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World vegetarian day : दिखने में भले ही छोटे हों पर मांस-मछली से भी ज्यादा पौष्टिक हैं ये 3 तरह के सीड्स

अकसर यह माना जाता है कि मांसाहार करने वालों की तुलना में शाकाहारियों में कुछ पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है। पर शायद आप नहीं जानतीं कि पौधों से प्राप्त ये नन्हें बीज उन सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सकते हैं, जिनके लिए लोग एनिमल बेस्ड डाइट की वकालत करते हैं। 
Updated On: 29 Sep 2023, 05:11 pm IST
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mixed seeds ke fayde aur khaane ka tareeka
कद्दू के बीज, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज का मिश्रण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं| चित्र: शटरस्टॉक

एनिमल बेस्ड डाइट (Animal based diet) या मांसाहार (Non veg food) का समर्थन करने वाले अकसर ओमेगा फैटी एसिड (Omega fatty acid) और प्रोटीन (Protein) की दुहाई देते हैं। एक अवधारणा बन चुकी है कि शाकाहारी लोगों में इन दोनों की कमी रहती है। जबकि इन तर्कों का अर्थ है कि शाकाहार के बारे में उनकी समझ कुछ सब्जियों और फलों तक ही सीमित है। जबकि शाकाहार खाद्य पदार्थों का एक बड़ा संसार है।

यहां बीज से लेकर कंद, मूल, फूल, पत्ती तक का सेवन किया जा सकता है। खास बात यह कि हर हिस्से में कुछ खास पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। इस बड़े परिवार के आइए कुछ छोटे सदस्यों की बात करें। जो देखने में भले ही छोटे लगें पर सघन और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का खजाना हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं सीड्स की। पौधों से प्राप्त होने वाले ये 3 तरह के बीज (Seeds benefits) आपको मांस-मछली से भी ज्यादा पोषण दे सकते हैं। जानते हैं सीड्स से कैसे होता है हार्ट अटैक (heart attack) का जोखिम कम।

प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट में हाई प्रोटीन लेवल

प्रचलित मिथ से उलट प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट से हाई प्रोटीन लेवल पाया जा सकता है। ये प्रोडक्ट साबुत अनाज, दालें, नट्स या सीड्स में भी मौजूद रह सकते हैं। प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट हर तरह से सेहत के रक्षक होते हैं। तभी विश्व शाकाहार दिवस (world vegetarian day) पर भी शाकाहार खासकर प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट (Plant based foods) के प्रति जागरूक किया जा रहा है। 

विश्व शाकाहार दिवस (World Vegetarian Day) 

1 अक्टूबर (1 October) को दुनिया भर के कई देश विश्व शाकाहार दिवस (World Vegetarian Day)  मना रहे हैं। अमेरिका, यूरोपीय देश, चीन समेत एशियाई देश इस दिन नॉनवेज यानी मांसाहार से दूरी बना लेते हैं। पशुओं के प्रति प्यार दिखाने और वायुमंडल की सुरक्षा के लिए ही प्लांट बेस्ड डाइट (Plant Based Diet) यानी वीगन डाइट (Vegan Diet) की शुरुआत हुई। 

हालांकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी के आंदोलन के दौरान ही लोगों से शाकाहार अपनाने की अपील कर गये थे। लेकिन 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहार संघ ने 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस (World Vegetarian Day) मनाना औपचारिक रूप से तय किया। इस दिवस के माध्यम से शाकाहार का प्रचार-प्रसार कर फिजिकल और मेंटल हेल्थ में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है। हर वर्ष इस दिवस की विशेष थीम होती है।

विश्व शाकाहार दिवस 2022 थीम (World Vegetarian Day 2022 Theme) 

शाकाहार स्वास्थ्य लाभ, पशुओं के जीवन को बचाने और पृथ्वी को संरक्षित करने में मदद करता है। इसलिए शाकाहार के लाभों के बारे में अपने साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। इससे सभी इंसान एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद कर सकेंगे। अब हम बात करेंगे कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन का प्रमुख स्रोत चिया, हेम्प और फ्लैक्स सीड्स कैसे फायदेमंद हैं 

बहुत खास हैं छोटे-छोटे बीज 

प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट में शामिल सीड्स को तो सुपरफूड कहा जाता है। इनमें से चिया सीड्स, हेम्प सीड्स और फ्लेक्स सीड्स को सबसे अधिक पौष्टिक और सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है। यदि इन तीनों सुपरफूड को भोजन में शामिल किया जाए, तो यह हार्ट हेल्थ (heart ko majboot kaise karein) को भी बढ़ावा देता है। इनके सेवन से दिल की कई बीमारियों से बचाव होता है। पर सबसे पहले जानते हैं कि विश्व शाकाहार दिवस क्या है और इस वर्ष की थीम क्या है ?

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जानें सीड्स से हार्ट को हेल्दी कैसे रखें 

पोषण विशेषज्ञ मधु राय बताती हैं, ‘चिया सीड्स साल्विया हिस्पेनिका एल प्लांट से प्राप्त होता है। ये काले छोटे दाने होते हैं, जो बर्डसीड से काफी मिलते-जुलते हैं। वहीं हेम्प सीड कैनबिस प्लांट से प्राप्त होता है। यह मारिजुआना फैमिली का पौधा है। इसमें टीएचसी की मात्रा मारिजुआना के मुकाबले बहुत कम होती है। यह मटमैले सफेद रंग का होता है।

फ्लेक्स प्लांट से प्राप्त होता है फ्लेक्स सीड (flax seed)। यह हल्के भूरे रंग का होता है। इसे होल सीड के रूप में या ग्राउंड फॉर्म में भी खाया जा सकता है। ये तीनों सीड्स हेल्दी फैट, प्रोटीन और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।’

जानिए आपकी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हैं ये 3 तरह के फूड्स 

1 ओमेगा 3 फैटी एसिड का स्रोत

ओमेगा 3 फैटी एसिड मुख्य रूप से एनिमल फूड जैसे कि मछली के सेवन से मिलता है। जबकि ये तीनों सीड्स ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। यह एसेंशियल फैट हार्ट हेल्थ के लिए बढ़िया होता है। इससे इन्फ्लेमेशन कम होती है। इसके सेवन से कॉलेस्ट्रॉल लेवल घटता है और ब्लड प्रेशर लेवल भी कंट्रोल हो पाता है।

2 एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा

ये तीनों सीड्स एंटीऑक्सीडेंट कंटेंट से भरपूर होते हैं। फ्री रेडिकल्स हार्ट हेल्थ (Heart health) को नुकसान पहुंचाते हैं। जबकि इन सीड्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ाई कर उन्हें खत्म करने में मदद करते हैं। ये हमारे सेल को डैमेज होने से बचाते हैं।

3 प्लांट बेस्ड प्रोटीन का बढ़िया स्रोत

2-3 टेबलस्पून हेम्प सीड से 10 ग्राम प्रोटीन मिल जाता हैं। वहीं चिया और फ्लेक्स सीड से 5 ग्राम प्रोटीन मिलता है। इससे वीगन डाइट वालों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल जाता है। यह हार्ट हेल्थ के लिए भी बढ़िया है।

chia seeds ke fayde
चिया बीजों में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

4 फाइबर का स्रोत

पौधों से प्राप्त इन सभी सीड्स में मौजूद फाइबर प्रीबायोटिक का काम करते हैं। इससे गट में मौजूद बेनिफिशियल बैक्टीरिया को लाभ मिलता है और आपकी गट हेल्थ दुरूस्त रहती है। 

जानिए कैसे करना है प्रयोग

मधु राय के अनुसार, चिया, हेम्प और फ्लैक्स सीड्स, तीनों स्वास्थ्य के लिए बढ़िया हैं। तीनों को होल या ग्राउंड रूप में खाया जा सकता है। अगर आप सभी का एक साथ लाभ लेना चाहती हैं, तो तीनों सीड्स को मिक्स करके भी खाया जा सकता है।

flax seed
पानी में रात भर भिगोकर अलसी के बीज खाने सेे दूना फायदा मिलता है। चित्र: शटरस्टॉक

स्मूदी, योगर्ट, ओटमील, सलाद, चावल जैसे व्यंजनों के अलावा किसी भी प्रकार के बेक्ड फूड में भी आप तीनों सीड्स को मिलाकर प्रयोग कर सकती हैं। 

ध्यान रहे 

तीनों सीड्स को संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए। एक वयस्क व्यक्ति के लिए 1-2 टेबलस्पून मिक्स सीड्स (mixed seeds) लेना पर्याप्त है। इसे रोज खाया जा सकता है। पर अधिक खाने से  शरीर में फैट की आपूर्ति बढ़ सकती है। ज्यादा मात्रा में फैट लेने से उल्टी या डायरिया के लक्षण भी दिख सकते हैं। यदि आप दिल की मरीज हैं, तो तीनों सीड के प्रयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।  

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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