सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) एक खगोलीय घटना है। ज्योतिषाचार्यों और वैज्ञानिकों की इस बारे में अलग-अलग राय हो सकती है। पर वे दोनों ही मानते हैं कि सूर्य ग्रहण का समय स्वास्थ्य (Solar eclipse effects) के लिहाज से संवेदनशील होता है।
खासतौर से तब जब सूर्य ग्रहण अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन हो तो लोग जानना चाहते हैं कि क्या इस वक्त योगाभ्यास किया जाना चाहिए? हमने इस बारे में अपनी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. फरज़ाना सिराज से बात की।
रविवार 21 जून को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। यह इस साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जो पूरे भारत में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण की अवधि के बारे में बताया जा रहा है कि यह सुबह 9:15 से शुरू होकर दोपहर 03:04 तक रहेगा। मध्य का समय जब यह पूरी तरह दिखाई देगा वह दोपहर 12:10 का होगा। इस वक्ता सूर्य एक फायर रिंग की तरह दिखाई देगा। कुछ लोग सूर्य ग्रहण के सूतक काल को भी मानते हैं। यह ग्रहण से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक चलता है।
रविवार 21 जून को ही दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीरय योग दिवस मनाया जाना है। इस अवसर पर लोग दुनिया भर में योगाभ्यास कर योग की शक्ति को आत्मसात करने की कोशिश करते हैं। योग तन, मन और प्राण को समायोजित कर संपूर्ण स्वास्थ्य पर काम करता है। इस वर्ष कोविड-19 महामारी और कोरोना वायरस के कारण योग दिवस का प्रारूप कुछ बदला हुआ है।
इस बार योग दिवस की थीम (Theme for International Yoga Day 2020) स्वास्थ्य के लिए योग – घर पर योग (Yoga for Health – Yoga at Home) रखी गई है। ताकि आप सुरक्षित रहकर घरों में अपने परिवार के साथ योग दिवस मना सकें।
भारत सरकार और आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush, Government of India) की ओर से इस पर एक अभियान भी शुरू किया गया है। जिसका नाम है ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ (Yoga at Home,Yoga with Family)। आप भी इस अवसर पर घर पर ही अपने परिवार के साथ योगाभ्यास कर सकती हैं।
सूर्य नमस्कार योगाभ्यास का एक महत्वपूर्ण आसन है। यह आसन असल में 12 आसनों का योग है। अगर आप कम समय में चुस्त बनी रहना चाहती हैं तो आपको अपने हर रोज के रूटीन में सूर्य नमस्कार को शामिल करना चाहिए। यह आपके तन और मन दोनों के लिए संपूर्ण व्यायाम है।
इसलिए योग दिवस पर होने वाले विभिन्न आयोजनों में सूर्य नमस्कार को जरूर शामिल किया जाता है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है सूर्य की पॉजीटिव एनर्जी (Positive Energy) को ग्रहण करते हुए अपने आप को उसके प्रति समर्पित करना।
संयोग से इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीसय योग दिवस और सूर्य ग्रहण एक ही दिन हैं। तो ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि क्या उन्हें इस समय योगाभ्यास करना चाहिए? भले ही इस बार की थीम के अनुसार लोग घर पर रहकर ही योगाभ्यास कर रहे हैं। पर फिर भी वे जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें सूर्य ग्रहण के समय योगाभ्यास करना चाहिए?
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बीएमआई चेक करेंइस पर चैन्नई की हमारी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. फरज़ाना सिराज कहती हैं, “सूर्य असीमित ऊर्जा का स्रोत है। और योग प्राकृतिक ऊर्जा (Natural energy) के सामंजस्य पर आधारित है। इसलिए सूर्य ग्रहण के समय योगाभ्यास नहीं करना चाहिए। परंतु सूर्य ग्रहण से 30 मिनट पहले आप योगाभ्यास कर सकती हैं। घर के अंदर ही रहकर आप सुबह 8:30 बजे तक अपना योगाभ्यास सेशन पूरा कर सकती हैं।”
आप सूर्य ग्रहण के समय मेडिटेशन कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
डॉ फरज़ाना आगे सुझाव देती हैं, “सूर्य ग्रहण के समय आपको केवल ध्यान और प्रार्थना (Meditation and Prayers) करनी चाहिए। ध्यान रखें कि ग्रहण काल में आपकी जो भी भावनाएं होती हैं, वह उसे बढ़ाता है। इसलिए अपने मन और मस्तिष्क में केवल अच्छे और सकारात्मक विचार ही लाएं।”
तो हमें उम्मीद है कि अब आपको इस विषय पर कोई कंफ्यूजन नहीं होगा। आप इस समय का सदुपयोग ध्यान और प्रार्थना में कर सकती हैं। जरूरी है कि अपने और अपने परिवार के बीच सकारात्मकता को बनाए रखें और अपने फिटनेस रूटीन को भी फॉलो करती रहें।