफरोश” में इंस्पेक्टर की भूमिका निभाते हुए नजर आए थे, तो “सुपर 30” में भी ऋतिक रोशन की हिट मूवी में उन्हें देखा गया। इसके अलावा 2000 में रिलीज हुई “मेला” हो या 2001 में रिलीज हुई “ऑफिसर” इन फिल्मों में भी दिनेश ने काम किया था।
हेल्थ शॉट्स ने लिवर डैमेज होने के कारण संबंधी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई के लिवर ट्रांसप्लांटेशन और एचपीवी सर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर विक्रम राऊत से बात की। डॉक्टर ने लिवर फेलियर के कुछ कारण बताते हुए इन्हें नजरअंदाज न करने की सलाह दी है। यदि आप भी इन कारणों में से किसी भी गतिविधि में इंवॉल्व हैं, या आपको कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो फौरन अपने डॉक्टर से मिलें और इसकी जांच करवाएं। अर्ली स्टेज में लिवर फैलियर को रिकवर करना आसान होता है, परंतु बाद में यह जानलेवा हो जाता है।
एंटीबायोटिक्स, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन्स और एंटीकॉन्वल्सेंट सहित कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाएं, एक्यूट लिवर फेलियर का कारण बन सकती हैं। यदि आप तरह की दवाएं ले रही हैं, तो आपको समय-समय पर अपने लिवर की जांच करवानी चाहिए। जिसके बारे में आपको अपने डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए।
कावा, एफेड्रा, स्कलकैप और पेनिरॉयल सहित हर्बल दवाओं और सप्लीमेंट की वजह से एक्यूट लिवर फैलियर हो सकता है। इसलिए यदि आप हर्बल दवाइयां ले रही हैं, तो पूरी तरह से निश्चित न हो जाए। इस स्थिति में भी लीवर की जांच करवाना और समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद महत्वपूर्ण है।
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हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस ई एक्यूट लिवर फेलियर का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा एपस्टीन-बार वायरस, साइटोमेगालो वायरस और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस भी एक्यूट लिवर फेलियर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
टॉक्सिंस जिनमें वाइल्ड मशरूम अमानिटा फालोइड्स भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। जिसे कभी-कभी खाने के लिए सुरक्षित मशरूम समझ लिया जाता है। कार्बन टेट्राक्लोराइड एक अन्य टॉक्सिन है, जो एक्यूट लिवर फेलियर का कारण बन सकता है।
यह एक इंडस्ट्रियल केमिकल है रेफ्रिजरेंट और सॉल्वैंट्स जैसे कि मोम, वार्निश और अन्य सामग्रियों में पाया जाता है। इन सभी टॉक्सिंस की वजह से केडने डैमेज हो सकती है, इसलिए आप जो भी ईटिंग प्रोडक्ट्स ले रही हैं, उसके इनग्रेडिएंट्स को पढ़े बिना इन्हें अपनी डाइट में शामिल न करें।
लिवर फेलियर ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के कारण हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे लिवर में सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति जब लंबे समय तक बनी रहती है, तो लिवर फैलियर का खतरा बढ़ जाता है।
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