चॉकलेट सिर्फ चॉकलेट नहीं, ये किसी के लिए एक सरप्राइज गिफ्ट, हैप्पीनेस फूड, पीएमएस हैक और मूड बूस्टर भी हो सकती है। जब कभी मूड ऑफ होता है, तो ज्यादातर लोग चॉकलेट खाने की सलाह देते हैं। प्यार जताने और निभाने के लिए चॉकलेट केक से भी ज्यादा पसंद की जाती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि चॉकलेट आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। जी हां, यह आपके ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मददगार हो सकती है। वर्ल्ड चॉकलेट डे (World chocolate day) पर जानते हैं चॉकलेट के ऐसे ही कुछ और लाभ (Chocolate benefits)।
डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे में कंसल्टेंट फिजिशियन इंटरनल मेडिसिन डॉ. प्रसाद कुवालेकर ने हेल्थ शॉट्स को चॉकलेट और ब्लड प्रेशर के कनैक्शन के बारे में विस्तार से समझाया। उनके लाभों क बारे में जानने से पहले चलिए चॉकलेट (Chocolate benefits) के बारे में कुछ और तथ्य जान लेते हैं ।
7 जुलाई 1550 में पहली बार यूरोप में चॉकलेट को इंट्रोड्यूस किया गया था। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल 7 जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद चॉकलेट की गुणवत्ता को समर्पित है। इस दिन को आप तरह-तरह के चॉकलेट को खा कर या घर पर इन्हें तैयार कर के सेलिब्रेट कर सकती हैं।
आप लोगों को चॉकलेट के हेल्दी विकल्पों के बारे में जागरूक कर सकती हैं। आजकल बाजार में मिलने वाले सभी चॉकलेट में भरपूर मात्रा में शुगर मिलाया जाता है। इसलिए हेल्दी कोको पाउडर युक्त चॉकलेट का सेवन करना आप सभी के लिए अधिक सुरक्षित है।
डॉक्टर प्रसाद कहते हैं कि “यह सर्वविदित तथ्य है कि कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ जाता है। हालांकि, बहुत से लोग स्वास्थ्य कारणों से इस उपचार से दूर रहते हैं, लेकिन यह एक गलत धारणा है। जो लोग डार्क चॉकलेट का सेवन करते हैं उनमें अवसाद के लक्षण चॉकलेट नहीं खाने वाले लोगों की तुलना में कम दिखाई देता है।”
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“कोई भी चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा अच्छी नहीं होती और यही बात चॉकलेट पर भी लागू होती है। थोड़ी मात्रा में डार्क चॉकलेट आपको तरोताज़ा रखने के साथ ही बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। उच्च कोको सामग्री वाले डार्क चॉकलेट में सेरोटोनिन पाया जाता है। डार्क चॉकलेट हमारे सिस्टम में सेरोटोनिन स्तर को बढ़ाकर हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है।”
सेरोटोनिन एक प्रभावी एंटीडिप्रेसेंट है जो सभी आंतरिक तनाव से राहत प्रदान करती है। वहीं एंडोर्फिन बेहतर महसूस कराने वाला हार्मोन है। चॉकलेट के सेवन से हमारे मस्तिष्क में एंडोर्फिन का स्तर भी बढ़ जाता है, इस प्रकार यह मानव मस्तिष्क के लिए आरामदायक भोजन बन सकता है। “डार्क चॉकलेट इन हार्मोनों को अधिकतम सीमा तक उत्तेजित कर सकता है, क्योंकि डार्क चॉकलेट में मौजूद कोको एंडोर्फिन रिलीज को अधिकतम कर देते हैं।”
डॉ प्रसाद कहते हैं कि “70% कोको वाली डार्क चॉकलेट को समृद्ध एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स के साथ स्वास्थ्यप्रद माना जाता है। वे वासोडिलेशन का कारण बनते हैं जो ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं। इस प्रकार योर ब्लड प्रेशर को संतुलित रहने में मदद करता है।”
“चॉकलेट और कोको में थियोब्रोमाइन शामिल होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखते हैं और आपके दिल के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं। कोको बीन्स में थियोब्रोमाइन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए डार्क चॉकलेट में सफेद चॉकलेट की तुलना में अधिक थियोब्रोमाइन पाया जाता है।”
डायबिटीज में डार्क चॉकलेट के सेवन को लेकर डॉक्टर की माने तो डार्क चॉकलेट फास्टिंग ग्लूकोज के स्तर को कम करने और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में भी मदद करता है। पर मधुमेह के मरीजों को बाजार में उपलब्ध सामान्य चॉकलेट के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह पर ही पोर्शन तय करना चाहिए।
ऐडेड शुगर युक्त और फ्लेवर्ड चॉकलेट का सेवन न करें। उचित परिणाम के लिए एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल युक्त डार्क चॉकलेट खाना सेहत के लिए उचित रहेगा। 70% कोको युक्त डार्क चॉकलेट का चयन करें, इनका सेवन आपके लिए तमाम रूपों में फायदेमंद हो सकता है। यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सामान्य रखता है और आपके लिए मूड बूस्टर की तरह काम करता है।
चॉकलेट का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हालांकि, इस मीठे व्यंजन का आनंद लेने से पहले, ध्यान रखें कि सेल्फ कंट्रोल जरूरी है। रोजाना चॉकलेट खाने से हमारा दिल और दिमाग दोनों खुश और स्वस्थ रहेंगे। परंतु कोको युक्त डार्क चॉकलेट का चयन करें, न कि फ्लेवर्ड और ऐडेड शुगर युक्त चॉकलेट खाएं। चॉकलेट की मात्रा का भी ध्यान रखें।
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