नवरात्रि के दौरान कई लोग नौ दिनो का उपवास करते है। इस समय लोग भक्ति के साथ-साथ अपनी आंतरिक शांति भी प्राप्त करना चाहते हैं। लोग नौ दिन का उपवास कर माता की भक्ति करते हैं और देवी के नौ स्वरूपों को खुश करने का प्रयास करते है। नवरात्रि के दिनों में व्रत से केवल माता ही खुश नहीं होती है, बल्कि आपका शरीर भी खुश होता है। क्योंकि नवरात्रों में उपवास से आपके शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है।
चैत्र महीने के बाद गर्मियों के मौसम का आगमन पूरी तरह से हो जाता है। ऐसे में अगर आप उपवास करेंगे तो आपके शरीर को सर्दियों के बाद गर्मियों के लिए बदलने का मौका मिलेंगा। सर्दियों के मौसम में हम गर्म चीजें ज्यादा खाते है तो अगर एकदम से आप गर्मियों के आते ही ठंडी चीजें खाएंगे तो आपके शरीर को ये समझ नही आ पाएगा और आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाएगा जिससे आप बीमार पड़ सकते है। उपवास के समय आपके शरीर को एक ब्रेक मिल जाएगा जिसके बाद आप उसमें बदलाव कर सकते है जिसके लिए वो तैयार रहेगा।
उपवास का हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ये जानने के लिए हमने बात की डायटिशियन शिखा कुमारी से, शिखा कुमारी क्लिनिकल डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट है। (Dietitian_Shikha_Kumari)
शिखा कुमारी बताती है कि “कैलोरी की सेवन सीमित करके वजन घटाने के लिए उपवास काफी मदद करता है। लेकिन अगर आप व्रत कर रहे है तो ज्यादा तला हुआ खाना न खाएं।”
रिसर्च गेट में छपे एक अध्यन के अनुसार कुल 830 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया गया (531 प्रतिभागी पुरुष थे और 299 प्रतिभागी महिलाएं थीं)। परिणामों ने पुरुष प्रतिभागियों के वजन में कमी दिखाई। एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप वाले मध्य आयु के वयस्कों में रमजान का उपवास शरीर के वजन को कम कर सकता है। अधिक वसा का सेवन और कम शारीरिक गतिविधि के कारण अधिक वजन होना शुरू हो जाता है। अधिक वजन होने के संदर्भ में रोकथाम और प्रबंधन आहार और शारीरिक गतिविधि के संतुलन को बनाए रखकर किया जा सकता है।
उपवास डिटॉक्सिफिकेशन में शामिल कुछ एंजाइमों के उत्पादन और गतिविधि को बढ़ाने में मदद कर सकता है, साथ ही आपके लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है, जो डिटॉक्सिफिकेशन में शामिल मुख्य अंगों में से एक है।
उपवास बल्ड शुगर लेवल को निंयत्रित करता है जिससे डायबटिज और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं में काफी मदद मिलती है।
एक अध्ययन में कहा गया है कि रक्तचाप को सामान्य स्तर से अधिक कम न करके इसे कम करने के लिए उपवास करना सुरक्षित है।
शिखा कुमारी के अनुसार “उपवास शरीर में सूजन को कम करने के लिए भी काम करता है, जो गठिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।”
उपवास रक्त लिपिड प्रोफाइल में सुधार और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हृदय रोग के कम जोखिम को कम करता है। साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है।
रिसर्च गेट में छपे एक अध्यन के अनुसार उपवास शरीर में एलडीएल स्तर को नियंत्रित करने के कई तरीकों में से एक है। मेटा-विश्लेषण के परिणामों में 740 स्वस्थ प्रतिभागियों (500 पुरुष और 240 महिलाएं) का प्रतिनिधित्व करने वाले 13 अध्ययन शामिल थे। इससे पता चला कि शरीर में एलडीएल के स्तर को कम करने के लिए उपवास एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है।
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