इन दिनों ठंड में तापमान काफी गिर रहा है। लो टेम्पेरेचर के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। पेट का रोग उनमें से एक है। इसके कारण स्टमक फ़्लू यानी पेट के फ्लू रोग भी होने लगता है। पेट का फ्लू पेट का संक्रमण भी कहलाता है। बोलचाल की भाषा में इसे पेट में कीड़ा होना भी कहा जाता है। दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) लक्षणों का यह कारण बनता है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि यह रोग क्यों होता है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
स्टमक फ्लू नोरोवायरस की वजह से फैलता है। ठंड के महीनों में पेट के फ्लू के प्रसार के कई कारण हो सकते हैं। भीड़-भाड़,लोगों से नजदीकियां बढ़ना और वातावरण की वजह से स्टमक फ्लू तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है। स्टमक फ्लू संक्रामक है। यह संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क से फैलता है। भोजन, पानी या खाने के बर्तन शेयर करने से या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूषित सतहों को छूने और फिर किसी के मुंह को छूने से भी यह हो सकता है।
स्टमक फ्लू पैदा करने वाला नोरोवायरस कम तापमान में फलता-फूलता है। इसीलिए विंटर सीज़न इस रोग के प्रसार के लिए अनुकूल होता है। विंटर में हवा में नमी घटने की वजह से भी सतहों पर वायरस की मौजूदगी बढ़ती है। उन संक्रमित सतहों के संपर्क में आने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
अगर सर्दी के मौसम में स्टमक फ्लू से अपने आपको बचाना चाहती हैं तो हाइजिन का पूरा ध्यान रखें। बार-बार हाथों को साबुन से धोना एक आसान उपाय है। इससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है। दूषित खानपान के जरिए कुछ रोग फैलते हैं। फूड हाइजिन का ख्याल रखना जरूरी होता है। इसके लिए खुले स्थान पर रखे गए फ़ूड नहीं खाएं। ढंक कर भोजन रखें। बासी भोजन खाने से परहेज़ करें।
पानी की कमी भी स्टमक फ्लू का कारण बनता है। खुद को बचाने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते रहना चाहिए। समुचित मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन से टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालने और शरीर की सामान्य प्रक्रियाओं को बरकरार रखने में मदद मिलती है।
स्टमक फ्लू जैसे इंफेक्शन से अपने आपको बचाने के लिए जरूरी है कि आप ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां ज्यादा भीड़-भाड़ का अंदेशा हो, दूसरों से सटकर न रहें और ऐसी बंद जगहों पर भी न जाएं जहां वायरस के प्रसार का खतरा रहता है। बीमार लोगों से भी दूरी रखना समझदारी है। अपनी पर्सनल चीजों को दूसरों के साथ शेयर नहीं करें। सुरक्षित दूरी बनाकर रखने से काफी हद तक रोग के प्रसार से खुद को बचाया जा सकता है। अगर किसी में स्टमक फ्लू के लक्षण दिखायी दे, तो ऐसे लोगों से हर हाल में दूरी बनाकर रखना चाहिए।
आराम करने से लोगों को तेजी से बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है। थकान स्टमक फ्लू का एक आम लक्षण है। आराम करने के लिए लोग घर पर रहते हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है।
अपने आपको और अपने आसपास रहने वाले दूसरे लोगों की सुरक्षा के लिए हमें विंटर में स्टमक फ्लू के लक्षणों पर पैनी निगाह रखनी चाहिए। सर्दियों में नोरोवायरस का खतरा बढ़ जाता है। यह सर्द मौसम में काफी तेजी से पनपता है। हमें विंटर में खुद को बचाने के लिए हर संभव उपाय करना चाहिए। विंटर में अपनी हैल्थ मेंटेन करने के लिए हाइजिन की अच्छी आदतों का पालन करें और माइंडफुल बिहेवियर अपनाएं।
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