बदलते मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया के साथ मच्छरों की संख्या भी बढ़ जाती है। जिसके कारण चिकनगुनिया और डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन चिकनगुनिया के मामले में एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, अमेरिका ने चिकनगुनिया को रोकने वाली एक वैक्सीन को मंज़ूरी दे दी है। जिसका मतलब है कि अब चिकनगुनिया से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए उम्मीद की किरण दिखाई दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाली एक बीमारी है। यह बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनती है। इस बीमारी को पहली बार 1952 में दक्षिणी तंजानिया में फैलने के दौरान पहचाना गया था। चिकनगुनिया एक ‘राइबोन्यूक्लिक एसिड’ (आरएनए) वायरस है, जो ‘टोगाविरिडे’ परिवार के ‘अल्फावायरस जीनस’ से संबंधित है। आमतौर पर, इसमें एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस स्पीसीज के मच्छर शामिल होते हैं। ये दोनों प्रजातियां डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित वायरस के लिए भी जानी जाती हैं। WHO के अनुसार, यह मच्छर अधिकतर दिन के उजाले में काटते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 2005 से 2022 तक पूरे विश्व में चिकनगुनिया के 2 मिलियन से अधिक मामले सामने आए हैं। चिकनगुनिया रोग अब एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका सहित 110 से अधिक देशों में अपने पांव पसार चुका है।
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हाल ही में चिकनगुनिया की ‘इक्स्चिक (Ixchiq)’ नामक वैक्सीन को मंज़ूरी दी है। यूएस एफडीए के अनुसार, चिकनगुनिया तेज़ी से फैलने वाली एक बीमारी है, जो विश्व के लिए एक उभरता हुआ संकट है, जिसके रोकथाम के लिए यह वैक्सीन बहुत काम आएगी।
FDA के एक वरिष्ठ अधिकारी पीटर मार्क्स के अनुसार चिकनगुनिया का यह टीका यूरोप की वलनेवा नामक कंपनी ने विकसित किया है। जिसे जल्द ही पूरे विश्व में उपलब्ध करवा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस वैक्सीन को एक खुराक में इंजेक्ट किया जाता है।
इसमें चिकनगुनिया वायरस का एक जीवित लेकिन कमजोर संस्करण होता है। इस वैक्सीन के ट्रायल में उत्तरी अमेरिका में 3,500 लोगों पर दो क्लिनिकल परीक्षण किए गए। जिसमें सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार और मतली जैसे साइड इफैक्ट भी देखे गए। FDA ने बताया कि, टीके के परीक्षण करने वाले लोगों में से मात्र 1.6 प्रतिशत लोगों में इस तरह साइड इफेक्ट देखें गए।
जिसके बाद उन्हें ऐसी समस्याएं 30 दिनों तक रहीं। साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इस टीके पर FDA ने कहा कि उन्हें अभी यह ज्ञात नहीं है कि क्या अभी टीके में मौजूद वायरस मां से गर्भाशय में बढ़ रहें बच्चे में फैल सकता है या नहीं, साथ ही उन्हें इस बात कि जानकारी भी नहीं है कि टीका नवजात शिशुओं में कैसे प्रभाव पैदा कर सकता ।
US FDA ने बताया कि Ixchiq नाम की इस वैक्सीन को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए अप्रूव किया गया है। साथ ही विश्व के जिन देशों में इस समय यह बीमारी अधिक प्रभावी है, सबसे पहले यह वैक्सीन वहां तेज़ी से रोलआउट की जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा व्यक्ति को काटे जाने के 4 से 7 दिन के बीच दिखाई देते हैं। जिनमें अचानक बुखार आना, जोड़ों में दर्द होना शामिल होता है।
अन्य सामान्य संकेतों और लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मतली, थकान और शरीर पर अलग-अलग जगह दाने होना भी शामिल हैं। जोड़ों का दर्द अक्सर गंभीर होता है, जिससे मरीज को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। यह कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक भी रह सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक चिकनगुनिया के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपचार नहीं था, इसलिए मुख्य रूप से जोड़ों के दर्द सहित आम लक्षणों से राहत दिलाने पर ही उपचार केंद्रित होता था।
इसके उपचार में यह मुख्य रूप से बुखार को कम करने के लिए एन्टिपाइरेटिक दवाओं का उपयोग किया जाता था, साथ ही जोड़ों सहित सहित के अन्य दर्दों को कम करने के लिए पेन किलर्स का उपयोग किया जाता था। साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह भी दी जाती थी।
वहीं, अब Ixchiq वैक्सीन के आने की घोषणा के साथ अब इस टीके से चिकनगुनिया के रोकथाम में काफी मदद मिल सकती है।
चिकनगुनिया से बचाव के उपाय के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मच्छरों के काटने से बचने की सलाह देता है। यह संक्रमण की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय है। साथ ही जिन लोगों को संदेह हैं कि उन्हें यह संक्रमण हो गया है, तो भी उन्हें मच्छरों के काटने से खुद को बचाना चाहिए।
ऐसा इसलिए क्योंकि यदि प्रभावित व्यक्ति को मच्छर काटता है , तो मच्छर इन्फेक्टेड हो जाता हैं और जिसके कारण CHIKV संक्रमण तेजी से उन लोगों में फैलने लगता है, जिन्हें उस संक्रमित मच्छर ने काटा है। इसके साथ ही कुछ अन्य तरीकों से भी इसका बचाव किया जा सकता है।
रुके हुए पानी में काफी मच्छर पनपते हैं। ऐसे में गमलों, बाल्टियों और टायर जैसी जगह पर पानी इकट्ठा न होने दें। साथ ही कंटेनरों को नियमित रूप से खाली करें, साफ करें या उन्हें ढक दें। ऐसा करने से आपके आस पास ज्यादा मच्छर नहीं पनपेंगे और आप मच्छर जनित बीमारियों से बचे रहेंगे।
बाज़ार में मिलने वाले मॉस्क्वीटो रेपेलेंट का प्रयोग करें। ऐसा करने से मच्छर आपके आसपास नहीं आएंगे, जिससे बीमारियां होने से बचाव होता है। बच्चों के लिए खासकर मॉस्क्वीटो रेपेलेंट का उपयोग जरूर करें।
खुद की सुरक्षा करने के लिए आपको खुद ही सतर्क रहना की आवश्यकता है। इसलिए लंबी स्लीव्स वाली शर्ट, लंबी पैंट, मोज़े और बंद जूते पहने, ऐसा करने से जिससे मच्छरों के काटने का खतरा कम हो जाता है।
यदि आप चिकनगुनिया के रिपोर्टेड मामलों वाले क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और कीड़ों से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग करें।
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