फिल्म जगत की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का कार्डियक अरेस्ट के कारण मुंबई में निधन हो गया। वे 71 वर्ष की थी और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहीं थीं। उन्हें मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। सरोज खान को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। हालांकि कोविड-19 की आशंका के चलते उनका यह टेस्ट भी किया गया। पर वह नेगेटिव आया। डॉक्टरों कें मुताबिक उनका देहांत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ।
यह खबर फैलते ही उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। वे बॉलीवुड की डांसिंग क्वीन मानी जाती थीं और लोग उनके डांस के दीवाने थे। हिंदी फिल्मों की सबसे मशहूर डांसिंग दीवा में से एक माधुरी दीक्षित उन्हें अपनी गुरु मानती थीं। फिल्म जगत में लोग उन्हें मास्टर जी ही कहकर पुकारते थे।
बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान को सांस लेने में परेशानी के कारण 20 जून को हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। परंतु गुरुवार देर रात 1.52 पर उनका कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। जैसे ही यह खबर फैली कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है, ज्यादातर लोगों को कोरोना वायरस का संदेह हुआ क्योंकि यह भी कोविड-19 का एक प्रत्यक्ष संकेत माना जाता है।
पर आपको जानना चाहिए कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक सहित और भी कई बीमारियों में सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि सरोज खान का स्वास्थ्य धीरे-धीरे बेहतर हो रहा था, पर गुरुवार देर रात उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार सरोज खान का अंतिम संस्कार शुक्रवार को मुंबई स्थित मलाड के मालवाणी कब्रिस्तान में किया जाएगा।
कार्डियक अरेस्ट को सरल भाषा में समझें तो इसमें दिल के भीतर विभिन्न हिस्सों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान गड़बड़ हो जाता है। इसके चलते दिल की धड़कन अनियंत्रित हो जाती है। जकार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (CPR) के जरिए हार्ट रेट को नियमित किया जाता है। मेडिकल प्रोफेशनल्स की मानें तो जिन लोगों को पहले हार्ट अटैक हुआ हो, उन्हें कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बढ़ जाता है।
जी हां, ये दोनों अलग हैं। हार्ट अटैक के दौरान हार्ट के कुछ हिस्सों में खून का बहाव जम जाता है। और नतीजतन हार्ट अटैक होता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में हार्ट किन्हीं कारणों से काम करना बंद कर देता है और अचानक रुक जाता है।
पहला और सबसे जरूरी उपाय है कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जितना जल्दी हो सके मरीज को उचित चिकित्सा व्यवस्था के लिए हॉस्पिटल लेकर जाएं। ये उन इमरजेंसी कंडीशन्स में से एक है, जिसमें मरीज को तत्काल उपचार की जरूरत होती है।
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